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15 चेक पोस्ट और 120 कर्मचारियों की ड्यूटी: गरियाबंद में आदेश के 9 दिन बाद भी ड्यूटी से गुरेज, ओडिशा के तस्करों को ग्रीन सिग्नल, क्या धान माफिया से है सेटिंग ?

गिरीश जगत, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद के देवभोग तहसील में ओडिशा को जोड़ने वाली सड़क पर 15 चेक पोस्ट के आदेश हैं। 120 कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाई गई, लेकिन आदेश के 9 दिन बाद भी अधिकांश ने ड्यूटी ज्वाइन नहीं की। छत्तीसगढ़ की पिकअप पकड़े जाने के बाद ओडिशा से वाहन बेखौफ होकर सीमा पार कर रहे हैं।

देवभोग तहसील को ओडिशा से जोड़ने वाली 15 सड़कों पर चेक पोस्ट लगाने के लिए एसडीएम कार्यालय देवभोग द्वारा आदेश जारी किया गया था। प्रत्येक चेक पोस्ट पर पटवारी, सचिव रोजगार सहायक, आरक्षक, कोटवार जैसे 8 कर्मचारियों की भी ड्यूटी लगाई गई, जो बारी-बारी से 24 घंटे तैनात रहेंगे।

एसडीएम तुलसी दास द्वारा 20 अक्टूबर को यह आदेश जारी किया गया था। आदेश के बाद निर्धारित स्थानों पर बांस लगाकर कुछ स्थानों पर बैरियर बनाने की सिर्फ औपचारिकता की गई, लेकिन अस्थाई पोस्ट और ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी कहीं नजर नहीं आए। अब तक गांव में डंप किए गए 1000 बोरी धान पकड़े जा चुके हैं।

इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां खरीदी शुरू होने से पहले ही ओडिशा का धान खपाने का खेल किस पैमाने पर चल रहा है। इस खेल में स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों की भी मौन स्वीकृति है, जिसके चलते कार्यवाही आधी-अधूरी नजर आ रही है।

ओडिशा से आने वाले पिकअप बेखौफ होकर सीमा में प्रवेश कर रहे हैं

ओडिशा से आने वाले पिकअप वाहन बेखौफ होकर खुले रास्तों से धान लेकर प्रवेश कर रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि सबसे ज्यादा धान से भरे पिकअप नेशनल हाईवे 130 सी के खुटगांव चेक पोस्ट पर प्रवेश कर रहे हैं। तीन दिन पहले स्थानीय व्यापारियों के तीन पिकअप पकड़े जाने के बाद व्यापारियों ने काम बंद कर दिया है, जिसका सीधा फायदा अब ओडिशा के बिचौलिए उठा रहे हैं।

खुटगांव सीमा के अलावा नागलदेही, पीथापारा, गोहरापदर, धूपकोट, कैंटपदर, केंदूबन, खोकसरा, बरही, झिरीपानी जैसे पोस्टों से धान से भरे पिकअप रोजाना राज्य में पहुंच रहे हैं और बिचौलियों द्वारा बताए गए स्थान पर सीधे डंप किए जा रहे हैं।

बांस के बल्लियों से बनाए गए बैरियर नाम मात्र के लिए बनाए गए हैं _ गोहरापदर चौकी के पीतापारा में तो नाम मात्र के लिए बैरियर बना दिए गए हैं, बांस के बल्लियों को टांगकर छोड़ दिया गया है।

नेशनल हाईवे के खुटगांव में भी राजस्व विभाग की टीम गायब है। यहां आबकारी और पुलिस चेक पोस्ट की टीमें हैं, जिन्हें वाहनों को रोकने पर राजस्व अधिकारियों से बात करने को कहा जाता है।

चूंकि पोस्ट संवेदनशील है, इसलिए पुलिस विभाग ने यहां सीसीटीवी कैमरे भी लगाए हैं, लेकिन उनकी गुणवत्ता इतनी खराब है कि लाइट में कैद वीडियो में भी नंबर प्लेट नहीं दिखाई देती। लाइट कैमरों की जगह हाई-एंड डिजिटल कैमरे लगाने की जरूरत है।

वाहन पकड़े जा रहे हैं, लेकिन कार्रवाई रिकॉर्ड नहीं हो रही

ओडिशा से आने वाले वाहनों को रोकने के लिए अधिकारी दिन-रात ड्यूटी पर रहते हैं, नायब तहसीलदार तो दफ्तर में नजर ही नहीं आते, बताया जाता है कि वे अपने वरिष्ठ अधिकारी के साथ वाहनों को रोकने के लिए 24 घंटे ड्यूटी पर रहते हैं।

सीमा पर वाहनों के पकड़े जाने की खबरें भी सामने आती हैं। लेकिन अब तक रिकॉर्ड में तीन पिकअप और एक ट्रैक्टर के अलावा अन्य वाहनों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा

तहसीलदार चितेश देवांगन ने बताया कि पटवारी पंचायत सचिवों की चेक पोस्ट पर ड्यूटी लगाई गई है, वे चुनाव कार्य की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं। इनके अलावा जितने भी कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है, वे समय पर जा रहे हैं।

फिर भी जांच करते हैं, अगर कोई अपनी ड्यूटी नहीं कर रहा है तो उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। वहीं मामले में जिम्मेदार अधिकारी एसडीएम तुलसीदास ने फोन नहीं उठाया।

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