महंत ने छात्रा से किया दुष्कर्म: मंदिर में हनुमान दरबार लगाता था, चार राज्यों में उसकी तलाश कर रही एमपी पुलिस
Madhya Pradesh Shivpuri Mahant raped a student: मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले में एक महंत ने 11वीं की दिव्यांग छात्रा के साथ मंदिर परिसर में दुष्कर्म किया। इसका खुलासा तब हुआ जब छात्रा गर्भवती हो गई। महंत का नाम रामकिशोर दास है। वह कोलारस क्षेत्र के लुकवासा के इस भाटी सरकार हनुमान मंदिर में दरबार लगाता था। पुलिस ने मामला दर्ज कर रामकिशोर की तलाश शुरू कर दी है।
पुलिस को पता चला है कि मंदिर में बाबा के वेश में रहने वाला यह शख्स शादीशुदा है। उसने पांच साल पहले उत्तर प्रदेश के मथुरा में खुद को सीआरपीएफ जवान बताकर एक लड़की से शादी की थी। फिर वहां से भाग गया। पुलिस उसकी तलाश मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी कर रही है।
सीआरपीएफ जवान बताकर की शादी
कोलारस पुलिस के अनुसार, क्षेत्र में रामकिशोर दास के नाम से मशहूर आरोपी के दो ठिकाने मिले। एक पता नासिक और दूसरा मथुरा में था। पुलिस टीम दोनों ठिकानों पर पहुंची, लेकिन वे फर्जी निकले। जांच में पता चला कि आरोपी ने वर्ष 2019 में मथुरा में शादी की थी। खुद को सीआरपीएफ जवान बताकर आरोपी अपने ससुराल में दामाद बनकर रहने लगा।
जब वह तीन महीने तक काम पर नहीं गया तो उसके ससुराल वालों को शक हुआ। उसके ससुराल वालों ने उससे पूछताछ शुरू की। इसके बाद वह अपनी पत्नी को छोड़कर भाग गया। इस मामले में भी बाबा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
गर्भवती होने पर बाबा की करतूतों का खुलासा हुआ
जुलाई 2024 में कोलारस थाना क्षेत्र की 19 वर्षीय दिव्यांग युवती को पेट दर्द की शिकायत हुई। परिजनों ने उसे अशोकनगर के अस्पताल में भर्ती कराया। यहां लड़की के गर्भवती होने की पुष्टि हुई। पुलिस ने बयान लिया तो लड़की ने बताया कि दिसंबर 2023 में महंत रामकिशोर दास उर्फ बृजेश शर्मा (आधार कार्ड और वोटर कार्ड में दर्ज नाम के अनुसार) ने उसके साथ दुष्कर्म किया था।
बाबा ने धमकी दी थी कि अगर इस मामले के बारे में किसी को बताया तो वह लड़की के पिता को जान से मार देगा। अक्टूबर 2024 में पुलिस ने एफआईआर दर्ज की, लेकिन एक महीने पहले ही बाबा मंदिर से गायब हो गया था।
राम किशोर के दरबार में आते थे अफसर और नेता
ग्रामीण बताते हैं कि राम किशोर 2019 में एक कार से गांव पहुंचा था। उसने मंदिर के कोने में मंगलवार को दरबार लगाना शुरू कर दिया था। वह लोगों की बीमारियों का इलाज झाड़-फूंक से करता था। वह लोगों की समस्याएं सुनता और उनका समाधान बताता था। जैसे-जैसे उसकी प्रसिद्धि बढ़ती गई, दरबार में ग्रामीणों की भीड़ बढ़ने लगी।
ग्रामीण बताते हैं कि बाबा को मानने वालों की संख्या इतनी बढ़ गई थी कि मंदिर के बाहर दरबार के लिए लाइन लग जाती थी। आईपीएस-आईएएस अफसरों के साथ ही क्षेत्रीय नेता भी बाबा के पास आते थे। जिस कार से बाबा यहां आते थे, वह मंदिर में ही खड़ी है।
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