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महाकाली के चल समारोह में हादसा: हाईटेंशन तार की चपेट में आने से 3 लोगों की मौत, हादसे के बाद भी नहीं रुका कार्यक्रम

Madhya Pradesh Seoni 3 people died due to electric shock: मध्यप्रदेश के सिवनी जिले की लखनादौन तहसील के धूमा में 17 अक्टूबर को महाकाली की शोभायात्रा के दौरान हाईटेंशन तार की चपेट में आने से 3 लोगों की मौत हो गई थी। पांच घायल जबलपुर के मेडिकल अस्पताल में भर्ती हैं। घटना के बाद गांव में मातम पसरा है। शुक्रवार को तीनों के शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

मृतक और घायल समिति के सदस्य भी थे। लोगों ने आयोजन समिति, बिजली कंपनी और डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया। घटना वाले दिन का वीडियो भी सामने आया है। हादसे के बाद अफरातफरी मच गई।

घायलों ने कहा- रथ को स्टेडियम की ओर लाते समय हुआ हादसा

जबलपुर के मेडिकल अस्पताल में भर्ती घायल बलराम यादव ने बताया, ‘महाकाली सेवा समिति द्वारा मां काली की 21 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई थी। 17 अक्टूबर को प्रतिमा का विसर्जन होना था। शोभायात्रा की तैयारियां चल रही थीं। शाम के करीब 4 बजे थे। डीजे भी बुलाया गया। रथ को मैदान में रखा गया। इसी रथ में मूर्ति रखकर जुलूस निकाला जाना था। शुरू में मूर्ति रखने के लिए मूर्ति की ऊंचाई के हिसाब से करीब 21 फीट ऊंचे लोहे के पाइप से सपोर्ट बनाया गया।

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मूर्ति करीब 21 फीट ऊंची थी, रथ तीन फीट ऊंचा था, इस तरह रथ की ऊंचाई करीब 24 फीट हो गई। जुलूस के रास्ते में इतनी ही ऊंचाई की हाईटेंशन लाइन भी गुजरी। इस पर ध्यान नहीं गया। स्टेडियम से देवी का रथ पंडाल में लाया जा रहा था। जैसे ही रथ हाईटेंशन तारों के पास से गुजरा, करंट तेजी से फैल गया। रथ में 12 लोग सवार थे। करंट लगने से सभी लोग दूर जा गिरे। इनमें से आठ गंभीर रूप से झुलस गए। 4 लोगों को हल्का करंट लगा। तीन लोग मूर्ति के करीब थे, उन्हें तेज करंट लगा।

गांव में मातम, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल

हादसे के बाद गांव में मातम है। गांव में भीड़ लगी है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। शुक्रवार को जब एक साथ गांव से तीन शव निकाले गए तो हर आंख नम हो गई। तीनों का एक ही श्मशान घाट में अंतिम संस्कार किया गया। कुछ लोगों के आंसू सूख चुके हैं।

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देखने वालों और सुनने वालों के मन में यही सवाल था कि आखिर ऐसी क्या गलती हुई जिसकी इतनी बड़ी सजा मिली। बड़ी बात यह है कि तीनों परिवारों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। ऐसे में घर चलाने की चिंता सता रही है। हालांकि, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपए की मदद देने की घोषणा की है।

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