Ticket in Raipur South Assembly by-election: रायपुर दक्षिण विधानसभा उपचुनाव में टिकट पाने के लिए भाजपा और कांग्रेस में नेताओं की लंबी कतार है। लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद से ही दावेदार सक्रिय हो गए हैं। चुनाव तिथि की घोषणा से कई महीने पहले से ही दावेदारों की चुनावी तैयारियां चल रही हैं।
Ticket in Raipur South Assembly by-election: नेताओं ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से यह भी कह दिया है कि टिकट मिलने पर वे चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। चर्चा है कि कुछ वरिष्ठ नेताओं ने जनसंपर्क भी शुरू कर दिया है।
Ticket in Raipur South Assembly by-election: वहीं, कुछ नेताओं द्वारा दीवार लेखन और बैनर-पोस्टर के जरिए प्रचार करने की खबर है। वहीं, कई नेता दिल्ली भी दौड़ पड़े हैं। कुछ नेताओं के बारे में यह भी चर्चा है कि उन्होंने अलग-अलग स्रोतों से लॉबिंग भी की है।
Ticket in Raipur South Assembly by-election: इस सारी उठापटक के बीच आज 15 अक्टूबर को महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव की तिथियों की घोषणा के साथ ही रायपुर दक्षिण सीट पर उपचुनाव की भी घोषणा हो गई है।
Ticket in Raipur South Assembly by-election: रायपुर दक्षिण सीट पर 13 नवंबर को चुनाव होगा। 23 नवंबर को मतगणना होगी। चुनाव की तारीख घोषित होने के साथ ही भाजपा और कांग्रेस में दावेदारों की कतार लंबी हो गई है।
जानिए भाजपा और कांग्रेस में कौन-कौन हैं दावेदार?
चर्चा है कि प्रदेश महामंत्री सुबोध हरितवाल, पूर्व पार्षद सुमित दास, दीपक मिश्रा और विनोद तिवारी भी टिकट के लिए दावेदारी कर रहे हैं। वैसे जरूरी नहीं है कि इन दावेदारों में कोई नाम तय हो। क्योंकि बताया जा रहा है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दावेदारों के अलावा उपचुनाव में टिकट दे सकती हैं।
कब होंगे चुनाव?
Ticket in Raipur South Assembly by-election: रायपुर दक्षिण विधानसभा में 13 नवंबर 2024 को उपचुनाव होगा और इसके नतीजे 23 नवंबर 2024 को घोषित किए जाएंगे। स्थानीय प्रशासन ने चुनाव प्रक्रिया को लेकर सभी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है।
Ticket in Raipur South Assembly by-election: चुनाव आयोग समय पर चुनाव कराने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश भी जारी करेगा। इस उपचुनाव में भाजपा-कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दलों की ओर से जल्द ही प्रत्याशियों की घोषणा की जाएगी।
भाजपा
- सुनील सोनी – रायपुर से सांसद और महापौर रह चुके हैं. सांसद बृजमोहन अग्रवाल के बेहद करीबी हैं. ओबीसी वर्ग से आते हैं.
- नंदन जैन- प्रदेश कोषाध्यक्ष हैं. संघ की पृष्ठभूमि से आते हैं.
- नरेश गुप्ता- प्रदेश कार्यालय प्रभारी हैं. संघ की पृष्ठभूमि से आते हैं.
- केदार गुप्ता- पार्टी के तेज-तर्रार प्रवक्ता है. पर्यटन मंडल के उपाध्यक्ष रह चुके हैं. पूर्व में ग्रामीण और उत्तर सीट से भी दावेदारी कर चुके हैं.
- संजय श्रीवास्तव- प्रदेश महामंत्री हैं. निगम सभापति और आरडीए अध्यक्ष के पद पर रह चुके हैं. उत्तर सीट से भी प्रबल दावेदारी कर चुके हैं.
- अमित साहू- प्रदेश प्रवक्ता हैं. भाजयुमो के अध्यक्ष रह चुके हैं. पश्चिम और ग्रामीण सीट से दावेदारी कर चुके हैं. ओबीसी वर्ग में साहू समाज से आते हैं.
- अनुराग अग्रवाल- प्रदेश सह-मीडिया प्रभारी हैं.
- मृत्युंजय दुबे, कई बार के पार्षद हैं. महापौर का चुनाव लड़ चुके हैं.
- मीनल चौबे, निगम में नेता-प्रतिपक्ष हैं. पश्चिम सीट से दावेदारी कर चुकी हैं.
कांग्रेस
- कन्हैया अग्रवाल- 2018 में दक्षिण सीट चुनाव लड़ चुके हैं.
- प्रमोद दुबे- निगम सभापति हैं. महापौर रह चुके हैं. लोकसभा का चुनाव लड़ चुके हैं.
- एजाज ढेबर- महापौर हैं. 2018 और 23 में टिकट को लेकर शक्ति प्रदर्शन कर चुके हैं.
- सन्नी अग्रवाल- कर्मकार मंडल के अध्यक्ष रह चुके हैं. 2023 के चुनाव दावेदारी कर चुके हैं.
- आकाश शर्मा- प्रदेश युवा कांग्रेस के अध्यक्ष हैं. पूर्व में भी दावेदारी कर चुके हैं.
1980 में पहली बार भाजपा ने रायपुर विधानसभा चुनाव लड़ा
Ticket in Raipur South Assembly by-election: 1980 के विधानसभा चुनाव में रायपुर की जनता ने चुनाव परिणाम बदल दिया और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने रायपुर टाउन और रायपुर ग्रामीण दोनों सीटों पर कब्जा कर लिया। 1980 में भारतीय जनता पार्टी ने रायपुर टाउन सीट पर पहली बार चुनाव लड़ा।
Ticket in Raipur South Assembly by-election: हालांकि 1980 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर अपनी पकड़ मजबूत करनी शुरू कर दी। 1980 के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को करीब 27 फीसदी वोट मिले।
Ticket in Raipur South Assembly by-election: 1985 के विधानसभा चुनाव में भी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने रायपुर टाउन और रायपुर ग्रामीण दोनों सीटों पर जीत हासिल की, हालांकि 1985 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर मजबूत पैठ बनाई और उस समय भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार वीरेंद्र पांडे पूरे चुनाव में दूसरे नंबर पर रहे।
रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट
Ticket in Raipur South Assembly by-election: 2008 तक रायपुर में सिर्फ़ दो विधानसभा सीटें हुआ करती थीं, जो रायपुर टाउन और रायपुर ग्रामीण थीं. लेकिन 2008 में रायपुर को चार विधानसभा सीटों में बांट दिया गया. जिसमें रायपुर ग्रामीण, रायपुर शहर पश्चिम, रायपुर शहर उत्तर और रायपुर शहर दक्षिण शामिल थे.
Ticket in Raipur South Assembly by-election: बृजमोहन अग्रवाल ने भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर रायपुर शहर दक्षिण से चुनाव लड़ा और 2008 में उन्होंने यह सीट जीतकर भाजपा के खाते में डाल दी. तब से लेकर अब तक साल 2013, 2018, 2023 में रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट भाजपा के खाते में रही.
1990 में बृजमोहन अग्रवाल ने खिलाया था कमल
1990 में पहली बार भारतीय जनता पार्टी के बृजमोहन अग्रवाल ने इस सीट पर जीत दर्ज कर भाजपा का परचम लहराया था। वर्ष 1993 में हुए विधानसभा चुनाव में एक बार फिर बृजमोहन अग्रवाल ने भाजपा से चुनाव लड़ा और कमल खिलाया था।
1998 में भी बृजमोहन अग्रवाल ने जीत दर्ज की थी। राज्य के बंटवारे के बाद वर्ष 2003 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में रायपुर टाउन विधानसभा सीट पर भाजपा का दबदबा कायम रहा। बृजमोहन अग्रवाल फिर विजयी हुए। इस सीट पर भाजपा का कब्जा लगातार बढ़ता गया।
वर्ष 2008 तक रायपुर में केवल 2 विधानसभा सीटें थीं
वर्ष 2008 तक रायपुर में केवल दो विधानसभा सीटें हुआ करती थीं जो रायपुर टाउन और रायपुर ग्रामीण सीट थीं। 2008 में रायपुर कुल चार विधानसभा सीटों में बंटा था जो रायपुर ग्रामीण, रायपुर शहर पश्चिम, रायपुर शहर उत्तर और रायपुर शहर दक्षिण थीं।
2013 के विधानसभा चुनाव में भी यह सीट भाजपा के खाते में गई थी। भाजपा ने जीत का जो सिलसिला शुरू किया वह आगे भी जारी रहा। वर्ष 1990 के बाद बृजमोहन अग्रवाल इस सीट से विजयी योद्धा बने। हर बार जीत उन्हीं के खाते में गई।
बृजमोहन अग्रवाल अजेय योद्धा बने, कमल गढ़ बना
बृजमोहन अग्रवाल द्वारा शुरू किया गया जीत का सिलसिला 2024 तक जारी रहा। अब रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट पर 13 नवंबर को उपचुनाव होने हैं। दोनों ही पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों के नामों की घोषणा नहीं की है।
मतदान की तिथि घोषित होने के बाद उम्मीद है कि उम्मीदवारों के नाम भी जल्द ही सामने आ जाएंगे। अब देखना यह है कि बृजमोहन अग्रवाल ने जो जीत की विरासत बनाई है वह बरकरार रहती है या कांग्रेस कोई चमत्कार करती है। नतीजे तो जनता तय करेगी।
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