छत्तीसगढ़स्लाइडर

गरियाबंद में 42 हाथियों का आतंक: 150 एकड़ फसल और कई घर तोड़े, करीब 2 करोड़ का नुकसान, ग्रामीण बोले- मुर्गा-मटन खाकर मजा उड़ा रहे अधिकारी, सिस्टम को हाथी अलर्ट ऐप से एलर्जी

गिरीश जगत, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में बना हाथी अलर्ट ऐप अभ्यारण समेत देशभर में सफलता की उंचाइयों को छू रहा है, लेकिन ये ऐप जहां बना उसी जिले में वन विभाग के अधिकारी इसे सफल नहीं बना पा रहे हैं, जिससे हाथी ग्रामीणों की जिंदगी नर्क बना रहे हैं। पिछले 15 दिनों से 40-42 हाथी मैनपुर परिक्षेत्र के 12-15 गावों में आतंक मचा रहे हैं। 150 एकड़ से ज्यादा फसल चट कर गए। कई घरों को भी तोड़ा है। इसमें करीब 2 करोड़ का नुकसान हुआ।

क्या है हाथी आतंक की कहानी ?

दरअसल, गरियाबंद के मैनपुर परिक्षेत्र के गांवों ने 15 दिनों से हाथियों का आतंक जारी है। विभाग बगैर मेहनताना के हाथी मित्र के भरोसे छोड़ रखा है। PM आवास के छत पर खुले आसमान में भयभीत ग्रामीणों का डेरा है। ग्रामीणों की सूचना पर वन अमला से पहले विधायक पहुंच गए प्रभावित गांव, ग्रामीणों ने कहा ये मुर्गा मटन खाने आते हैं।

मैनपुर परिक्षेत्र के सिहार, छिंदौला, लुठापारा, लेडी बहारा समेत आस पास के दर्जन भर ग्राम में पिछ्ले 15 दिनों से हाथियों का आतंक है। इन गांव में हाथी किसानों के फसल को भारी नुकसान पहुंचा रहा है, कई लोगों के मकान भी तोड़ डाले, वन विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठी है।

प्रशासन ने नहीं सुना, छतों पर चढ़कर बचा रहे जान

प्रशासन ने नहीं सुना तो पंचायत प्रतिनिधि घनश्याम नागेश, दुलेश्वरी नागेश, डिगेश्वरी समेत कई ग्रामीण क्षेत्रीय विधायक जनक ध्रुव के पैरी सदन निवास पहुंच कर आप बीती बताया। उन्होंने बताया कि किस तरह पखवाड़े भर से बाल बच्चे के साथ वे पक्के मकान के छतों पर दोपहर 3 बजे के बाद जान बचाने चढ़ जाते हैं।

बच्चे स्कूल नहीं जा रहे, किसानी काम ठप पड़ा

बच्चे स्कूल नहीं जा रहे, किसानी काम ठप पड़ा है। विभाग के अफसर केवल आना जाना कर खाना पूर्ति कर रहे है। सूचना के बाद आज विधायक ध्रुव पहुंच विहीन इलाके के लिए बाइक से निकले। 20KM से भी ज्यादा के इस सफर में विधायक को नदी नाला पार करना पड़ा। उनके साथ स्थानीय नेता गण भी मौजूद थे।

उन छतों पर चढ़े विधायक, जहां भयभीत ग्रामीण दिन काट रहे

सूचना के बाद विधायक सुबह से प्रभावित गांव पहुंच कर बर्बाद फसल, मकान को देखा, छत पर चढ़ कर समझने की कोशिश किया कि जान बचाने किस तरह घंटों ग्रामीण यहां गुजारा कर रहे हैं।

विधायक से छिंदौला के हाथी मित्र दल भी मिले, अपनी पीड़ा साझा करते हुए बताया कि कैसे उन्हे बगैर श्रमिक के भुगतान किए विभाग पिछले 9 माह से जोखिम भरा काम में लगा रखा है।

सभी की समस्या सुनने के बाद विधायक ने ग्रामीणों को स्थाई समाधान का भरोसा दिलाया है ,सायरन,टार्च,मशाल और आवश्यक मूवावजा की मांग को लेकर जल्द ही वन मंत्री से भेंट करने की बात विधायक ने कही है।

वन अमले के मुंह पर बोले ग्रामीण- मुर्गा मटन खा कर मजा उड़ा रहे

सूचना के बावजूद रेंजर छबिलाल ध्रुव वन अमले के साथ विधायक की मौजूदगी वाले गांव पहुंचे। ग्रामीणों का दर्द सुन चुके विधायक ने सुरक्षा के उपाय और बर्बाद ही चुके धान मक्का के फसल के मुआवजा की जानकारी लिया।

अफसर ग्रामीणों के सामने नियमित आने की बात कहते दिखे तो भड़के ग्रामीणों ने विभाग की दलील को झूठा बताया,यह भी कहा दिया कि ये आते है तो केवल मुर्गा मटन खा कर मजा उड़ाने,हमारी तकलीफ से उन्हें कोई वास्ता नहीं रहता ।

जनक ध्रुव विधायक बिंद्रानवागढ़

सूचना मिलने पर आज मैं पहुंच विहीन व हाथी प्रभावित इलाका बाइक से पहुंचा।हालात दयनीय है। ताजुब की बात है कि हाथी प्रभावित इलाके के लिए पैकेज के बावजूद ग्रामीणों को वन विभाग राहत दिलाने में नाकाम साबित हो रही है।

मेरे क्षेत्र के ग्रामीणों के दर्द से रूबरू हुआ हु,जिसे राजधानी पहुंच वन मंत्री केदार कश्यप को बताऊंगा।जल्द ही प्रभावित इलाके में राहत की मांग पूरी करने सरकार के समक्ष मांग रखूंगा।

Read More- Landmines, Tanks, Ruins: The Afghanista Taliban Left Behind in 2001 29 IAS-IPS

Show More
Back to top button