Chhattisgarh Kawardha Cow’s death last journey taken out with band-baja: छत्तीसगढ़ की धार्मिक नगरी कवर्धा में गाय की मौत के बाद बैंड बाजे के साथ धूमधाम से अंतिम यात्रा निकाली गई। मोहल्ले के लोगों ने गाय को देखकर उसे श्रद्धांजलि दी। फिर विधि-विधान से उसका अंतिम संस्कार किया गया। इसका वीडियो भी सामने आया है।
दरअसल, सोमवार की सुबह गौपालक राजू पांडे के घर पर लंबे समय से बीमार चल रही गाय की मौत हो गई। उन्होंने अपनी गाय की हर संभव सेवा की थी। इसलिए उन्होंने गाय की अंतिम यात्रा सम्मान के साथ निकालने का विचार किया। राजू ने नई पहल करते हुए सजे-धजे वाहन में गाय की अंतिम यात्रा निकाली।
परिवार के साथ स्थानीय निवासी भी हुए शामिल
अंतिम यात्रा में गौपालक राजू पांडे के परिवार के लोग ही नहीं बल्कि स्थानीय निवासी भी अंतिम दर्शन और विदाई के लिए पहुंचे। इस दौरान गाय के प्रति लोगों का प्यार और सम्मान इस हद तक देखने को मिला कि कई महिलाओं की आंखें नम हो गईं।
गाय को नए कपड़े पहनाए गए
राज्य में किसी भी परिवार के सदस्य की मृत्यु पर उसके शव पर सफेद या पीला कपड़ा डालने की परंपरा है। यहां जब गाय की अंतिम यात्रा किसी घर के सामने से गुजरी तो उस घर की महिलाओं ने जो भी नया कपड़ा मिला उसे गाय के शव पर डालना शुरू कर दिया। कई महिलाओं की आंखों में आंसू आ गए। बड़ी संख्या में महिलाएं गाय को साड़ी ओढ़ा रही थीं।
गाय में होता है भगवान का वास
ग्रामीणों का मानना है कि पुराणों के अनुसार गाय में सभी देवताओं का वास होता है। गाय के दूध को अमृत कहा जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार गाय की सेवा करने से पुण्य बढ़ता है और जीवन-मरण के चक्र से भी मुक्ति मिलती है।
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