डिप्टी स्पीकर Narhari Zirwal मंत्रालय की बिल्डिंग से कूदे: तीसरी मंजिल से छलांग लगाई, जानिए क्यों उठाया खौफनाक कदम ?
Maharashtra Mantralaya Building Deputy Speaker Narhari Zirwal: महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि झिरवाल ने शुक्रवार को मंत्रालय की तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी। उनके साथ विधायक हीरामन खोसकर भी कूद गए। हालांकि, नीचे लगे जाल के कारण उनकी जान बच गई।
Maharashtra Mantralaya Building Deputy Speaker Narhari Zirwal: दोनों आदिवासी विधायक जाल में फंस गए थे। मौके पर पहुंची पुलिस ने उन्हें बाहर निकाला। ऊंचाई से गिरने के कारण झिरवाल की गर्दन में चोट आई है। उनका रक्तचाप भी बढ़ गया है। उनकी जांच के लिए डॉक्टरों की टीम मंत्रालय पहुंची।
धनगर समुदाय को एसटी का दर्जा दिए जाने के खिलाफ झिरवाल
Maharashtra Mantralaya Building Deputy Speaker Narhari Zirwal: झिरवाल उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के एनसीपी गुट के विधायक हैं। वे धननगर समुदाय को एसटी का दर्जा दिए जाने की मांग पर विचार करने के सरकार के फैसले का विरोध कर रहे हैं। जबकि, झिरवाल खुद शिंदे सरकार का हिस्सा हैं
Maharashtra Mantralaya Building Deputy Speaker Narhari Zirwal: इस मामले को लेकर झिरवाल और अन्य आदिवासी विधायकों ने शुक्रवार 4 अक्टूबर को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात की थी।
Maharashtra Mantralaya Building Deputy Speaker Narhari Zirwal: हालांकि, जब बात नहीं बनी तो उन्होंने मंत्रालय की तीसरी मंजिल से छलांग लगा दी। झिरवाल और खोसकर ने आदिवासी समुदाय के समर्थन में नारे भी लगाए।
Maharashtra Mantralaya Building Deputy Speaker Narhari Zirwal: घटना के बाद मंत्रालय में काम ठप हो गया। झिरवाल ने सीएम से मिलने से पहले कहा था- प्लान बी तैयार है नरहरि झिरवाल ने मुख्यमंत्री शिंदे से मिलने से पहले उन्हें चेतावनी दी थी।
Maharashtra Mantralaya Building Deputy Speaker Narhari Zirwal: उन्होंने कहा था कि अगर सीएम हमारी बात नहीं सुनते हैं तो हमारे पास प्लान बी तैयार है। झिरवाल ने कहा कि हम एसटी आरक्षण को प्रभावित नहीं होने देना चाहते। इसके बाद एक घंटे के भीतर ही उन्होंने मंत्रालय की तीसरी मंजिल से कूदकर अपना गुस्सा जाहिर किया।
धनगर समुदाय ओबीसी दर्जा, एसटी आरक्षण की मांग कर रहा है
Maharashtra Mantralaya Building Deputy Speaker Narhari Zirwal: महाराष्ट्र में धनगर समुदाय चरवाहा समुदाय के अंतर्गत आता है। उन्हें वर्तमान में ओबीसी दर्जा प्राप्त है। धनगरों को खानाबदोश जनजाति (एनटी) श्रेणी के तहत शिक्षा और नौकरियों में 3.5% आरक्षण मिलता है।
Maharashtra Mantralaya Building Deputy Speaker Narhari Zirwal: वहीं देश के अन्य हिस्सों में धनगड़, जिन्हें ओरांव, धनका और डोम के नाम से भी जाना जाता है। उन्हें अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा प्राप्त है। धनगर समुदाय मध्य प्रदेश, बिहार, तेलंगाना, गोवा और कर्नाटक में फैला हुआ है।
Maharashtra Mantralaya Building Deputy Speaker Narhari Zirwal: महाराष्ट्र का धनगर समुदाय सालों से दावा करता आ रहा है कि धनगड़ और धनगर एक ही हैं। दोनों में सिर्फ़ स्पेलिंग का अंतर है। वे खुद को अनुसूचित जनजाति (एसटी) में शामिल करने और 7% आरक्षण देने की मांग कर रहे हैं।
Maharashtra Mantralaya Building Deputy Speaker Narhari Zirwal: महाराष्ट्र में धनगर समुदाय की आबादी करीब 1.5 करोड़ है, जो राज्य की कुल आबादी का करीब 13% है। धनगर समुदाय के लोग मराठों के बाद महाराष्ट्र में दूसरा सबसे बड़ा समुदाय होने का दावा करते हैं। पश्चिमी महाराष्ट्र की 25-30 विधानसभा सीटों पर इनका प्रभाव है।
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