सस्ता होगा खाने का तेल: मोदी कैबिनेट ने इस योजना को दी मंजूरी, आम आदमी को बड़ी राहत
Modi cabinet Cooking oil will be cheaper: आम आदमी को बड़ी राहत मिलने जा रही है। केंद्र सरकार ने गुरुवार (3 अक्टूबर) को भारत को खाद्य तेलों के मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए 10,103 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ राष्ट्रीय खाद्य तेल-तिलहन मिशन को मंजूरी दे दी है।
गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया। बता दें कि भारत खाद्य तेलों की अपनी सालाना जरूरत का 50 फीसदी से ज्यादा आयात करता है।
10,103 करोड़ रुपये होंगे खर्च
सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर कहा, “अगले 7 वर्षों में तिलहन उत्पादन में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से, मंत्रिमंडल ने वर्ष 2024-25 से वर्ष 2030-31 के लिए 10,103 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ खाद्य तेलों-तिलहनों पर राष्ट्रीय मिशन (एनएमईओ-तिलहन) को मंजूरी दी है।”
सरकार ने कहा कि मिशन का लक्ष्य वर्ष 2022-23 में प्राथमिक तिलहन उत्पादन को 3.9 करोड़ टन से बढ़ाकर वर्ष 2030-31 तक 6.97 करोड़ टन करना है। इसने कहा, “इसका उद्देश्य तिलहन की खेती को अतिरिक्त 40 लाख हेक्टेयर तक बढ़ाना है।”
इंडोनेशिया और मलेशिया से पाम तेल का आयात
भारत इंडोनेशिया और मलेशिया से पाम तेल और ब्राजील और अर्जेंटीना से सोयाबीन तेल का आयात करता है। सूरजमुखी का आयात मुख्य रूप से रूस और यूक्रेन से किया जाता है।
पीएम राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और कृषि उन्नति योजना को भी मंजूरी
इसके अलावा मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को कैबिनेट की बैठक हुई। सरकार ने पीएम-राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (पीएम-आरकेवीवाई) और कृषि उन्नति योजना को मंजूरी दे दी है। इन दोनों योजनाओं पर सरकार 1.01 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी।
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