ट्रेंडिंगदेश - विदेशधर्मनई दिल्लीस्लाइडर

मिल गया Patal Lok जाने का रास्ता ! Sofa Temple की मूर्तियों के चबूतरे के पास छिपा रहस्य, जानिए क्या है मंदिर का रहस्यमयी इतिहास ?

Path to Patal Lok Sofa Temple Story: प्रकृति की गोद में बसा सोफा मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है। सोफा मंदिर का इतिहास जानकर आपको आश्चर्य होगा कि इस मंदिर में एक गुफा है, जिसका रास्ता सीधा पाताल लोक जाता है। यह मंदिर पंडई नदी के तट पर स्थित है। कहा जाता है कि बिहार के जमुनिया में सोफा मंदिर और इसके चबूतरे का निर्माण भगवान विश्वकर्मा ने किया था।

मंदिर का रहस्यमय इतिहास

Path to Patal Lok Sofa Temple Story: इस मंदिर के रहस्यमय इतिहास के कारण लोगों की इस मंदिर में गहरी आस्था है। वहां के लोगों का कहना है कि भगवान विश्वकर्मा स्वयं देवलोक से आए थे।

Path to Patal Lok Sofa Temple Story: वह मंदिर का निर्माण कर रहे थे। चबूतरे का निर्माण भगवान ने किया था और सुबह होते ही भगवान विश्वकर्मा और उनके अनुयायी इस रास्ते से पाताल लोक चले गए थे।

‘भगवान विश्वकर्मा ने किया है मंदिर का निर्माण’

Path to Patal Lok Sofa Temple Story: मंदिर की प्राचीनता के बारे में माना जाता है कि इसका निर्माण 6वीं शताब्दी में हुआ था। मंदिर का निचला हिस्सा मुगल काल से पहले का बना हुआ है। यहां मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा ने स्वयं अपने हाथों से इस मंदिर का निर्माण करवाया था।

मंदिर की संरचना रहस्यमयी

Path to Patal Lok Sofa Temple Story: मंदिर की मूर्तियों के पास एक चबूतरा है, जिसके नीचे से सीढ़ियां पाताल लोक तक जाती हैं। हालांकि, आज तक इस रहस्य से पर्दा उठाने का काम किसी ने नहीं किया।

मिल गया है पाताल लोक का रास्ता!

Path to Patal Lok Sofa Temple Story: सोफा मंदिर पश्चिमी चंपारण जिले के गौनाहा प्रखंड के दोमाठ गांव में स्थित है। यह मंदिर भारत-नेपाल सीमा के पास स्थित है। शिवालिक की गोद में और पंडई नदी के तट पर स्थित सोफा मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है।

Path to Patal Lok Sofa Temple Story: स्थानीय लोगों की मानें तो मंदिर और इसके चबूतरे का निर्माण भगवान विश्वकर्मा ने किया है। इसे सेतुकुंवरगढ़ का किला भी कहा जाता है। मंदिर परिसर की मिट्टी पूरी तरह लाल है।

चमत्कारी है मंदिर

Path to Patal Lok Sofa Temple Story: कहा जाता है कि पुराने समय में मंदिर के ठीक सामने दक्षिण-पूर्व दिशा में एक तालाब हुआ करता था। जिसमें हंसों का जोड़ा मौज-मस्ती किया करता था। हालांकि, अब इस जगह पर किसानों द्वारा खेती की जाती है।

Path to Patal Lok Sofa Temple Story: ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में भगवान शिव की पूजा करने वाले भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है। चारों तरफ जंगल होने के बावजूद यहां भक्तों की कभी कमी नहीं होती।

सीएम नीतीश भी आ चुके हैं यहां

Path to Patal Lok Sofa Temple Story: जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 2016 में यहां पहुंचे थे, तो मंदिर चर्चा का विषय बन गया था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां भगवान शिव की पूजा की थी।

Path to Patal Lok Sofa Temple Story: मंदिर के आसपास के माहौल और इसकी खूबसूरती को देखकर काफी प्रसन्न हुए थे। उन्होंने यह भी कहा था कि बिहार में इससे खूबसूरत कोई जगह नहीं है।

बाढ़ के दौरान मंदिर का हो रहा था कटाव

Path to Patal Lok Sofa Temple Story: दरअसल, 2016 की बाढ़ आपदा ने पूरे चंपारण को तबाह कर दिया था और यह सोफा मंदिर कटाव का शिकार होने वाला था। मंदिर के नीचे तेजी से कटाव हो रहा था।

Path to Patal Lok Sofa Temple Story: जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इसकी जानकारी मिली, तो वे बिना किसी देरी के इस सोफा मंदिर को बचाने के लिए गौनाहा के दोमाठ पहुंच गए।

सोफा बाबा मंदिर एक पर्यटक स्थल बन गया है

Path to Patal Lok Sofa Temple Story: नीतीश कुमार ने मंदिर का निरीक्षण किया और वहां मौजूद लोगों से वादा किया कि वे किसी भी कीमत पर इस सोफा मंदिर को कटने नहीं देंगे। सोफा मंदिर में स्थित भगवान शिव के दर्शन के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं।

Path to Patal Lok Sofa Temple Story: पहाड़ों, जंगलों और नदी के बीच यह सोफा मंदिर देखने लायक है। जो भी पश्चिम चंपारण जिले के गौनाहा आता है, वह प्रकृति की गोद में बसे सोफा मंदिर में जाकर भोलेनाथ के दर्शन करना नहीं भूलता।

Read More- Landmines, Tanks, Ruins: The Afghanista Taliban Left Behind in 2001 29 IAS-IPS

Show More
Back to top button