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Tirupati Balaji Laddu Controversy: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- जांच चल रही है तो CM ने बयान क्यों दिया, मीडिया में जाने की क्या जरूरत थी ?

Tirupati Balaji Laddu Controversy BJP Subramaniam Swamy Tirupati News: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तिरुपति मंदिर के लड्डू में पशु चर्बी वाले घी के इस्तेमाल के मामले की सुनवाई की। जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की बेंच ने कहा, “जब सीएम चंद्रबाबू नायडू ने प्रसाद में पशु चर्बी की मौजूदगी की जांच का जिम्मा एसआईटी को दिया था, तो उन्हें मीडिया में जाने की क्या जरूरत थी। कम से कम भगवान को तो राजनीति से दूर रखें।”

बेंच ने कहा, “लैब की रिपोर्ट जुलाई में आई थी। यह स्पष्ट नहीं है। मुख्यमंत्री एसआईटी जांच का आदेश देते हैं और फिर सितंबर में मीडिया को बयान देते हैं। संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति ऐसा कैसे कर सकता है?” कोर्ट ने तिरुपति मंदिर की ओर से पेश हुए वकील सिद्धार्थ लूथरा से पूछा, “क्या सबूत हैं कि लड्डू बनाने में दूषित घी का इस्तेमाल किया गया था?”

इस पर उन्होंने कहा कि हम जांच कर रहे हैं। इसके बाद जस्टिस गवई ने पूछा, “फिर तुरंत प्रेस में जाने की क्या जरूरत थी? आपको धार्मिक भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।”

करीब 1 घंटे की सुनवाई के बाद पीठ ने कहा कि हम सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से सुझाव चाहते हैं कि मामले की जांच एसआईटी से कराई जाए या किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी से। सभी याचिकाओं पर 3 अक्टूबर को दोपहर 3:30 बजे एक साथ सुनवाई होगी।

आज कोर्ट में डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी, वाई.वी. सुब्बा रेड्डी, विक्रम संपत और दुष्यंत श्रीधर के अलावा सुरेश चव्हाण की 4 याचिकाएं थीं। स्वामी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजशेखर राव, वाई.वी. सुब्बा रेड्डी की ओर से सिद्धार्थ लूथरा, आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से मुकुल रोहतगी और केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता मौजूद थे।

पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के खिलाफ मामला दर्ज

आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। उन पर प्रसिद्ध तिरुपति लड्डू प्रसादम में इस्तेमाल होने वाले घी में मिलावट के आरोपों के बाद श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर की पवित्रता को नुकसान पहुंचाने और हिंदू धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया है। हैदराबाद के सैदाबाद थाने में एक वकील ने यह शिकायत दर्ज कराई है।

कैसे सामने आया यह विवाद

कर्नाटक सहकारी दुग्ध संघ (केएमएफ) पिछले 50 सालों से ट्रस्ट को रियायती दरों पर घी की आपूर्ति कर रहा था। तिरुपति मंदिर को हर छह महीने में 1400 टन घी की आवश्यकता होती है।

जुलाई 2023 में कंपनी ने कम दर पर आपूर्ति करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद जगन सरकार (वाईएसआरसीपी) ने आपूर्ति का काम 5 फर्मों को दे दिया। इनमें से एक तमिलनाडु के डिंडीगुल में स्थित एआर डेयरी फूड्स है। इसका उत्पाद इस साल जुलाई में दोषपूर्ण पाया गया था।

सीएम नायडू ने लैब रिपोर्ट सार्वजनिक की, विवाद बढ़ा

जुलाई में आई रिपोर्ट में लड्डू में वसा की मौजूदगी की पुष्टि हुई थी। हालांकि, टीडीपी ने दो महीने बाद रिपोर्ट सार्वजनिक की। सीएम नायडू ने 18 सितंबर को आरोप लगाया था कि पिछली जगन सरकार के दौरान तिरुपति मंदिर के लड्डू में इस्तेमाल होने वाले घी में पशु वसा और मछली का तेल मिलाया गया था। टीडीपी ने लैब रिपोर्ट दिखाकर अपने आरोपों की पुष्टि करने का भी दावा किया।

नायडू ने कहा, जब बाजार में घी 500 रुपये किलो उपलब्ध था, तब जगन सरकार ने इसे 320 रुपये किलो खरीदा। ऐसे में सप्लायर द्वारा घी में मिलावट होना लाजिमी था। जगन सरकार द्वारा कम कीमत पर घी खरीदने की जांच की जाएगी। पशुओं की चर्बी वाले घी से बने लड्डू से तिरुपति मंदिर की पवित्रता धूमिल हुई है।

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