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एडवोकेट के या या या बोलने पर भड़के CJI: DY Chandrachud बोले- यह कोर्ट है, कॉफी शॉप नहीं, जानिए फिर अदालत में क्या हुआ ?

CJI DY Chandrachud Vs Advocate Ranjan Gogoi In house Enquiry: सोमवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ उस समय नाराज हो गए जब एक वकील ने सुनवाई के दौरान अंग्रेजी में ‘या..या..’ कहा। उन्होंने वकील को डांटते हुए कहा- यह कॉफी शॉप नहीं है। यह क्या या..या.. है। मुझे इससे बहुत एलर्जी है। इसके लिए अनुमति नहीं दी जा सकती। आप यश बोलिए।

CJI DY Chandrachud Vs Advocate Ranjan Gogoi In house Enquiry: डांट सुनने के बाद वकील ने बताया कि वह पुणे से है। वह मराठी में दलीलें देने लगा, जिस पर सीजेआई ने उसे मराठी में समझाने की कोशिश भी की।

CJI DY Chandrachud Vs Advocate Ranjan Gogoi In house Enquiry: दरअसल, पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई के खिलाफ इन-हाउस जांच की मांग को लेकर याचिका दायर की गई थी। सीजेआई चंद्रचूड़ ने वकील को मामले से पूर्व सीजेआई का नाम हटाने का निर्देश दिया है।

पहले वकील को अंग्रेजी पर पड़ी डांट

एडवोकेट : पूर्व जस्टिस रंजन गोगोई का फैसला वैलिड टर्मिनेशन नहीं था।

CJI चंद्रचूड़ : लेकिन क्या यह अनुच्छेद 32 की याचिका है? आप एक जज को पार्टी बनाकर जनहित याचिका कैसे दायर कर सकते हैं।

एडवोकेट : या..या.. तब CJI रंजन गोगोई ने मुझे एक क्यूरेटिव दायर करने के लिए कहा था।

CJI चंद्रचूड़ : यह एक कॉफी शॉप नहीं है! यह क्या है या..या..। मुझे इससे बहुत एलर्जी है। इसकी परमिशन नहीं दी जा सकती। फिर CJI ने मराठी में वकील को समझाया

CJI चंद्रचूड़: (मराठी में) जज आला पार्टी करत नहीं। तासा कारण है। (आप किसी जज पर आरोप नहीं लगा सकते। कानून में इसके लिए प्रक्रिया है) जब आप किसी हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हैं तो आप यहां जज को दोष नहीं देते।

  • एडवोकेट: मैं काय करत साहेब (मुझे क्या करना चाहिए) ।
  • CJI चंद्रचूड़: तुम्हले सूझत नाहीं (आप मेरी बात बिल्कुल नहीं समझ रहे।)
  • CJI चंद्रचूड़: क्या आप अपील में जस्टिस गोगोई का नाम हटा देंगे।
  • एडवोकेट : हो हो (हां.. हां..) मैं ऐसा करूंगा।
  • CJI चंद्रचूड़: ठीक है आप पहले हटाएं और फिर हम देखेंगे।

पूर्व सीजेआई रंजन के खिलाफ 2018 में याचिका दायर

CJI DY Chandrachud Vs Advocate Ranjan Gogoi In house Enquiry: पूर्व सीजेआई के खिलाफ मई 2018 में याचिका दायर की गई थी। इसमें कहा गया था कि पूर्व सीजेआई गोगोई ने अवैध बयान के आधार पर श्रम कानूनों के तहत सेवा समाप्ति को चुनौती देने वाली याचिका को गलत तरीके से खारिज कर दिया था। उनके फैसले में बड़ी गलतियां थीं।

CJI DY Chandrachud Vs Advocate Ranjan Gogoi In house Enquiry: सुनवाई के दौरान सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि सही हो या गलत, सुप्रीम कोर्ट का अंतिम फैसला आ चुका है। रिव्यू पिटीशन खारिज हो चुकी है। अब आपको क्यूरेटिव दाखिल करना है, लेकिन आप ऐसा नहीं करना चाहते।

CJI DY Chandrachud Vs Advocate Ranjan Gogoi In house Enquiry: सीजेआई ने यह भी साफ किया कि जब किसी हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाती है तो मामले में फैसला सुनाने वाले हाईकोर्ट के जज को पक्षकार नहीं बनाया जाता।

कौन हैं जस्टिस गोगोई

जस्टिस गोगोई फिलहाल राज्यसभा सांसद हैं। वह सुप्रीम कोर्ट में शीर्ष पद पर पहुंचने वाले पूर्वोत्तर से पहले व्यक्ति थे और दशकों पुराने राजनीतिक और धार्मिक रूप से संवेदनशील अयोध्या भूमि विवाद मामले पर फैसला सुनाने का श्रेय उन्हें जाता है। वह 17 नवंबर 2019 को CJI के पद से सेवानिवृत्त हुए।

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