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मारा गया मौत Hassan Nasrallah: Israel ने हेडक्वार्टर को 80 टन बम से उड़ाया, जानिए नसरल्लाह की मौत की कहानी ?

Lebanon Israel War Situation Update Dahieh Hezbollah Headquarters Nasrallah Netanyahu Hezbollah: इजरायली हमले के 20 घंटे बाद हिजबुल्लाह ने चीफ हसन नसरल्लाह (Hassan Nasrallah) की मौत की पुष्टि की है। हिजबुल्लाह ने शनिवार शाम 5 बजे कहा कि शुक्रवार रात 9.30 बजे इजरायली हवाई हमलों में नसरल्लाह मारा गया।

Lebanon Israel War Situation Update Dahieh Hezbollah Headquarters Nasrallah Netanyahu Hezbollah: इजरायली सेना ने राजधानी बेरूत में हिजबुल्लाह के मुख्यालय पर 80 टन के बम से (Hassan Nasrallah) हमला किया। यह इतना भीषण था कि आसपास की 6 इमारतें नष्ट हो गईं। बताया जा रहा है कि नसरल्लाह अपनी बेटी के साथ यहां मौजूद थे।

Lebanon Israel War Situation Update Dahieh Hezbollah Headquarters Nasrallah Netanyahu Hezbollah: आईडीएफ ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, ‘अब दुनिया को नसरल्लाह से डरने की जरूरत नहीं है। वह आतंक नहीं फैला पाएगा।’ नसरल्लाह की हत्या के बाद मध्य पूर्व में तनाव बढ़ गया है।

Lebanon Israel War Situation Update Dahieh Hezbollah Headquarters Nasrallah Netanyahu Hezbollah: इस बीच ईरान में सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने आपात बैठक बुलाई है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक खामेनेई को सुरक्षित (Hassan Nasrallah) जगह पर भेज दिया गया है।

नेतन्याहू ने अमेरिका से हमले का आदेश दिया था

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शुक्रवार को यूएन में भाषण देने के बाद अपने होटल के कमरे से हिजबुल्लाह के मुख्यालय पर हमला करने की अनुमति दी थी। हमले के बाद इजरायली पीएम (Hassan Nasrallah) के कार्यालय ने नेतन्याहू की एक तस्वीर जारी की, जिसमें वह लैंडलाइन फोन से लेबनान में हमले का आदेश दे रहे हैं।

नेतन्याहू ने लेबनान में युद्ध रोकने से इनकार कर दिया

इजरायल ने 26 सितंबर को लेबनान में युद्ध रोकने से इनकार कर दिया था। इजरायली प्रधानमंत्री कार्यालय ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी। कहा गया कि युद्ध विराम (Hassan Nasrallah) की खबरें गलत हैं।

Lebanon Israel War Situation Update Dahieh Hezbollah Headquarters Nasrallah Netanyahu Hezbollah: नेतन्याहू के युद्ध विराम से इनकार करने के बाद व्हाइट हाउस ने कहा था कि युद्ध विराम प्रस्ताव की घोषणा करने से पहले उन्होंने इजरायल से बात की थी। फिर वह इस पर सहमत हो गए।

Lebanon Israel War Situation Update Dahieh Hezbollah Headquarters Nasrallah Netanyahu Hezbollah: सीएनएन के अनुसार, व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जीन पियरे ने कहा कि बुधवार को इजरायली पक्ष की सहमति के बाद ही 21 दिन के युद्ध विराम प्रस्ताव की घोषणा की गई।

Lebanon Israel War Situation Update Dahieh Hezbollah Headquarters Nasrallah Netanyahu Hezbollah: इसके बाद अमेरिका और फ्रांस ने संयुक्त राष्ट्र में इस बारे में एक संयुक्त (Hassan Nasrallah) बयान भी जारी किया, लेकिन कुछ घंटों बाद इजरायल ने इसका खंडन कर दिया।

तारीख- 25 मई, साल- 2000. इजरायली सेना ने दक्षिणी लेबनान पर अपना कब्जा छोड़ दिया. यह लेबनान में हिजबुल्लाह की अब तक की सबसे बड़ी जीत थी.

अगले दिन हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह लेबनान के एक छोटे से शहर बिंत जबैल पहुंचे. भूरे रंग के कपड़े और काली पगड़ी पहने 39 वर्षीय नसरल्लाह ने कहा, “इजरायल के पास परमाणु हथियार हो सकते हैं, लेकिन यह अभी भी मकड़ी के जाले जितना कमज़ोर है.”

करीब 24 साल बाद, 27 सितंबर 2024 को इजरायल ने बेरूत में हिजबुल्लाह के मुख्यालय पर कई टन गोला-बारूद गिराया.

इजरायली पीएम ने एक वीडियो जारी कर नसरल्लाह के 24 साल पुराने बयान की याद दिलाई. नेतन्याहू ने कहा, “हमारे दुश्मनों को लगा कि हम मकड़ी के जाले जितने कमज़ोर हैं, लेकिन हमारे पास स्टील की नसें हैं.”

नेतन्याहू के बयान के कुछ घंटों बाद ही इजरायली सेना ने पुष्टि की कि नसरल्लाह मारा गया है। इजरायली सेना ने कहा, “अब नसरल्लाह दुनिया को आतंकित नहीं कर पाएगा।”

सब्जी बेचने वाले के घर जन्मे, बचपन से ही धर्म से लगाव था

हसन नसरल्लाह का जन्म 31 अगस्त 1960 को एक गरीब शिया परिवार में हुआ था। वे 9 भाई-बहनों में सबसे बड़े थे। उनके पिता लेबनान की राजधानी बेरूत के शारशाबुक इलाके में रहते थे। वे फल और सब्जियां बेचकर परिवार का भरण-पोषण करते थे।

नसरल्लाह की शुरुआती शिक्षा बेरूत के एक ईसाई इलाके में हुई। बचपन से ही उनकी धार्मिक चीजों में रुचि थी। वे ईरान के इमाम सैय्यद मूसा सद्र से काफी प्रभावित थे।

सद्र ने 1974 में लेबनान के शिया समुदाय को मजबूत करने के लिए एक आंदोलन शुरू किया था। लेबनान में इसे ‘अमल’ के नाम से जाना जाता था।

दरअसल, 1974 तक लेबनान में गृहयुद्ध छिड़ चुका था। सत्ता में हिस्सेदारी के लिए शिया, सुन्नी और ईसाई आपस में लड़ने लगे थे। ऐसे में अमल शियाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए जाना जाता था।

15 साल की उम्र में इजराइल से लड़ना शुरू किया

लेबनान में गृह युद्ध छिड़ने के बाद सदर ने दक्षिणी लेबनान को इजराइली घुसपैठ से बचाने के लिए अमल की सशस्त्र शाखा शुरू की। तब 15 वर्षीय नसरल्लाह भी अमल में शामिल हो गए।

जब गृह युद्ध तेज हुआ तो नसरल्लाह का परिवार अपने पैतृक गांव बाजौरीह चला गया। यहां कुछ लोगों ने नसरल्लाह को आगे की पढ़ाई करने की सलाह दी। इसके बाद दिसंबर 1976 में वे इस्लाम की पढ़ाई करने के लिए इराक के नजफ शहर चले गए।

वहां उनकी मुलाकात लेबनान के विद्वान सैयद अब्बास मुसावी से हुई। मुसावी की गिनती कभी लेबनान में मूसा सदर के शिष्यों में होती थी। वे ईरान के क्रांतिकारी नेता अयातुल्ला खुमैनी से काफी प्रभावित थे।

नसरल्लाह को नजफ में रहते हुए सिर्फ 2 साल हुए थे, जब सद्दाम हुसैन ने इराकी मदरसों से लेबनान के शिया छात्रों को निकालने का आदेश दिया। 1978 में इराक में शिया और सुन्नी ताकतों के बीच संघर्ष बढ़ गया, जिसके कारण नसरल्लाह और अब्बास मुसावी को लेबनान लौटने के लिए मजबूर होना पड़ा।

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