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गरियाबंद में बिजली विभाग का ‘बिलकांड’: फर्जी बिल बनाकर हजारों रुपए वसूलने की थी तैयारी, ठेकेदार को कोर्ट में भी घसीटा, अब अफसरों ने मानी गलती

Chhattisgarh Gariaband Electricity Department National Lok Adalat Hearing: गरियाबंद जिले में 7 साल पहले बकाया बिल पटाने के बावजूद ठेकेदार को भुगतान विवाद बताकर बिजली विभाग ने नेशनल लोक अदालत में हाजिर होने का फरमान जारी करा दिया। अफसर पहले मामला पुराना बताकर पल्ला झाड़ते रहे, फिर भुगतान रसीद देख सुर बदल दिए।

दरअसल, बिजली बिल बकाया भुगतान को लेकर बिजली वितरण विभाग 21 सितंबर को अपर जिला न्यालय परिसर में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया है। बकायदारों से समझौता करने इसके लिए विभाग ने सभी को नोटिस देकर अधिवक्ता के साथ उपस्थित होने का फरमान भी जारी किया है। नेशनल लोक अदालत की एक नोटिस गरियाबंद के सिविल कॉन्टेक्टर हेमचंद देवांगन को भी मिला है।

देवांगन इस नोटिस को देख सकते में आ गए

नोटिस में 2015 में आमदी स्कूल भवन निर्माण के लिए टेंपररी कनेक्शन का जिक्र था। जिसमें कहा गया था कि बिजली का बकाया बिल 22404 रुपए का भुगतान नहीं किया गया है। इसी बकाया के भुगतान के लिए नेशनल लोक अदालत में पूर्व वाद प्रस्तुत किया गया है। भुगतान करने अथवा सक्षम अधिकारी के समक्ष अपना पक्ष रखने कहा गया है।

नोटिस मिलने के बाद ठेकेदार हेमचंद गरियाबंद में बिजली विभाग के सहायक अभियंता गणेश प्रसाद बारले से भेंट किया। पहले तो वे पुराना मामला बता कर पल्ला झाड़ लिए। लेकिन ठेकदार ने जब भुगतान रसीद दिखाया तो अफसर ने मामले में लिपकिय त्रुटि बताकर दोषियों पर कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। बारले ने कहा है कि, जरूरत पड़ी तो प्राथमिकी भी दर्ज करा देंगे।

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