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छत्तीसगढ़ पुलिस ने किया शव का अंतिम संस्कार: पिता की मौत के बाद अंतिम-संस्कार के नहीं थे पैसे, अस्पताल में शव छोड़कर जा रहे थे दिव्यांग बच्चे

Chhattisgarh Raigarh Police Businessman Dead Body Last Rites: छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में पिता की मौत के बाद बच्चों के पास अंतिम संस्कार के लिए भी पैसे नहीं थे। दिव्यांग बेटा और बेटी शव को अस्पताल में छोड़कर जा रहे थे। इसकी सूचना जूट मिल पुलिस को मिली तो वे मौके पर पहुंचे। इसके बाद शव का अंतिम संस्कार किया।

रायगढ़ में रहने वाले विनय प्रकाश जायसवाल की तबीयत खराब थी। इसके चलते उन्हें सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस दौरान उनके बेटे और बेटी उनके साथ थे। बच्चों की मां का पहले ही निधन हो चुका है। इलाज के दौरान रविवार को विनय की भी मौत हो गई।

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अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस को दी सूचना

विनय की मौत के बाद उनके बेटे और बेटी पिता के शव को अस्पताल में छोड़कर जा रहे थे। अस्पताल प्रबंधन ने जूट मिल थाने को सूचना दी। थाना प्रभारी मोहन भारद्वाज ने बच्चों को रुकने को कहा और टीम के साथ अस्पताल पहुंचे। वहां से शव को कयाघाट मुक्ति धाम ले जाया गया और अंतिम संस्कार किया गया।

2 साल से रह रहे थे रायगढ़ में

विनय प्रकाश जायसवाल (54) मूल रूप से दिल्ली के गांधीनगर के रहने वाले थे। दिल्ली से आकर वह रायपुर में कुछ व्यवसाय कर रहा था। इसी बीच व्यवसाय में घाटा होने के कारण वह करीब 2 साल पहले अपने बेटे संस्कार प्रकाश (22) और बेटी सुपर्णा प्रकाश (20) के साथ रायगढ़ रहने आ गया। अचानक उसकी तबीयत खराब हो गई।

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बेटा और बेटी दिव्यांग हैं

पुलिस ने बताया कि विनय के दोनों बच्चे दिव्यांग हैं और चलने में सक्षम नहीं हैं। बेटी को बोलने में भी दिक्कत है। पिता के बीमार होने के बाद घर की आर्थिक स्थिति खराब हो गई थी। किसी तरह घर चल रहा था। बेटा चलने में पूरी तरह असमर्थ है, जिसके चलते पुलिस बेटी को भी साथ लेकर मुक्ति धाम आई।

दिल्ली जाने की व्यवस्था

थाना प्रभारी मोहन भारद्वाज ने बताया कि विनय जायसवाल के दिल्ली से परिचित लोग उसे देखने रायगढ़ आए थे। उन्होंने बताया कि बच्चे उनके बेटे के साथ पढ़ते थे। इसलिए वे एक-दूसरे को जानते हैं। इसके बाद पुलिस ने आर्थिक मदद की और बच्चों को उनके परिचितों के साथ दिल्ली जाने की व्यवस्था की।

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