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छत्तीसगढ़ में महिला अधिकारी गिरफ्तार: मत्स्य विभाग में 2.16 करोड़ रुपए का गबन, फर्जी दस्तावेज से फर्मों को दी राशि

Chhattisgarh Rajnandgaon fisheries department scam, then assistant director Geetanjali arrested: छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के मत्स्य विभाग में 2 करोड़ 16 लाख रुपए का घोटाला हुआ है। फर्जी दस्तावेज तैयार कर और प्रशासन को गुमराह कर राशि स्वीकृत की गई थी। अब कोतवाली पुलिस ने तत्कालीन सहायक संचालक गीतांजलि गजभिये (47) को बिलासपुर से गिरफ्तार किया है।

दरअसल मत्स्य विभाग के वर्तमान सहायक संचालक सुदेश कुमार साहू ने 4 जुलाई को थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमें बताया गया था कि तत्कालीन सहायक संचालक गीतांजलि गजभिये ने फर्जी दस्तावेज बनाकर सरकारी राशि का गबन किया है। जांच में यह बात सही पाई गई।

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पुलिस टीम ने कई जिलों में की छापेमारी

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राहुल देव शर्मा के निर्देश पर कोतवाली थाना प्रभारी निरीक्षक अमन साहू की टीम गठित की गई थी। यह टीम लगातार भिलाई, धमतरी, रायपुर और बिलासपुर में कैंप कर आरोपियों के ठिकानों पर दबिश दे रही थी।

गिरफ्तार कर जेल भेजा गया

इसी बीच मुखबिर से सूचना मिलने पर बिलासपुर में घेराबंदी की गई और आरोपी गीतांजलि गजभिये निवासी बख्तावर चाल तुलसीपुर को हिरासत में लेकर राजनांदगांव लाया गया। मामले में पूछताछ के बाद उसे शनिवार 27 जुलाई को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया।

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पूरा मामला 2023 का है

यह पूरा मामला 2023 का है। मछली पालन के लिए पिंजरे की खरीदी में धोखाधड़ी की गई। फर्जी हितग्राही बनाकर हितग्राहियों की जगह तीन पिंजरे बेचने वाली फर्मों के खाते में यह राशि ट्रांसफर की गई। जिसमें राजनांदगांव की तत्कालीन सहायक संचालक गीतांजलि गजभिये की भूमिका प्रमुख रही है।

इन तीनों फर्मों पर भी एफआईआर दर्ज

पिंजरा खरीदी में धोखाधड़ी के मामले में सहायक संचालक गजभिये के अलावा आपूर्तिकर्ता फर्म मेसर्स स्टार सप्लायर बिलासपुर, एसएस एक्वाकल्चर पथरी फिंगेश्वर राजिम और एसएस एक्वाफीड झांकी रायपुर के संचालकों को भी आरोपी बनाया गया है।

हितग्राहियों को दी जाने वाली सब्सिडी की राशि सीधे इन तीनों फर्मों में ट्रांसफर की गई। पुलिस दावा कर रही है कि तीनों फर्मों के संबंध में भी जांच चल रही है। इस मामले में और भी गिरफ्तारियां संभव हैं।

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