छत्तीसगढ़ट्रेंडिंगस्लाइडर

छत्तीसगढ़ में 6000 वनकर्मी करेंगे हड़ताल: बजट के दिन साय सरकार को चेतावनी, जानिए क्या Forest Employees की मांगें ?

Chhattisgarh Forest Employees Protest: छत्तीसगढ़ में दैनिक वेतनभोगी वन कर्मचारी संघ एक बार फिर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की तैयारी में है। प्रदेश के 6000 वन कर्मचारियों ने 4 अगस्त को वन मंत्री, वित्त मंत्री और प्रदेश के उपमुख्यमंत्री के बंगलों का घेराव करने की तैयारी कर ली है। इसके बाद भी मांग पूरी नहीं होने पर 11 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी सरकार को दी है।

Budget 2024 पर भिड़े CM और EX CM: Vishnu Dev Sai बोले- अमृतकाल का बजट, Bhupesh Baghel ने कहा- छत्तीसगढ़ को मिला झुनझुना

वन अधिकारियों पर मनमानी का आरोप

छत्तीसगढ़ दैनिक वेतनभोगी वन कर्मचारी संघ के प्रदेश महासचिव राजकुमार चौहान ने कहा, “वन विभाग में अधिकारियों का तानाशाही रवैया है। कई वन कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है। रायपुर वन विभाग में नए दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी रखे जा रहे हैं।

सावन में दर्शन कीजिए छत्तीसगढ़ के नए ‘नागलोक’ की: 11 अंडों से निकले 13 अजगर, रेस्क्यू कर कुएं से निकाले गए

वेतनभोगी कर्मचारियों को वेतन भी नहीं दिया जा रहा

इसके साथ ही वरिष्ठ अधिकारियों के बंगलों और दफ्तरों में काम करने वाले दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को हर महीने वेतन दिया जाता है, लेकिन दफ्तर और फील्ड में काम करने वाले दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को वेतन भी नहीं दिया जा रहा है।

सावन में दर्शन कीजिए छत्तीसगढ़ के नए ‘नागलोक’ की: 11 अंडों से निकले 13 अजगर, रेस्क्यू कर कुएं से निकाले गए

वेतन वन कर्मचारियों का रोक दिया गया

वन कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री राजकुमार चौहान ने बताया कि महासमुंद वन मंडल में दिसंबर 2023 से मई 2024 तक करीब 6 माह का वेतन वन कर्मचारियों का रोक दिया गया है।

छत्तीसगढ़ के सरपंच की दिल्ली में चर्चा: नितिन गडकरी के आवास तक लुढ़कते हुए पहुंचे, गांव में 2KM पक्की सड़क की मांग

ऐसी स्थिति में दैनिक वेतनभोगी वन कर्मचारियों और उनके परिवारों को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा। इससे वन विभाग में कार्यरत दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी परेशान और आक्रोशित हैं।

छत्तीसगढ़ विधानसभा में बेर पर सियासी बखेड़ा: नेता प्रतिपक्ष बोले- बिना सीजन शबरी के बेर कहां से आए, जो अयोध्या गए, जानिए क्या बोले डिप्टी CM ?

अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी

वन कर्मचारी 25 जुलाई से 3 अगस्त 2024 तक अपनी 9 सूत्रीय मांग को लेकर काली पट्टी बांधकर काम करेंगे। इसके बाद 4 अगस्त 2024 को प्रदेश के वन मंत्री, वित्त मंत्री, उपमुख्यमंत्री के बंगलों का घेराव करेंगे।

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की भाटिया शराब फैक्ट्री को फटकार: वकील बोला- किसानों ने मछलियों को मारकर फेंकी, न्यायालय ने जताई कड़ी नाराजगी, जानिए क्या कहा ?

ऐसा करने के बाद भी सरकार मांग पूरी नहीं करती है तो प्रदेश के दैनिक वेतनभोगी वन कर्मचारी संघ ने अगले माह 11 अगस्त 2024 से प्रदेश स्तर पर अनिश्चितकालीन हड़ताल करने का निर्णय लिया है।

जानिए क्या Chhattisgarh Forest Employees की मांगें ?

  1. वन विभाग में 5 मार्च 2008 से पहले और 31 दिसंबर 2017 तक के दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी, वाहन चालक, डाटा एंट्री ऑपरेटर, कंप्यूटर ऑपरेटर, कार्यालय सहायक, जो बिना नियुक्ति पत्र के काम कर रहे हैं, ऐसे लोगों को नियमित किया जाए.
  2. वन विभाग में 31 दिसंबर 2017 के बाद काम करने वाले दैनिक वेतनभोगी वाहन चालक, कंप्यूटर ऑपरेटर, डाटा एंट्री ऑपरेटर, कार्यालय सहायक, जिनकी अवधि 2 साल पूरी हो चुकी है, उन्हें स्थाई कर्मी बनाकर परमानेंट किया जाए.
  3. वन विभाग में श्रम आयुक्त दर पर काम करने वाले दैनिक वेतनभोगी, दैनिक श्रमिक, वाहन चालक, कंप्यूटर ऑपरेटर, कार्यालय सहायक के लिए आकस्मिक निधि सेवा नियम 2023 लागू किया जाए. जो वर्ष 2024 में वन विभाग में लागू किए जाने के लिए समिति ने सहमति व्यक्त कर दी है.
  4. वन विभाग में जब तक नियमितीकरण और स्थाईकरण नहीं हो जाता, तब तक कोई भी वनरक्षक, वाहन चालक, सहायक ग्रेड 3 और चपरासी जैसे पदों पर सीधी भर्ती न की जाए. उस पर तत्काल रोक लगाई जाए.
  5. वन विभाग के अंतर्गत काम करने वाले दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को 4 महीने से लेकर 6 महीने तक के वेतन का भुगतान नहीं किया गया है. वन विभाग के डिपो में काम करने वाले दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को लगभग 9 महीने का वेतन भुगतान किया जाए.
  6. वित्त विभाग के निर्देश के अनुसार, श्रमायुक्त दर पर काम करने वालों को प्रति महीना 4 हज़ार श्रम सम्मान राशि भुगतान किया जाए. मार्च 2023 से श्रम सम्मान राशि का भुगतान नहीं किया गया है.
  7. वन विभाग के डिपो में एक सुरक्षा श्रमिक से 24 घंटा कार्य लिया जा रहा है, जबकि 24 घंटा कार्य लेने का शासन से ऐसा कोई प्रावधान नहीं है. इसके साथ ही एक वन विभाग के डिपो में कम से कम दो सुरक्षा श्रमिकों को नियुक्त करने की स्वीकृति प्रदान की जाए.
  8. वन विभाग के अंतर्गत केवल रायपुर मुख्यालय स्थित कार्यालय में काम करने वाले प्रोग्रामर, सहायक प्रोग्रामर, डाटा एंट्री ऑपरेटर, कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में काम करने वालों के वेतन में 4 हजार रुपये बढ़ाकर 21 हजार 255 रुपये, 32 हजार 450 रुपये और 42 हजार 543 रुपये किया जाए.
  9. महासमुंद जिले के वन मंडल में रायपुर के मुख्य वन संरक्षक के द्वारा 96 लोगों को स्वीकृति प्रदान किया गया है. लेकिन महासमुंद वन मंडल में 178 दैनिक वेतनभोगी कम कर रहे हैं. ऐसे में 82 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को हटाने की कार्रवाई चल रही है, उन्हें काम से ना निकला जाए.

Read more- Landmines, Tanks, Ruins: The Afghanista Taliban Left Behind in 2001 29 IAS-IPS

Show More
Back to top button