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सुपेबेड़ा में पहली बार किसी मंत्री का स्वागत: 200 बिस्तर वाला अस्पताल, 4 एंबुलेंस को हरी झंडी, 7 डॉक्टरों की नियुक्ति, जानिए मरीज और मिनिस्टर की सीक्रेट बातें

गिरीश जगत, गरियाबंद: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद के सुपेबेड़ा में पहली बार किसी मंत्री का ग्रामीणों ने स्वागत सत्कार किया। इस दौरान मंत्री जी ने मरीज के घर पहुंचकर उनका हाल-चाल जाना। साथ ही परिवार से बातचीत की। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने 200 बिस्तर के अस्पताल की घोषणा की। साथ ही 4 एंबुलेंस को हरी झंडी दिखाई। इसके अलावा साथ में 7 डॉक्टरों की नियुक्ति आदेश लेकर आए थे।

दरअसल, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल पहली बार सुपेबेड़ा पहुंचे थे। यहां अस्पताल, निर्माणाधीन भवन का निरीक्षण के बाद किडनी पीड़ित क्षेत्रपाल के घर गए। इसके बाद स्कूल के पास लगाए चौपाल में ग्रामीणों से रूबरू हुए। माइक थामते ही मंत्री ने कहा कि CM साय और हमारी सरकार को सुपेबेड़ा के हर नागरिक की चिंता है। संवाद कर लोगों की समस्याएं सुनी। उनको धैर्यता से जवाब भी दिए, फिर एक एक करके सुविधाओं को बताते गए।

5 चिकित्सकों की नियुक्ति ऑर्डर साथ लेकर आए

मंत्री ने कहा की पिछली सरकार ने क्या किया, क्या नहीं उस पर बात नहीं करेंगे, लेकिन अब जो बात करेंगे प्रमाणिकता के साथ करेंगे। ग्रामीण उस समय अवाक रह गए, जब उन्हें पहले सुविधा दी गई और दिखाई गई, फिर ऐलान किया गया। मंत्री ने गांव पहुंचने से पहले ही गरियाबंद में सुपेबेड़ा स्पेशल वार्ड का शुभारंभ किया था। वहां तीन एंबुलेंस को हरी झंडी दिखाकर कर चौथी एंबुलेंस अपने साथ ले कर पहुंचे। दो नेफ्रोलोजिस्ट और 5 चिकित्सकों की नियुक्ति आर्डर भी साथ लेकर आए थे।

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किडनी रोग पर अनुसंधान केंद्र खोला जा रहा

साथ ही देवभोग अस्पताल में डायलिसिस यूनिट का शुभारंभ भी किया। इन सुविधाओं को प्रत्यक्ष दिखाने के बाद मंत्री ने सुविधाओं की लिस्ट को आगे पढ़े तो तालियों की गड़गड़ाहट होने लगी। मंत्री ने बताया कि जल्द ही किडनी रोग पर अनुसंधान केंद्र खोला जा रहा है। पीड़ित ग्राम सुपेबेड़ा में सभी वयस्क की अनिवार्य रूप से स्क्रीनिंग और जेनेटिक जांच के लिए लैब की स्थापना और टीम के गठन का ऐलान किया।

सुपेबेड़ा समेत 7 गांवों के लिए कई सुविधाएं

गांव में एक डाइट काउंसलर नियुक्त किए गए जो ग्रामीणों को सेहत के अनुरूप खान पान की पूरी जानकारी देगा। एक कोआर्डिनेटर भी नियुक्त किए गए, जो मरीज को किससे कब और कैसे निशुल्क इलाज मिलेगा, उसकी गाइड करेगा। साथ ही अब से अटेंडर को भी फ्री भोजन दिया जाएगा। यह सुविधा सुपेबेड़ा के अलावा आसपास के 7 गांव के लिए भी होगी।

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अब रायपुर का नहीं लगाना पड़ेगा चक्कर

मंत्री ने यह भी अस्वस्त किया कि जिस इलाज और दवा के लिए रायपुर का चक्कर लगाना पड़ता था, अब नहीं लगाना पड़ेगा। गांव, ब्लॉक या तो जिले में वो सारी सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी। किडनी फाउंडेशन की स्थापना भी की गई है, जिससे किडनी पीड़ित को सहयोग मिलेगा।

जिले में नियुक्त नेफ्रो लोजिस्ट महीने में 2 दिन ब्लॉक में, 2 दिन सुपेबेड़ा में सेवाएं देंगे। मंत्री ने ग्रामीणों से खान पान में सुधार लाने की अपील की। साथ ही कहा कि ग्राम में सेवाएं दे रहे स्वास्थ्य कर्मियों का सहयोग करने की अपील की।

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104 डायल करते ही किडनी रोगियों को मिलेगी मदद

मंत्री ने डायल 104 का भी मंच से ऐलान कर दिया है। इसकी खासियत बताते हुए कहा कि इस नंबर पर डायल करते ही पीड़ित की सूचना प्रदेश स्तर पर मॉनिटरिंग करने वाले अफसरों को होगी। किडनी रोगी को सीधी मॉनिटरिंग ऊपर से होने लगेगी। पीड़ित की जांच से लेकर सम्पूर्ण निशुल्क सुविधा मिलेंगी।

ऐसा पहली बार हुआ, बाजे गाजे के साथ ग्रामीणों ने किया स्वागत

पिछले 15 साल में किडनी पीड़ित ग्राम सुपेबेड़ा में कई मंत्री और वीआईपी का दौरा हुआ, लेकिन आज जो हुआ अब तक नहीं हुआ था। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल जब राजिम विधायक रोहित साहू, पालक विधायक गोवर्धन मांझी समेत प्रदेश के आला अफसरों के साथ जैसे ही गांव पहुंचे।

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ग्रामीणों ने पारंपरिक नृत्य, कीर्तन मंडली और कलश यात्रा के साथ मेहमानों को चौपाल मंच तक ले गए। स्वागत का ऐसा नजारा पहली बार देखने को मिला। ऐसा भी पहली बार हुआ जब किसी मंत्री ने बड़ी घोषणा करने के बजाए अब तक ध्यान नहीं दिया गया।

पॉलिटिक माइलेज नहीं, निष्ठा से समाधान में जुटा हूं

मीडिया के एक सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सुपेबेड़ा की समस्या समाधान के लिए हम इमानदारी से जुटे हैं। मैं हेलीकाप्टर के बजाए सड़क मार्ग से आया। जिले में सुविधा की नींव रखकर गांव और पीड़ितों तक पहुंचा। हमें कोई पॉलिटिकल माइलेज नहीं चाहिए।

उन्होंने कहा कि अफसर, विशेषज्ञ, अनुसंधान की टीम मेरे साथ साथ हैं। इस किडनी की बीमारी को जड़ सहित मिटाने साय सरकार हर संभव कोशिश कर रही है। लौट कर सीएम के समक्ष बाते रखूंगा, जो कमियां हैं जल्द दूर किए जाएंगे।

मंत्री ने कहा कि सीएम साय की सरकार ने अब किडनी रोग को जड़ से खत्म करने की ठान लिया है। मंत्री ने मिल जुल कर काम करने का संकल्प भी दिलाया। मंत्री के साथ स्वास्थ्य सचिव , एनआरएचएम के डायरेक्टर कलेक्टर दीपक अग्रवाल, सीएमएचओ गार्गी यदु समेत डब्ल्यूएचओ के अफसर भी मौजूद थे।

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मरीज ने आर्थिक मदद की मांग दोहराई

स्वास्थ्य मंत्री किडनी रोगी प्रेमजय क्षेत्रपाल के घर उनकी कुशल क्षेम जानने पहुंच गए। 2 साल से बीमार प्रेमजय का घर बैठे पेरिटोनियल डायलिसस हो रहा है। मरीज की पत्नी ने बेहतर इलाज मिलने की बात मंत्री को बताई। साथ ही कहा कि पिछले 2 साल में घर के मुखिया के इलाज में सब कुछ गवां चुके हैं। घर चलाने में दिक्कत हो रही है।

पत्नी पूनम ने पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद देने की मांग को मंत्री के सामने रखा। कहा कि मुखिया के बीमार होने के बाद घर का सारा प्रबंधन चौपट हो गया है। पिछली सरकार ने आंध्र के श्रीकाकुलम्म में दिए जा रहे आर्थिक मदद के तर्ज पर मदद देने का भरोसा दिलाया था। इस सरकारी वायदे को भी पूनम ने स्वास्थ्य मंत्री के सामने रखा है, जिसके बाद मंत्री ने इस पर जल्द ही विचार करने का भरोसा दिलाया है।

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