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Ranu Sahu और Soumya Chaurasia की बढ़ी मुश्किलें: EOW को कोर्ट से 4 दिन की रिमांड, कोयला घोटाला केस में पूछताछ

Chhattisgarh Coal Scam Remand of Ranu Sahu and Soumya Chaurasia to EOW: छत्तीसगढ़ में कोयला घोटाला मामले (coal scam case in Chhattisgarh) में ईओडब्ल्यू को रानू साहू और सौम्या चौरसिया (Ranu Sahu and Soumya Chaurasia) की रिमांड मिल गई है.

Chhattisgarh Coal Scam Remand of Ranu Sahu and Soumya Chaurasia to EOW: ईओडब्ल्यू की टीम दोनों को प्रोडक्शन वारंट पर लेकर रायपुर स्पेशल कोर्ट (Raipur Special Court) पहुंची थी. यहां टीम ने 15 दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन कोर्ट से सिर्फ 4 दिन की रिमांड मिली।

Chhattisgarh Coal Scam Remand of Ranu Sahu and Soumya Chaurasia to EOW: कोयला घोटाला मामले में ईओडब्ल्यू अब 27 मई तक दोनों से पूछताछ करेगी. इससे पहले निलंबित आईएएस रानू साहू और सौम्या चौरसिया रायपुर सेंट्रल जेल में बंद थीं। गुरुवार को न्यायाधीश अतुल श्रीवास्तव की अदालत ने दोनों की रिमांड ईओडब्ल्यू को सौंप दी.

बचाव पक्ष ने कहा- रिमांड के लिए कोई ठोस तथ्य नहीं

बचाव पक्ष के वकील फैसल रिजवी ने कहा कि गिरफ्तारी के बाद ईओडब्ल्यू ने अर्जी दाखिल कर 5 जून तक रिमांड की मांग की है. हमने इसका विरोध किया है. हमने कहा है कि ईडी मामले में एक व्यक्ति को जमानत मिल चुकी है और रानू साहू की जमानत सुप्रीम कोर्ट में लंबित है.

सौम्या चौरसिया की जमानत पर भी हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है, इसलिए दोबारा गिरफ्तारी की जा रही है. रिमांड मांगने के लिए भी कुछ ठोस तथ्य पेश नहीं किए गए। 3 दिन तक पूछताछ हो चुकी है, इसलिए हमने रिमांड पर आपत्ति जताई है.

पहले भी जेल में पूछताछ हो चुकी है

इससे पहले भी विशेष अदालत ने पहले 5 दिन और फिर 3 दिन तक पूछताछ की इजाजत दी थी. फिर टीम ने उनसे 29 मार्च से 2 अप्रैल और फिर 4 से 7 अप्रैल तक रायपुर सेंट्रल जेल में पूछताछ की। इसी मामले में जेल में बंद निलंबित आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई, शिवशंकर नाग और सूर्यकांत तिवारी से पूछताछ की जा चुकी है।

छत्तीसगढ़ में कोयला घोटाला मामले में ईडी की रिपोर्ट के आधार पर एसीबी-ईओडब्ल्यू ने दो पूर्व मंत्रियों और विधायकों समेत 36 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की है. इस बीच एसीबी की टीम ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है.

कोयला घोटाला मामले में अब तक क्या हुआ?

ईडी ने इस मामले में अब तक कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सचिवालय अधिकारी सौम्या चौरसिया, आईएएस समीर विश्नोई समेत 11 लोगों को गिरफ्तार किया है. 222 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई है और पूरे मामले की जांच चल रही है.

Chhattisgarh Coal Scam Remand of Ranu Sahu and Soumya Chaurasia to EOW: प्रवर्तन निदेशालय ने इसे मनी लॉन्ड्रिंग के अलावा राज्य का बड़ा आर्थिक अपराध मानते हुए एसीबी में शिकायत दर्ज करायी थी.

कोल मामले में इन पर FIR

1. कवासी लखमा, विधायक और पूर्व आबकारी मंत्री
2. देवेंद्र यादव, विधायक
3. अमरजीत भगत, पूर्व खाद्य मंत्री
4. बृहस्पत सिंह, पूर्व विधायक
5. गुलाब कमरो, पूर्व विधायक
6. शिशुपाल सोरी, पूर्व विधायक
7. चंद्रदेव प्रसाद राय, पूर्व विधायक
8. यूडी मिंज, पूर्व विधायक
9. समीर विश्नोई, निलंबित IAS
10. रानू साहू, निलंबित IAS
11. सौम्या चौरसिया, पूर्व उप सचिव, सीएम कार्यालय
12. संदीप कुमार नायक, सहायक खनिज अधिकारी
13. शिवशंकर नाग, खनिज अधिकारी
14. सूर्यकांत तिवारी, कोल कारोबारी
15. मनीष उपाध्याय
16. रौशन कुमार सिंह
17. निखिल चंद्राकर
18. राहुल सिंह
19. पारिख कुर्रे
20. मोइनुद्दीन कुरैशी
21. वीरेंद्र जायसवाल
22. रजनीकांत तिवारी
23. हेमंत जायसवाल
24. जोगिंदर सिंह
25. नवनीत तिवारी
26. दीपेश टांक
27. देवेंद्र डडसेना
28. राहुल मिश्रा
29. रामगोपाल अग्रवाल, तत्कालीन कोषाध्यक्ष, कांग्रेस
30. राम प्रताप सिंह, तत्कालीन प्रवक्ता, कांग्रेस
31. विनोद तिवारी, पीईपी
32. इदरीश गांधी, पीईपी
33. सुनील कुमार अग्रवाल
34. जय
35. चंद्रप्रकाश जायसवाल
36. लक्ष्मीकांत तिवारी

 

समझें क्या है Coal Scam और शराब स्कैम?

ED की टीम छत्तीसगढ़ में कोल और शराब से जुड़े स्कैम की जांच कर रही है। यह करीब 2500 करोड़ रुपए से ज्यादा है। इसमें कई IAS अफसरों पर शिकंजा कसा जा चुका है। इसके अलावा कई कारोबारी भी जेल में हैं। अब इसमें पूर्व मंत्री भी फंसते दिखाई दे रहे हैं।

समझें कि क्या है Coal Scam

  • ED ने छत्तीसगढ़ में जांच के बाद 540 करोड़ के कोल लेवी स्कैम का खुलासा किया था। इसमें IAS रानू साहू के अलावा IAS समीर विश्नोई, सौम्या चौरसिया, जेडी माइनिंग एसएस नाग और कारोबारी सूर्यकांत तिवारी को गिरफ्तार किया गया।
  • इसके अलावा कांग्रेस नेता और कुछ कारोबारी भी ED की जांच के दायरे में रहे। इन लोगों से पूछताछ की गई है और इनके घरों से कुछ दस्तावेज भी जब्त किए गए। ED ने पिछले साल 540 करोड़ के अवैध कोल परिवहन का केस दर्ज किया है।
  • कोल परिवहन में कोयला एजेंसियों से प्रति टन 25 रुपए कमीशन वसूलने का आरोप है। ये वसूली सिंडीकेट करता था, सिंडिकेट के लोगों के नाम पर ही FIR हुई है।

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