सिद्धू मूसेवाला रिटर्न: 58 साल की उम्र में मां ने दिया बच्चे को जन्म, पिता ने बताई खुशखबरी, जानिए क्यों लिया यह फैसला ?
Sidhu Moosewala 58-year-old mother Charan Kaur gave birth to a child: पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला के माता-पिता के घर किलकारी गूंजी हैं। 58 साल की उम्र में उनकी मां चरण कौर ने बेटे को जन्म दिया है। सिद्धू मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर फैंस के साथ खुशखबरी साझा की है।
उन्होंने नन्हे मेहमान के साथ फोटो शेयर करते हुए लिखा- शुभदीप के फैंस के आशीर्वाद से भगवान ने शुभ के छोटे भाई को हमारे ग्रुप में शामिल कर लिया है। वाहेगुरु के आशीर्वाद से परिवार स्वस्थ है और सभी शुभचिंतकों के अपार प्यार के लिए आभारी है।
दरअसल, आज से दो साल पहले सिद्धू मूसेवाला की सरेआम हत्या कर दी गई थी। बेटे की मौत के बाद मूसेवाला परिवार के लिए पिछले दो साल कितने मुश्किल रहे, इसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। लेकिन अब परिवार से दुख के बादल दूर हो गए हैं. सिद्धू की कमी तो कभी पूरी नहीं होगी, लेकिन उनके छोटे भाई के रूप में परिवार में खुशियां जरूर लौट आई हैं।
जब पंजाब में एक मशहूर गायक का जन्म हुआ
ऐसा कहा जाता है कि पंजाबी परिवार में हर बच्चा एक विशेष प्रतिभा के साथ पैदा होता है। सिद्धू मूसेवाला का जन्म 11 जून 1993 को चरण कौर और बलकौर सिंह के घर हुआ था। 28 साल की उम्र में उन्होंने अपनी गायकी से पंजाबी इंडस्ट्री में बड़ा नाम कमाया था। कम उम्र में ही उनके पास सारी दौलत और शोहरत थी।
सफलता की सीढ़ियां चढ़ते-चढ़ते उन्होंने कई दुश्मन बनाने शुरू कर दिए। इसी वजह से 29 मई 2022 को मशहूर पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की सरेआम हत्या कर दी गई. शूटरों ने उनकी कार को घेर लिया और अंधाधुंध फायरिंग की. ये शूटर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बरार गैंग के थे।
मूसेवाला के माता-पिता का बुरा हाल था
सिद्धू मूसेवाला अपने माता-पिता की इकलौती संतान थे। अपने इकलौते बेटे की मृत्यु के बाद माता-पिता पर क्या बीतती है ? इस बात को शायद ही शब्दों में बयां किया जा सके। चरण कौर और बलकौर अपने बेटे को खोने के बाद टूट गए थे। वह अपने बेटे की मौत के हत्यारों को सजा देने की मांग करने लगे। सिद्धू मूसेवाला की मौत के दो साल बाद भी वह उस हादसे को नहीं भूल पाए। शायद ही ये गम भुलाया जा सकेगा।
अकेलेपन को दूर करने के लिए बच्चे की योजना बनाई
सिधू मूसेवाला की मृत्यु के बाद उनके माता-पिता अकेले रह गये। उनके जीवन का हर दिन उनके लिए भारी था। जिंदगी के अकेलेपन को दूर करने के लिए उन्होंने दोबारा माता-पिता बनने का फैसला किया।
आईवीएफ के जरिए मां बनीं
58 साल की उम्र में प्राकृतिक रूप से बच्चा पैदा करना मुश्किल होता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चरण कौर और बलकौर ने दोबारा माता-पिता बनने के लिए आईवीएफ तकनीक की मदद ली। चरण कौर की डिलीवरी बठिंडा के सिविल अस्पताल में सुबह 5.58 बजे हुई।
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