गिरीश जगत, गरियाबंद :छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में हरीश वैष्णव (28) नाम के युवक ने बुधवार को घर की छत पर केरोसिन डालकर खुद को आग लगा लिया। उसे रायपुर के अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में स्टाफ नर्स की फर्जी नियुक्ति में इसकी संलिप्तता थी। जिसकी जांच की जा रही है।
डॉक्टर हरीश चौहान ने बताया कि युवक 80 फीसदी तक जल चुका था। प्राथमिक उपचार के बाद उसे रायपुर रेफर किया गया। वहीं, एसडीओपी पुष्पेंद्र नायक ने बताया कि रायपुर में युवक की इलाज के दौरान मौत हो गई है।
एक दिन पहले फर्जी नियुक्ति का हुआ था भंडाफोड़
दरअसल, गोलमाल निवासी नील किशोरी सोनवानी NHM स्टाफ नर्स की नियुक्ति की ज्वाइनिंग लेटर लेकर देवभोग सामुदायिक स्वास्थ केंद्र पहुंची थी। जहां उसे पता चला कि उसकी ज्वाइनिंग लेटर फर्जी है। लेटर में सीएमएचओ का साइन नहीं था।
नियुक्ति के लिए युवती ने दिए साढ़े 3 लाख
अस्पताल प्रबंधन की तरफ से फर्जी लेटर होने की पुष्टि होने के बाद युवती अपने पिता के साथ देवभोग थाने पहुंच गई। दो घंटे बाद युवती बगैर शिकायत किए लौट गई। बताया गया कि हरीश वैष्णव ने रुपए वापस करने का भरोसा दिलाया था। युवती ने इस नियुक्ति के लिए दो किश्तों में साढ़े 3 लाख रुपए दिए थे।
CMHO दफ्तर की भूमिका संदिग्ध, इसलिए सामने नहीं आए
फर्जीवाड़ा का पता देवभोग बीएमओ सुनील रेड्डी को पता चला, तो उसने सीएमएचओ को इसकी सूचना दी थी। लेकिन विभाग एक्शन लेने के बजाए मामला दबाने में जुटा था, तो दूसरे तरफ हरीश वैष्णव के घर में कर्मी भेज बवाल कराने में गुरेज भी नहीं किया।
युवती के पिता ने दिए थे पैसे
बताया जाता है कि हरीश का एक पड़ोसी सीएमएचओ दफ्तर में ऑपरेटर का काम करता है। उसी के साथ मिलकर खेला किया गया था। नियुक्ति पत्र लेने पिता सीएमएचओ दफ्तर गए थे, तो उनसे नगद 2 लाख और गृह ग्राम के सामने पसंदीदा ब्लॉक में पौने डेढ़ लाख हरीश को दिया था।
कहा जाता है कि इस तरह के दो से ज्यादा फर्जी नियुक्ति हुई है। जिसकी जांच स्वास्थ्य विभाग कर रही है। वहीं, युवक के आत्महत्या के बाद पुलिस भी हर पहलू की जांच बारीकी से कर रही है।
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