US first Private moon mission fails Nasa lander will not able to land full details
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क्या खराबी आई मिशन में?
रिपोर्ट के अनुसार, मिशन लॉन्च होने के कुछ घंटों बाद ही एक प्रोपल्शन ग्लिच आ गया। इससे पेरेग्रीन लैंडर के सौर पैनलों को सूर्य की ओर फोकस नहीं किया जा सका। इस वजह से स्पेसक्राफ्ट के बाहरी हिस्से को भी नुकसान हुआ। पेरेग्रीन लैंडर के पास अब लगभग 40 घंटे का फ्यूल बचा है। मिशन आयोजकों का कहना है कि स्पेसक्राफ्ट को अब तबतक ऑपरेट किया जाएगा, जब तक उसमें प्रोपलेंट बचा है।
100 मिलियन डॉलर खर्च किए थे Nasa ने
इस मिशन की कामयाबी के लिए Nasa ने 100 मिलियन डॉलर खर्च किए थे। पेरेग्रीन 1 लूनर लैंडर के जरिए नासा चांद की सतह की संरचना और लैंडिंग वाली जगह के वातावरण में रेडिएशन की जानकारी जुटाना चाहती थी। जाहिर तौर पर मिशन फेल होने से नासा की उम्मीदों को झटका लगा होगा।
ये पहली बार नहीं है, जब किसी प्राइवेट कंपनी ने चांद पर उतरने की कोशिश की और वह फेल हो गई। सबसे पहले अप्रैल 2019 में इस्राइल का बेयरशीट लैंडर चांद की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। पिछले ही साल अप्रैल में जापान की कंपनी आईस्पेस का हुकातो मिशन चांद पर क्रैश कर गया था।
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