New Wage Code: तनख्वाह बढ़ने की खुशी पर लगेगा ग्रहण! बदलने वाली है आपकी सैलरी स्लिप, जानिए क्या है सरकार की योजना ?
नई दिल्ली। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बाद कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि की है. लेकिन आपकी खुशियों पर ग्रहण लग सकता है. अगर आपको लगता है कि सैलरी बढ़ने के बाद आपकी टेक होम सैलरी बढ़ी है, तो आपके लिए बड़े काम की खबर है. नए वेज कोड के लागू होने के बाद आपकी टेक होम सैलरी में कमी आ सकती है और साथ ही आप पर टैक्स का बोझ भी बढ़ सकता है.
भत्तों में कटौती करनी होगी
एक कर्मचारी के कॉस्ट-टू-कंपनी (सीटीसी) में तीन से चार घटक होते हैं. बेसिक सैलरी, हाउस रेंट अलाउंस (HRA), रिटायरमेंट बेनिफिट्स जैसे PF, ग्रेच्युटी और पेंशन और टैक्स सेविंग अलाउंस जैसे LTA और एंटरटेनमेंट अलाउंस. अब नए वेतन संहिता में यह निर्णय लिया गया है कि भत्ते किसी भी कीमत पर कुल वेतन के 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकते. ऐसे में अगर किसी कर्मचारी का वेतन 50 हजार रुपए प्रति माह है, तो उनका मूल वेतन 25 हजार रुपए होना चाहिए. उनके भत्ते शेष 25 हजार रुपए में आने चाहिए.
यानी अब तक जो कंपनियां बेसिक सैलरी 25-30 फीसदी और बाकी हिस्सा अलाउंस से रखती थीं, वे अब बेसिक सैलरी 50 फीसदी से कम नहीं रख सकती हैं. ऐसे में कंपनियों को नए वेतन संहिता के नियमों को लागू करने के लिए कई भत्तों में भी कटौती करनी होगी.
रिटायरमेंट के लिए और पैसा जमा करेंगे
भविष्य निधि और ग्रेच्युटी का सीधा संबंध कर्मचारी के मूल वेतन से होता है. जाहिर है कि मूल वेतन में बढ़ोतरी के साथ इन दोनों घटकों का योगदान भी बढ़ेगा. यानी कर्मचारी के रिटायरमेंट फंड में बढ़ोतरी होगी लेकिन उसके हाथ में सैलरी कम होगी, क्योंकि अब एक बड़ा हिस्सा पीएफ और ग्रेच्युटी में जाने लगेगा.
टैक्स का भी पड़ेगा असर
नई वेतन संहिता लागू होने के बाद कर्मचारियों के वेतन ढांचे में बदलाव होगा. इससे उन कर्मचारियों की टैक्स देनदारी बढ़ जाएगी, जिनका वेतन अधिक है. क्योंकि उनके सभी भत्तों को सीटीसी के 50 प्रतिशत के भीतर शामिल करना होगा. जबकि कम आय वालों पर टैक्स की मार कम होगी. पीएफ में उनका योगदान बढ़ेगा. 1.5 लाख तक के योगदान पर उन्हें धारा 80सी के तहत टैक्स छूट मिलेगी, जिससे उनकी टैक्स देनदारी कम हो जाएगी. वेज कोड बिल 2019 जब लागू होगा तब बेसिक वेज कुल सैलरी से 50 परसेंट से कम नहीं होगा. उम्मीद जताई जा रही है कि अगले साल नया वेज कोड लागू हो सकता है.
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