MP BJP कांग्रेस में रिश्तों की चुनावी बाढ़: सियासी मैदान में उतरे चाचा-भतीजा, जेठ-बहू और समधी-समधन, जानिए टिकट पर रिश्तेदारों की कहानी
MP Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में रिश्तों पर राजनीति हावी होती दिख रही है. अब तक बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवारों की जो लिस्ट आई है, उसमें कई सीटों पर एक ही परिवार के लोग एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं, क्योंकि बीजेपी और कांग्रेस ने एक ही परिवार को टिकट दिया है, ऐसे में चाचा भतीजे, समधी-समधन, जेठ-बहू के बीच सियासी मुकाबला देखने को मिलने वाला है.
तीन सीटों पर सीधा पारिवारिक मुकाबला
दरअसल, कांग्रेस ने अपनी दूसरी सूची में 88 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है, जिसमें कुछ सीटें ऐसी भी हैं जहां कांग्रेस ने बीजेपी उम्मीदवार के परिवार को टिकट दिया है. जिसके चलते इन सीटों पर एक ही परिवार के बीच सीधा चुनावी मुकाबला होने जा रहा है.
ऐसे में चुनाव से पहले भले ही बीजेपी और कांग्रेस भाई-भतीजावाद के आधार पर टिकट न देने की बात कर रही थीं, लेकिन टिकट बंटवारे के बाद दोनों पार्टियों ने प्रदेश की राजनीति में भाई-भतीजावाद के आधार पर बड़े पैमाने पर टिकट दिए हैं.
समधी बनाम समधन
बीजेपी ने ग्वालियर जिले की डबरा विधानसभा सीट से पूर्व मंत्री इमरती देवी को मैदान में उतारा है, जबकि कांग्रेस ने यहां से मौजूदा विधायक सुरेश राजे को मैदान में उतारा है. दोनों उम्मीदवारों के बीच अच्छे संबंध नजर आ रहे हैं, दोनों एक-दूसरे के खिलाफ कई चुनाव लड़ चुके हैं.
इमरती देवी बीजेपी में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की करीबी मानी जाती हैं, वहीं कांग्रेस में सुरेश राजे कमलनाथ के करीबी हैं. ऐसे में एक बार फिर सबकी निगाहें इसी सीट पर हैं.
जेठ बनाम बहू
सागर विधानसभा सीट पर जेठ-बहू के बीच चुनावी मुकाबला होगा, बीजेपी ने तीन बार के विधायक शैलेन्द्र जैन को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि कांग्रेस ने उनके छोटे भाई की पत्नी निधि जैन को मैदान में उतारा है. उनके खिलाफ सुनील जैन. ऐसे में सागर विधानसभा सीट पर जेठ बनाम बहू’ के बीच चुनाव होने जा रहा है.
‘चाचा बनाम भतीजा’
इसी तरह रीवा जिले की देवतालाब विधानसभा सीट से बीजेपी ने मौजूदा विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि कांग्रेस ने उनके भतीजे पद्मेश गौतम को टिकट दिया है. ऐसे में इस सीट पर ‘चाचा बनाम भतीजे’ के बीच सियासी मुकाबला हो गया है, जिसके चलते सबकी नजरें मध्य प्रदेश की इस विधानसभा सीट पर होंगी.
बीजेपी का परिवारवाद
ये तो हुई उन सीटों की बात जिन पर अलग-अलग पार्टियों से एक ही परिवार के उम्मीदवार हैं, इन सबके अलावा बीजेपी और कांग्रेस ने एक ही परिवार के कई लोगों को टिकट दिया है. बीजेपी ने भोपाल मध्य विधानसभा सीट से ध्रुव नारायण सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है
जबकि उनके भतीजे विक्रम सिंह को सतना जिले की रामपुर-बघेलान सीट से टिकट दिया गया है. वहीं बीजेपी की आने वाली लिस्ट में ये लिस्ट बढ़ सकती है. इसी तरह बीजेपी ने भी जनजातिवाद के आधार पर बड़े पैमाने पर टिकट बांटे हैं.
कांग्रेस का परिवारवाद
इस बार भी कांग्रेस ने चुनाव में परिवारवाद के आधार पर जमकर टिकट बांटे हैं; पार्टी ने खुद अलग-अलग सीटों पर परिवारों से उम्मीदवार उतारे हैं. दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह को राघौगढ़ विधानसभा सीट से टिकट दिया गया है, जबकि उनके चाचा लक्ष्मण सिंह को चांचौड़ा सीट से उम्मीदवार बनाया गया है.
इसी तरह नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह को लहार से और उनके भतीजे राहुल भदौरिया को मेहगांव से टिकट दिया गया है. वहीं अलीराजपुर में मुकेश पटेल और जोबट सीट पर उनके समधी सेना महेश पटेल को उम्मीदवार बनाया गया है. वहीं कांग्रेस नेताओं ने अपने बेटे-बेटियों को भी टिकट देने में गुरेज नहीं किया है.
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