Janata Congress MLA Dharamjit Singh BJP JOIN: मुंगेली जिले के लोरमी से जनता कांग्रेस विधायक धर्मजीत सिंह (Janata Congress MLA Dharamjit Singh) रविवार को भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) में शामिल हो गए हैं. उनके अलावा रिटायर आईएफएस एसएसडी बड़गैया (IFS SSD Badgaiya and Dharmendra Giri Goswami) और धर्मेंद्र गिरी गोस्वामी (Dharmendra Giri Goswami) भी बीजेपी में शामिल हुए हैं. प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव (State President Arun Saw) ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई.
बीजेपी में शामिल होने के बाद धर्मजीत सिंह ने कहा- कांग्रेस को हराना है, कमल खिलाना है. सिंह ने कहा- मैंने 2016 में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था. उसके बाद हमने अजीत जोगी के साथ मिलकर नई पार्टी बनाई, जिसमें हमारे पांच विधायक जीते और उन्हें 11% वोट मिले, लेकिन जोगी जी के निधन के बाद परिस्थितियां थोड़ी बदल गईं. इस बारे में आप खुद जानते हैं.
मैं एक राष्ट्रीय पार्टी चाहता हूं, जिसमें नरेंद्र मोदी जी, भारतीय जनता पार्टी जैसे नेता हों जो देश के लिए समर्पित हों. आज मैं नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गया हूं जो गरीबों की सेवा कर रही है और दुश्मनों का मुंह तोड़ रही है.
वहीं जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि इस बार राज्य में बीजेपी की सरकार बनेगी तो उन्होंने जवाब दिया. क्या राज्य में शराब पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, क्या राज्य में कानून व्यवस्था है, क्या सड़कों की हालत खराब है. हमने कई बार कई सरकारें देखी हैं, हर किसी को लगता है कि हमारी सरकार आएगी.
अब ऐसा नहीं होगा, 70-75 की बात भूल जाओ, अब सरकार बचाने के बारे में सोचो, बीजेपी सरकार बनाएगी. उन्होंने मुख्यमंत्री के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि चुनाव बताएगा कि किसका बुढ़ापा बिगड़ने वाला है.
उनके बीजेपी में शामिल होने की चर्चा पहले से ही थी
कई दिनों से चर्चा थी कि धर्मजीत सिंह बीजेपी का रुख अपना सकते हैं. विधानसभा में भी वह अक्सर भारतीय जनता पार्टी के विधायकों के साथ नजर आते थे और उन्हीं की तरह सरकार पर हमला बोलते थे. आखिरकार रविवार को वह बीजेपी में शामिल हो गए हैं.
सीएम ने कहा- बुढ़ापा खराब कर रहा
वहीं, धर्मजीत सिंह के बीजेपी में शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का भी बयान सामने आया है. उन्होंने कहा- धर्मजीत सिंह को लोरमी की जनता पर भरोसा नहीं है. उन्हें पता है कि लोरमी में उनकी स्थिति अच्छी नहीं है, इसलिए वे दूसरी सीटों की ओर जा रहे हैं. धर्मजीत सिंह पहले कांग्रेस में थे, फिर जोगी कांग्रेस में गए और अब भाजपा में जाकर अपना बुढ़ापा बर्बाद कर रहे हैं.
ये कहते हुए अमित जोगी को पार्टी से निकाल दिया गया
पिछले साल तक धर्मजीत सिंह जनता कांग्रेस के विधायक थे, तब अमित जाेगी ने कहा था, धर्मजीत जी उनके चाचा थे. लेकिन बहुत दुखी मन से उनके खिलाफ ये फैसला लेना पड़ा है. अमित जोगी ने कहा था कि विधायक धर्मजीत सिंह लगातार दूसरे दलों के संपर्क में रहकर अपने निजी स्वार्थ का ताना-बाना बुनने में लगे हुए हैं. इन शिकायतों के संदर्भ में पूर्व में कई बार विधायक धर्मजीत सिंह से भी चर्चा की गई लेकिन उनके आचरण और विचारों में कोई बदलाव नहीं आया.
धर्मजीत सिंह पार्टी के सिंबल पर चुनाव जीतकर विधायक बने. उसी पार्टी की नीतियों को त्यागने और छत्तीसगढ़वाद की क्षेत्रीय विचारधारा को मिटाने की कोशिश करने के कारण उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया. यह भी आशंका जताई जा रही थी कि धर्मजीत सिंह पार्टी का विलय ही बीजेपी में कर देंगे. जानकारी मिली है कि पार्टी ने कार्रवाई करते हुए अपने विधायक दल के नेता धर्मजीत सिंह को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है.
कौन हैं धर्मजीत सिंह
धर्मजीत सिंह पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के करीबियों में से एक हैं। 1998 में वे पहली बार लोरमी से चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे. 2003 और 2008 में भी उन्होंने कांग्रेस की ओर से विधानसभा में लोरमी का प्रतिनिधित्व किया.
2003 में विधानसभा के उपाध्यक्ष भी चुने गये. दो बार सर्वश्रेष्ठ विधायक का पुरस्कार जीता। 2016 में जब अजीत जोगी ने जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ का गठन किया तो धर्मजीत उनके साथ खड़े रहे. 2018 के चुनाव में उन्होंने जेसीसीजे चुनाव चिन्ह पर जीत हासिल की और विधानसभा पहुंचे। उन्हें विधायक दल का नेता बनाया गया.
पार्टी से निकाले जाने के बाद क्या बोले धर्मजीत सिंह?
विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा था कि पहले क्या हुआ मुझे नहीं पता, लेकिन अब मुझ पर जानलेवा हमला होगा. मेरी हत्या भी हो सकती है. उनकी पत्नी पूरी तरह से एक गृहिणी हैं. उनका मेरी राजनीति से कोई लेना-देना भी नहीं है.’ इसके बाद भी 28 अगस्त को अमित जोगी ने अपनी पत्नी को फोन किया.
उसने अभद्रता की जितनी हदें पार की जा सकती थीं, वे पार कर दीं. मेरी पत्नी के साथ गंदे शब्दों का प्रयोग किया. बातचीत में उन्होंने मेरे प्रति गंदे शब्दों का भी इस्तेमाल किया. उनकी नाराजगी इस बात को लेकर थी कि मैं और प्रमोद शर्मा अमित शाह के कार्यक्रम में क्यों गये थे. अगर कोई मसला था तो मुझे ही करना चाहिए था.
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