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कर्ज के दल-दल में डूबी MP सरकार ! 7 महीने में 11 बार लिया कर्ज, चुनाव से पहले फिर RBI से 10 हजार करोड़ लेगी लोन, क्या कर्ज से पूरे होंगे सियासी घोषणाएं ?

Shivraj government will again take loan: मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. इससे पहले अपनी घोषणाओं को पूरा करने के लिए शिवराज सरकार फिर कर्ज का सहारा लेने जा रही है. पहले से ही भारी कर्ज में डूबी राज्य की जनता पर सरकार एक बार फिर 10 हजार करोड़ का बोझ डालने जा रही है.

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शिवराज सरकार यह पैसा रिजर्व बैंक (RBI) से जुलाई से सितंबर तक 5 किस्तों में लेगी. आरबीआई ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है. जुलाई से सितंबर तक पांच किस्तों में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से कर्ज लिया जाएगा. जुलाई में कर्ज के तौर पर दो हजार करोड़ की पहली किस्त ली जाएगी. इसके बाद अगस्त और सितंबर में दो बार लोन लिया जाएगा.

सरकार ने कब-कब लिया कर्ज?

-25 जनवरी 2023- 2000 करोड़
-02 फरवरी 2023- 3000 करोड़
-09 फरवरी 2023- 3000 करोड़
-16 फरवरी 2023- 3000 करोड़
-23 फरवरी 2023- 3000 करोड़
-02 मार्च 2023- 3000 करोड़
-09 मार्च 2023- 2000 करोड़
17 मार्च 2023- 4000 करोड़
24 मार्च 2023- 1000 करोड़
-29 मई 2023- 2000 करोड़
-14 जून 2023- 4000 करोड़

3.25 लाख करोड़ का कर्ज

अलग-अलग समय पर लिए गए कर्ज के कारण अब राज्य की जनता पर साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज है. लगातार कर्ज लेने का यह सिलसिला बजट सत्र से पहले शुरू हुआ, जो अब तक जारी है. इतने बड़े कर्ज को लेकर विपक्ष भी सरकार पर हमलावर है.

लोन की जरूरत क्यों है ?

पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक ने शिवराज की घोषणाएं पूरी न होने पर पत्र लिखा था. शिवराज सरकार की 10 साल की घोषणाएँ अभी भी लंबित हैं. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या शिवराज की खोखली घोषणाओं को पूरा करने के लिए कर्ज ही एकमात्र विकल्प है ?

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