छत्तीसगढ़जुर्मस्लाइडर

सरकारी जमीन की कालाबाजारी: 40 लोगों से जमीन का सौदा, 10 सरकारी कर्मचारी खरीदे, पैसे लेते VIDEO VIRAL, आखिर किसके सह पर हो रहा खेल ?

गिरीश जगत, गरियाबंद। वैसे जमीनों की कालाबाजारी आम बात है, लेकिन जब सरकारी जमीन की बात हो और सरकारी जमीन पर सरकारी कर्मचारी ही धावा बोल दें, तो सवाल उठना तो लाजमी है साहब. ये सरकारी जमीन कहीं और नहीं कलेक्ट्रेट ऑफिस से चंद कदम की दूरी पर है, जहां काले कारनामों की अनगिनत पन्ने दफन हैं. सरकारी जमीन को कौड़ियों के दाम पर बेची जा रही है, लेकिन इसका सिस्टम को भनक तक नहीं लगी. अब तक 40 लोगों को सरकारी जमीन बेच दी गई है. ताजुब्ब की बात तो ये है कि इसमें से 10 सरकारी कर्मचारियों ने ही खरीदी है. वहीं जमीन की खरीद-बिक्री का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक महिला पैसे लेते नजर आ रही है.

CG में गरियाबंद का लहरा परचम: एक ही दिन में बने 7 हजार से ज्यादा Ayushman Cards, 24 हजार से ज्यादा राशन कार्डों की e-KYC भी पूरी

किसने खरीदी जमीन ?

दरअसल, गरियाबंद कलेक्टोरेट से आधा किमी दूरी पर स्थित बड़े झाड़ की जमीन बाहरी लोगों को डोंगरी पंचायत के प्रतिनिधि बेच रहे हैं. पंच द्वारा काबिज जमीन के बिक्रीनामे के बाद पैसे लेते उपसरपंच का वीडियो वायरल हो रहा है. पिछले 8 साल में 40 लोगों को जमीन बेची जा चुकी है, जिसमें 10 सरकारी कर्मचारी हैं.

शासकीय जमीन का धडल्ले से सौदा

गरियाबंद कलेक्टोरेट से महज आधा किमी दूरी पर मौजूद दर्रापारा, डोंगरी पंचायत के केशोडार हल्का के इसी दर्रापारा के खसरा नंबर 27/1 और 50-51 में 17.1400 हेकेटर यानी लगभग 25 एकड़ बड़े झाड़ के नाम पर शासकीय जमीन मौजूद है. दो दिन पहले एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें इसी शासकीय जमीन के बिक्रीनामे के बाद खरीदारों से महिला उपसरपंच कुछ रुपए लेते दिखाई दे रही है. पास में कुछ पंच भी मौजूद हैं.

बाउंड्री निर्माण शुरू होने के बाद मिलेगा 40 हजार

खरीददार कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि जमीन 1 लाख 40 हजार में बेची गई है, जिसमें एडवांस के तौर पर 1 लाख दिया जा रहा है. बाकी 40 हजार बाउंड्री निर्माण शुरू होने के बाद दिया जाएगा. पंचायत से प्रस्ताव पारित होने और अभिलेख में नाम दर्ज होने के बाद बाकी बचत व अन्य रकम देने की बात कही जा रही है.

गवाह के रूप में मौजूद थी- महिला

वीडियो के सामने आने के बाद महिला उपसरपंच ने अपनी सफाई देते हुए आरंभिक जांच में गए राजस्व अमले से कहा है कि जमीन पर वार्ड 8 के पंच वासूराम गोड़ का कब्जा था, जिसे गोबरा नवापारा निवासी वंदना निषाद के पास बेचा गया है. मैं केवल लेन देन के समय गवाह के रूप में मौजूद थी. पंच कम पढ़ा लिखा है इसलिए उसकी मदद की है.

बिक्री नाम के लिए इस्तेमाल 50 रुपए स्टांप

बिक्री नाम के लिए इस्तेमाल 50 रुपए स्टांप को भी दिखाया गया है. स्टांप में इकरार नामे की तारीख 10 अप्रैल 2023 का दर्शाया गया है. वीडियो दो दिन पहले लीक होना बताया गया है. मामले की जांच राजस्व विभाग ने शुरू कर दी है. मामले में तहसीलदार प्रवीन पोर्ते ने कहा की पटवारी द्वारा जांच जारी है. प्रतिवेदन आते ही उच्च अधिकारी से मार्गदर्शन लेकर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी. तहसीलदार ने इस खरीदी बिक्री को अवैध बताया है.

15 एकड़ जमीन में 35 से ज्यादा लोगों का कब्जा

मामले की हमने पड़ताल की तो पता चला यह खेल 8 साल पहले पूर्व पंचायत पदाधिकारियों ने शुरू किया था. अपने लोगों के नाम पहले बड़े जंगल की जमीन पर कब्जा बताया जाता है, फिर कब्जेधारी से एक स्टांप व नोटरी के जरिए आपसी सहमति से खरीदी बिक्री की जाती है. पहले 5 हजार रुपए प्रति डीशामिल दर पर जमीन बिकी. अब कीमत बढ़ कर 20 से 25 हजार हो गई है.

दखल के बाद पंचायत NOC बंद, अब फिर शुरू

पंचायत पदाधिकारी लेने देन के बाद बकायदा एक अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करते हैं,फिर पंचायत के अभिलेख में क्रेता का नाम दर्ज भी कर देते थे. 2021 में प्रशिक्षु आई ए एस विश्वदीप जो एसडीएम के प्रभार पर थे, उनकी दखल के बाद पंचायत ने एनोसी जारी करना बंद कर दिया था.

15 एकड़ में 30 से ज्यादा लोगों के कब्जे

विश्वदीप के निर्देश पर जांच हुई तो लगभग 15 एकड़ में 30 से ज्यादा लोगों के कब्जे पाए गए. इसमें सरकारी कर्मी के नाम भी मिले. सभी के खिलाफ तहसील न्यायालय में मामला दर्ज कर बेदखली की कार्यवाही शुरू हुई. कुछ निर्माणधीन मकान को तोड़ा भी गया, लेकिन बेचने वालो को राजनीतिक लोगो का सरंक्षण प्राप्त था, ऐसे में मामला ठंडे बस्ते में चला गया. खरीदी बिक्री दोबारा शुरू हो गया.

पंचायत को अधिकार नहीं, धारा 40 के तहत होगी कार्रवाई

गरियाबंद एस डी एम भूपेंद्र साहू ने मामले की फाइल दोबारा खोल दी है. साहू ने बताया की विडियो की जांच के लिए मातहतो को कह दिया गया है. बड़े झाड़ जंगल को बेचने या कब्जा पर अनापत्ति देने का अधिकार ग्राम पंचायत को नहीं है. प्रतिवेदन आने के बाद मामले में आवश्यक कार्रवाई की जाएगी. जांच में तथ्य पाए गए तो धारा 40 के तहत भी दोषी पंचायत पदाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होगी.

देखिए वीडियो

Read more- Landmines, Tanks, Ruins: The Afghanistan Taliban Left Behind in 2001 29 IAS-IPS

Show More
Back to top button