भोपाल। सिविल जज परीक्षा में बैचलर अभ्यर्थी शामिल हो रहे हैं और उनकी शादी पक्की होने वाली है, तो सावधान रहें. मध्य प्रदेश में सिविल जज बनना आसान नहीं होगा. अगर अभ्यर्थी शादी में दहेज लेंगे तो वे सिविल जज की भर्ती परीक्षा में शामिल नहीं हो सकेंगे. इसके साथ ही हाई कोर्ट उन उम्मीदवारों पर भी नजर रखेगा जो शादीशुदा हैं.
एक उम्मीदवार जिसने तीन साल तक कानून का अभ्यास किया है या जिसने कानून की परीक्षा एक बार में उत्तीर्ण की है, वह 70 प्रतिशत अंक प्राप्त करने पर सिविल जज की परीक्षा में शामिल हो सकता है. जो अविवाहित अभ्यर्थी सिविल जज की परीक्षा दे रहे हैं और उनकी शादी होने वाली है उन्हें दहेज से दूर रहना चाहिए. हाईकोर्ट ने दहेज लेने पर रोक लगाने के लिए सिविल जज की भर्ती नियमों में एक नई धारा जोड़ी है.
एक से अधिक पत्नियाँ रखने वाला भी अयोग्य होगा
संशोधित नियम के तहत अपनी शादी में दहेज लेने वाला व्यक्ति भी सिविल जज की परीक्षा नहीं दे सकेगा. इसके साथ ही जिस व्यक्ति की एक से अधिक पत्नियां होंगी वह भी परीक्षा के लिए अयोग्य माना जाएगा.
पात्रता 35 वर्ष तक रहेगी
सिविल जज की पात्रता के लिए आयु सीमा न्यूनतम 21 वर्ष होगी. नियुक्ति के लिए आवेदन आमंत्रित किए जाने वाले वर्ष के अगले जनवरी के पहले दिन को 35 वर्ष की आयु पूरी नहीं करनी चाहिए.
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