गिरीश जगत, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में उदंती सीता नदी अभ्यारण की एंटी पोचिंग टीम की ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है. आए दिन शिकारी टीम के चंगुल में फंस रहे हैं. शिकारी जाल बिछा रहे हैं, लेकिन टीम उनके लिए जंजाल बना दे रही हैं. अब तक एंटी पोचिंग टीम की कानूनी जाल में 50 से ज्यादा शिकारी फंस चुके हैं. हाल ही में उदंती सीता नदी अभ्यारण की एंटी पोचिंग टीम ने इंद्रावती टाइगर रिजर्व के साथ मिलकर बीजापुर में बाघ के खाल के साथ 7 आरोपियों को धर दबोचा है.
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माह के खत्म होते होते एक और बड़ी सफलता
दरअसल, उदंती सीतानदी अभ्यारण्य द्वारा 3 जून से शिकारियों के खिलाफ चलाए गए अभियान को माह के खत्म होते होते एक और बड़ी सफलता मिली है. उपनिदेशक वरुण जैन ने बताया की इंद्रावती टाइगर रिजर्व के साथ चलाए गए सयुक्त अभियान में बीजापुर से 7 आरोपी को बाघ के खाल के साथ गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों की संख्या बढ़ सकती है. इस कार्रवाई में इंद्रावती अभ्यारण्य के उपनिदेशक धम्मशील गनवीर के अलावा गरियाबंद पुलिस कप्तान अमित तुकाराम कांबले का विशेष योगदान रहा है.
पकड़े गए शिकारियों से जानकारी निकाल जोड़ रहे कड़ी
पिछले 20 दिनों में उदंती सीतानदी की एंटी पोचिंग टीम ने ओडिसा के सीमावर्ती 3 जिले के टीम के साथ मिलकर लगातार कार्रवाई कर रही है. टीम के नोडल अधिकारी गोपाल कश्यप पकड़े गए आरोपियों से मिले सूचना को आला अफसरों के साथ साझा कर आगे की रणनीति बनाते गए. सुरक्षागत कारणों से विभाग कार्रवाई का ब्यौरा नहीं दे रहा है, लेकिन लगातार मिल रहे सफलता से शिकारी पस्त हो गए हैं. वहीं टीम का हौंसला बढ़ा हुआ है. विभाग का दावा है कि आगे भी अभियान जारी रहेगी और उन्हें सफलता मिलेगी.
प्रदेश में तेजी से घट रही बाघों की संख्या
राज्य में तीन टाइगर रिजर्व हैं, जिन्हें सीता नदी उदंती, इंद्रावती और अचानकमार टाइगर रिजर्व के तौर पर जाना जाता है. इन तीनों ही टाइगर रिजर्व का क्षेत्रफल 5555 वर्ग किलोमीटर से ज्यादा है. यहां वर्ष 2014 में 46 बाघ हुआ करते थे, लेकिन 2018 की गणना में बाघों की संख्या घटकर सिर्फ 19 रह गई. 2018 के बाद भी बाघों के खाल मिलने का सिलसिला जारी रहा. जानकारी के मुताबिक बीते 5 सालो में इसकी संख्या में और कमी आ गई.
एंटी पोचिंग की जाल में 50 से ज्यादा शिकारी
उदंती सीता नदी अभ्यारण्य वरुण जैन के नेतृत्व में टीम के नोडल अधिकारी गोपाल कश्यप के नेतृत्व में टीम 3 जून से शिकारियों पर शिकंजा शुरू किया. आज 30 जून तक टीम के जाल में 50 से ज्यादा शिकारी फंस गए. शिकारियों के खिलाफ प्रदेश का यह सबसे बड़ा सफल ऑपरेशन है.
देखें कब कब हुई कार्रवाई ?
3 जून-
छत्तीसगढ़- ओडिशा सीमा पर कार्रवाई कर 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया. शिकारियों से बाघ की खाल , भालू – तेंदुए का पंजा , 4 जिंदा मोर के बच्चे और भरमार बंदूक बरामद की गई.
9 जून_
अभ्यारन्य से लगे नुवापड़ा जंगल के तीन गांव में 50 लोगो की टीम ने सीआरपीएफ की मदद से घने जंगलों में छापेमारी की. जमीन में गाड़ कर रखे गए तेंदुए के खाल के अलावा फंदा अन्य आवेश के अलावा 3 जिंदा जंगली सूअर का रेस्क्यू एंटी पोचिंग टीम ने किया.
10 जून
पेंगोलियन का शिकार करने पर 9 शिकारियों को पकड़ा. 12 सांभर , हिरण के सींग सहित कई जानवरों के मांस , अवशेष बरामद हुए । कार्रवाई गरियाबंद के मैनपुर एरिया में हुई.
13 जून
सिंगनपुर परिक्षेत्र के कक्ष क्रमांक 322 , 323 में 486 पेड़ काटकर कब्जे की योजना पर 36 महिला सहित 50 ग्रामीणों पर कार्रवाई की गई.
14 जून
ओडिशा के कमलडोंगरी ( मुड़ीबेड़ा ) में दबिश देकर 3 शिकारियों को जेल भेजा. इनके पास से तेंदुआ खाल , हड्डी , सांभर सिंग , कोटरी , माथुर पैर सहित हथियार बरामद हुआ है.
16 जून-
8 दुर्लभ इंद्रधनुषी गिलहरी का शिकार करने पर 7 शिकारियों को पकड़ा गया.
21 जून
देवभोग रेंज के पिपलखुटा में आरोपी रति राम के घर दबिश देकर एंटी पोचिंग टीम ने भालू,चीतल के खाल ,एक भरमार के अलावा 24 तार के फंदे के साथ आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था.
22 जून
कालाहांडी के मंगलपुर में टीम ने ओडिसा वन अमला के साथ मिल शिकारियों को देशी हथियार बनाने वाले 3 आरोपी को दबोचा था. बाघ प्रजाति प्राणी के दांत,वन्य प्राणियों के अवशेष व हथियार बनाने के समान जप्त भी किया गया था.
24जून
कालाहांडी के धरमगढ़ रेंज के खलीगढ़ गांव से वन्य प्राणी शिकार करने वाले 1 आरोपी को पकड़ा गया. 6 नग भरमार के अलावा 12 नग जंगली सुवर के जबड़े,फंदा व अन्य अवशेष जप्त किया गया.
28 जून
महाराष्ट्र बॉर्डर में गढ़चिरौली के पास पखांजूर कापसी मार्ग पर साढ़े 11 किलो पेंगोलिन, जिसका बाजार भाव 10 लाख आंकी गई थी. साथ 3 आरोपी को बाइक के साथ गिरफ्तार किया गया था.
गिरीश जगत, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में उदंती सीता नदी अभ्यारण की एंटी पोचिंग टीम की ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी है. आए दिन शिकारी टीम के चंगुल में फंस रहे हैं. शिकारी जाल बिछा रहे हैं, लेकिन टीम उनके लिए जंजाल बना दे रही हैं. अब तक एंटी पोचिंग टीम की कानूनी जाल में 50 से ज्यादा शिकारी फंस चुके हैं. हाल ही में उदंती सीता नदी अभ्यारण की एंटी पोचिंग टीम ने इंद्रावती टाइगर रिजर्व के साथ मिलकर बीजापुर में बाघ के खाल के साथ 7 आरोपियों को धर दबोचा है.
माह के खत्म होते होते एक और बड़ी सफलता
दरअसल, उदंती सीतानदी अभ्यारण्य द्वारा 3 जून से शिकारियों के खिलाफ चलाए गए अभियान को माह के खत्म होते होते एक और बड़ी सफलता मिली है. उपनिदेशक वरुण जैन ने बताया की इंद्रावती टाइगर रिजर्व के साथ चलाए गए सयुक्त अभियान में बीजापुर से 7 आरोपी को बाघ के खाल के साथ गिरफ्तार किया गया है. आरोपियों की संख्या बढ़ सकती है. इस कार्रवाई में इंद्रावती अभ्यारण्य के उपनिदेशक धम्मशील गनवीर के अलावा गरियाबंद पुलिस कप्तान अमित तुकाराम कांबले का विशेष योगदान रहा है.
पकड़े गए शिकारियों से जानकारी निकाल जोड़ रहे कड़ी
पिछले 20 दिनों में उदंती सीतानदी की एंटी पोचिंग टीम ने ओडिसा के सीमावर्ती 3 जिले के टीम के साथ मिलकर लगातार कार्रवाई कर रही है. टीम के नोडल अधिकारी गोपाल कश्यप पकड़े गए आरोपियों से मिले सूचना को आला अफसरों के साथ साझा कर आगे की रणनीति बनाते गए. सुरक्षागत कारणों से विभाग कार्रवाई का ब्यौरा नहीं दे रहा है, लेकिन लगातार मिल रहे सफलता से शिकारी पस्त हो गए हैं. वहीं टीम का हौंसला बढ़ा हुआ है. विभाग का दावा है कि आगे भी अभियान जारी रहेगी और उन्हें सफलता मिलेगी.
प्रदेश में तेजी से घट रही बाघों की संख्या
राज्य में तीन टाइगर रिजर्व हैं, जिन्हें सीता नदी उदंती, इंद्रावती और अचानकमार टाइगर रिजर्व के तौर पर जाना जाता है. इन तीनों ही टाइगर रिजर्व का क्षेत्रफल 5555 वर्ग किलोमीटर से ज्यादा है. यहां वर्ष 2014 में 46 बाघ हुआ करते थे, लेकिन 2018 की गणना में बाघों की संख्या घटकर सिर्फ 19 रह गई. 2018 के बाद भी बाघों के खाल मिलने का सिलसिला जारी रहा. जानकारी के मुताबिक बीते 5 सालो में इसकी संख्या में और कमी आ गई.
एंटी पोचिंग की जाल में 50 से ज्यादा शिकारी
उदंती सीता नदी अभ्यारण्य वरुण जैन के नेतृत्व में टीम के नोडल अधिकारी गोपाल कश्यप के नेतृत्व में टीम 3 जून से शिकारियों पर शिकंजा शुरू किया. आज 30 जून तक टीम के जाल में 50 से ज्यादा शिकारी फंस गए. शिकारियों के खिलाफ प्रदेश का यह सबसे बड़ा सफल ऑपरेशन है.
देखें कब कब हुई कार्रवाई ?
3 जून-
छत्तीसगढ़- ओडिशा सीमा पर कार्रवाई कर 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया. शिकारियों से बाघ की खाल , भालू – तेंदुए का पंजा , 4 जिंदा मोर के बच्चे और भरमार बंदूक बरामद की गई.
9 जून_
अभ्यारन्य से लगे नुवापड़ा जंगल के तीन गांव में 50 लोगो की टीम ने सीआरपीएफ की मदद से घने जंगलों में छापेमारी की. जमीन में गाड़ कर रखे गए तेंदुए के खाल के अलावा फंदा अन्य आवेश के अलावा 3 जिंदा जंगली सूअर का रेस्क्यू एंटी पोचिंग टीम ने किया.
10 जून
पेंगोलियन का शिकार करने पर 9 शिकारियों को पकड़ा. 12 सांभर , हिरण के सींग सहित कई जानवरों के मांस , अवशेष बरामद हुए । कार्रवाई गरियाबंद के मैनपुर एरिया में हुई.
13 जून
सिंगनपुर परिक्षेत्र के कक्ष क्रमांक 322 , 323 में 486 पेड़ काटकर कब्जे की योजना पर 36 महिला सहित 50 ग्रामीणों पर कार्रवाई की गई.
14 जून
ओडिशा के कमलडोंगरी ( मुड़ीबेड़ा ) में दबिश देकर 3 शिकारियों को जेल भेजा. इनके पास से तेंदुआ खाल , हड्डी , सांभर सिंग , कोटरी , माथुर पैर सहित हथियार बरामद हुआ है.
16 जून-
8 दुर्लभ इंद्रधनुषी गिलहरी का शिकार करने पर 7 शिकारियों को पकड़ा गया.
21 जून
देवभोग रेंज के पिपलखुटा में आरोपी रति राम के घर दबिश देकर एंटी पोचिंग टीम ने भालू,चीतल के खाल ,एक भरमार के अलावा 24 तार के फंदे के साथ आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था.
22 जून
कालाहांडी के मंगलपुर में टीम ने ओडिसा वन अमला के साथ मिल शिकारियों को देशी हथियार बनाने वाले 3 आरोपी को दबोचा था. बाघ प्रजाति प्राणी के दांत,वन्य प्राणियों के अवशेष व हथियार बनाने के समान जप्त भी किया गया था.
24जून
कालाहांडी के धरमगढ़ रेंज के खलीगढ़ गांव से वन्य प्राणी शिकार करने वाले 1 आरोपी को पकड़ा गया. 6 नग भरमार के अलावा 12 नग जंगली सुवर के जबड़े,फंदा व अन्य अवशेष जप्त किया गया.
28 जून
महाराष्ट्र बॉर्डर में गढ़चिरौली के पास पखांजूर कापसी मार्ग पर साढ़े 11 किलो पेंगोलिन, जिसका बाजार भाव 10 लाख आंकी गई थी. साथ 3 आरोपी को बाइक के साथ गिरफ्तार किया गया था.
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