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साहब हम सिर्फ वोट बैंक नहीं! हमें भी पक्की सड़क और शुद्ध पानी चाहिए, ग्रामीण 2015 से कर रहे मांग, लेकिन जिम्मेदारों ने नहीं निभाई जिम्मेदारी

गणेश मरावी, डिंडोरी। मध्यप्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में कई योजनाएं चला रही है. विकास के दावे किए जा रहे हैं. लेकिन आज भी जिम्मेदारी से दूर भागने वाले जिम्मेदारों के चलते जनता मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. नेताओं ने भी जनता को सिर्फ वोट बैंक समझ रखा है. जब चुनाव आता है, तब वोट मांगने मुंह उठाए चले आते हैं. बाकी समय में जनता उन्हें याद नहीं आती है. उनकी समस्या भी जस की तस बनी रहती है. ग्रामीण अपनी मांगों को लेकर जनसुनवाई समेत जनप्रतिनिधियों को कई बार मौखिक और आवेदनों के माध्यम से निराकरण कराने की मांग करते हैं, लेकिन सुनवाई नहीं होती है.

दरअसल जनपद पंचायत डिंडौरी के ग्राम पंचायत बसनिया के पोषक ग्राम संझोला टोला में पेयजल की समस्या और पक्की सड़क निर्माण कराने की मांग लंबे समय से की जा रही है. ग्रामीण प्रत्येक मंगलवार को आयोजित होने वाली जनसुनवाई में 2015 से आवेदन प्रस्तुत करते आ रहे हैं, लेकिन जिम्मेदारों ने समस्याओं पर किसी प्रकार की ध्यान नहीं दिया है. जिस कारण ग्रामीण आज भी मूलभूत सुविधाओं को लेकर तरस रहे हैं.

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दो कुएं के सहारे 200 से अधिक की जनसंख्या

मंगल सिंह, छोटी बाई और मीरा परस्ते ने बताया कि ग्राम संझोला टोला में 200 से अधिक ग्रामीण निवास करते है. इतनी अबादी वाली मोहल्ला में सिर्फ दो ही कुआं है और हैंडपंप एक भी नहीं है. बारिश के दिनों में किसी प्रकार से कुएं के पानी से गुजारा कर लेते है, लेकिन जैसे ही जनवरी – फरवरी का महीना आता है, वैसे ही दोनों कुआ सूख जाते है. ग्रामीणों ने बताया कि दोनों कुआं सूख जाने के बाद 2 से 3 किलो मीटर दूर नदी से पानी लाकर उपयोग करते है. उन्होंने बताया कि गांव के बच्चे, महिलाओं और पुरूषों को घाट से चढ़कर पानी लाना पड़ता है.

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कच्ची सड़क होने से आवागमन में हो रही परेशानी

राम सिंह मार्को और देव सिंह ने बताया कि ग्राम संझोला से ग्राम पंचायत बसनिया तक लगभग 5 किलो मीटर की कच्ची सड़क है, जिससे आवागमन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बारिश के दिनों में काफी दिक्कत होती है. उन्होंने बताया कि संझोला टोला से बहुत सारे विद्यार्थी अध्ययन करने बसनिया स्कूल जाते है. उन्हें भी बारिस के समय में आने – जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

2015 से जनसुनवाई में प्रस्तुत कर रहे है आवेदन

शासन की तरफ से प्रत्येक मंगलवार को जनसुनवाई आयोजित कर आमजनों की समस्याओं और मांगों की तत्काल निराकरण करने के निर्देश दिए है. जिससे जनसुनवाई में पहुंचे आमजनों की समस्याओं का तत्काल निराकरण हो सके, लेकिन जनसुनवाई में मांगों को लेकर पहुंचे आमजनों की समस्याओं का निराकरण न होने पर लोंगो में आक्रोश है. ग्राम पंचायत बसनिया के पोषक ग्राम संझोला टोला के ग्रामीणों ने पेयजल की समस्या से निजात दिलाने और बसनिया से संझोला टोला तक पक्की सड़क स्वीकृत कर निर्माण कराने की मांग को लेकर 2015 से जनसुनवाई में आवेदन प्रस्तुत करते आ रहे है, लेकिन ग्रामीणों द्वारा जनसुनवाई में प्रस्तुत किये गए आवेदनों को जिम्मेदारों ने दरकिनार कर दिया. जिम्मेदारों के लापरवाही के कारण संझोला टोला के ग्रामीण आज भी शुद्ध पेयजल को तरस रहे है.

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50 साल से पानी की समस्या, गंदा पानी पीने से बीमारी का शिकार

बताया गया है कि ग्राम पंचायत बसनिया के सझोंला टोला में लंबे समय से भीषण जल संकट बना हुआ है. सझोंला टोला बसनिया के नाम से ही जाना जाता है. 50 वर्षों से आज तक पेयजल के लिए न तो हैण्डपंप है और न ही जल जीवन मिशन योजना से जोड़ा गया है. जिसके चलते ग्रामवासी नदी का गन्दा पानी पीने को मजबूर है. इन दिनों नदी पूरी तरह से सूख गया है. जल स्त्रोत बन्द होने से पशु-पक्षी प्यास में प्राण त्याग रहे है. ग्रामीणों ने बताया कि नदी का गंदा पानी पीने से कई प्रकार की गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे है. जिससे मौत होने की पूर्ण संभावना है.

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