BIG BREAKING: बागेश्वर धाम वाले बाबा ने ने फिर मांगी माफी, जानिए Dhirendra Shastri के अब तक के विवादित बयान और माफी की लिस्ट
Pandit Dhirendra Shastri of Bageshwar Dham apologized: हैहयवंशी समाज के देव सहस्त्रबाहु को लेकर दिए गए बयान के बाद बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री का बयान सामने आया है. अपनी बातों के लिए माफी मांगते हुए उन्होंने सफाई दी है. ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है जब धीरेंद्र शास्त्री को ऐसा करना पड़ रहा है. इससे पहले भी वह अपने कुछ बयानों पर खेद जता चुके हैं. हालांकि उन्होंने हर मामले पर सफाई दी है. अपने आप को गलत मत कहो.
ट्वीट कर खेद जताया
बढ़ते विरोध के बाद बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने अपने सहस्त्रबाहु पर खेद जताया है. उन्होंने ट्वीट किया, ‘पिछले कुछ दिनों से एक विषय हमारे संज्ञान में आया है. भगवान परशुराम जी और महाराज सहस्त्रबाहु अर्जुन जी के युद्ध की चर्चा के बीच में मेरे द्वारा जो कुछ कहा गया है. ऐसा हमारे पवित्र हिन्दू शास्त्रों में वर्णित आधार पर कहा गया है.
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धीरेंद्र शास्त्री ने आगे लिखा, ‘हमारा मकसद किसी समाज या वर्ग की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था. न ही कभी होगा, क्योंकि हम सदैव सनातन की एकता के पक्षधर रहे हैं, फिर भी अगर हमारे किसी शब्द से किसी की भावना को ठेस पहुंची हो तो उसके लिए हमें खेद है. हम सब हिन्दू एक हैं. एक रहेंगे. हमारी एकता ही हमारी ताकत है.
देश में बढ़ रहा था विवाद
बता दें कि कुछ समय पहले एक कहानी में पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कलचुरि समाज के भगवान सहस्त्रबाहु और ताम्रकार समाज के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इसके बाद प्रदेशभर में समाज के लोग उनके खिलाफ खड़े हो गए. कई जिलों में ज्ञापन सौंपे गए और सोशल मीडिया पर भी लोग उनसे माफी की मांग करने लगे.
पहले भी दो बार माफी मांग चुके हैं
पहली बार- 1 इससे पहले धीरेंद्र शास्त्री ने साईं बाबा को लेकर दिए अपने बयान पर बवाल के बाद माफी मांगी थी, तब उन्होंने स्पष्ट कहा कि यदि कोई व्यक्ति व्यक्तिगत आस्था से संत को ही भगवान मानता है. यह उनकी निजी मान्यता है, हमें इससे कोई आपत्ति नहीं है. हमें दिल की गहराइयों से दुख और अफ़सोस होता है कि हमारे किसी भी शब्द से किसी का दिल आहत हुआ.
दूसरी बार- 2 एक कहानी में धीरेंद्र शास्त्री ने कहा था कि संत तुकाराम की पत्नी उन्हें रोज डंडे से मारती थी. इस बयान पर विवाद भी हुए थे, जिसके बाद उन्होंने इस पर खेद भी जताया था.
इसमें सफाई देते हुए उन्होंने कहा था कि संत तुकाराम एक महान संत थे और हमारे आदर्श हैं. किसी कहानी में हमने उनकी पत्नी के प्रति भाव व्यक्त किया था कि वह विचित्र स्वभाव की है. हमने उनके बारे में किसी किताब में पढ़ा था. फिर भी यदि किसी की भावना आहत होती है तो वह उनसे हाथ जोड़कर क्षमा मांगता है.
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