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Valentines Day: पाकिस्तान में जन्मे…हिंदुस्तान में हुआ प्यार, जानें ये अनोखी प्रेम कहानी

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भारत की आजादी के एक साल बाद होलाराम अपने परिवार के साथ पाकिस्तान से सतना आए थे, तब उनकी उम्र महज दो साल थी। भारतीय माहौल में होलाराम की परवरिश होने लगी, जैसे-जैसे आजाद भारत जवान हो रहा था, होलाराम भी जवानी की दहलीज पर सरपट चल रहे थे। ठीक इसी समय होलाराम की आंखों को लगभग हम उम्र लड़की भा गई।

एक हिंदुस्तानी लड़की के प्यार में वे ऐसे बावले हुए कि एक पैसे (तब के जमाने में एक पैसे बहुत हुआ करते थे) की कलम खरीदी और दो पैसे में 25 पेज कागज। इन 25 पेजों में होलाराम ने अपने दिल की तमाम बातें उढेल दीं। 25 पेज में प्रेम का ऐसा इजहार किया कि लड़की न नहीं कर सकी। शादी के लिए राजी हो गई, वैलेंटाइन डे के इस मौके पर इस जोड़े ने अपने दांपत्य जीवन के 55 साल पूरे कर लिए। लेकिन इनके आगाध प्रेम को देखकर लगता ही नहीं कि ये 55 साल से एक-दूसरे के साथ हैं। बस इनके अपनत्व को देखकर लगता है कि अभी-अभी तो इन्होंने साथ रहना शुरू किया है।

शादी के 55 साल हो चुके पूरे…

यह जोड़ा मध्यप्रदेश के सतना स्थित कृष्ण नगर की हरिओम कॉलोनी में रहता है। होलाराम वाधवानी की उम्र अब 77 साल हो चुकी है और उनकी पत्नी का नाम है कमलादेवी वाधवानी। इन दोनों की प्रेम कहानी वाकई रोमांचित करने वाली है। शादी के 55 साल हो चुके पूरे, लेकिन इनके बीच आज भी वही प्यार बरकरार है, जो जवानी के दिनों में हुआ करता था। 55 साल के दौरान कभी कोई तकरार की स्थिति दोनों के बीच नहीं पैदा हुई, आपसी समझ ऐसी कि प्यार में कहीं कोई स्पीड ब्रेकर नहीं।

मिष्ठान भंडार के मालिक हैं होलाराम… 

होलाराम वाधवानी शहर के प्रतिष्ठित मिष्ठान भंडार वीनस स्वीट्स के मालिक हैं। इनके तीन बेटे और तीन बेटियां हैं। सभी बच्चों का ब्याह कर चुके हैं। होलाराम का कहना है कि पुराने दौर में प्यार के लिए लोग प्रेम पत्र का उपयोग करते थे। वर्तमान दौर में व्हाट्सएप, फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे सोशल साइट्स प्यार के इजहार का जरिया बन गए हैं। होलाराम कहते हैं, किसी भी तरीके से प्यार जताएं, इसमें कोई हर्ज नहीं। सबसे जरूरी है कि अपने प्यार के प्रति ईमानदार रहें, उसके प्रति समर्पति रहें। जाहिर यह ईमानदारी और समर्पण ही आपके प्यार की ताजगी बरकरार रखते हैं और अगर प्यार में ताजगी हो तो हर तकरार का समाधान भी चुटकियों में हो जाता है।

साल 1948 में हिंदुस्तान के सतना आए…

होलाराम वाधवानी का जन्म दो अगस्त 1945 को पाकिस्तान के जिला शख्कर में हुआ था। विभाजन के दौरान होलाराम साल 1948 में हिंदुस्तान के सतना आए थे। 30 मार्च 1967 को कमला देवी वाधवानी के साथ उन्होंने दांपत्य जीवन की शुरुआत की थी। उनकी पत्नी मध्यप्रदेश के जबलपुर की रहने वाली हैं। इस जोड़े ने दांपत्य जीवन के 55 साल पूरे कर लिए हैं, लेकिन साल 2017 में जब अपनी शादी की 50वीं सालगिरह मना रहे थे, तब इनके भीतर नवविवाहत दंपती सा रोमांच था।

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