CRPF: शहीद कमांडर नितिन भालेराव अपने परिवार के साथ
– फोटो : Amar Ujala
विस्तार
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नवंबर 2020 के दौरान ताड़मेटला गांव के निकट नक्सलियों ने बारूदी सुरंग में विस्फोट कर सीआरपीएफ कोबरा की छह टीमों को भारी नुकसान पहुंचाने की योजना बनाई थी। नक्सलियों द्वारा लंबी दूरी तक बारूदी सुरंग बिछाई गई। भारी संख्या में मौजूद नक्सलियों की यह रणनीति थी कि पहले सीआरपीएफ कोबरा को बारूदी सुरंग यानी आईईडी विस्फोट के जरिए चोट पहुंचाएंगे और उसके बाद घात लगाकर हमला कर देंगे। वे कोबरा जवानों के हथियार छीनना चाहते थे, लेकिन 206वीं कोबरा बटालियन के सहायक कमांडेंट 33 वर्षीय नितिन पी भालेराव और उनके साथियों ने नक्सलियों को अपने इरादों में कामयाब नहीं होने दिया। उस ऑपरेशन में भालेराव शहीद हो गए थे। अब दो दिन पहले उनकी पत्नी रश्मि का हार्ट अटैक होने से निधन हो गया है। परिवार में अब उनकी आठ वर्षीय बेटी वेदांगी नितिन भालेराव बची हैं। सीआरपीएफ में भालेराव के साथी अनेक अधिकारियों ने बल के शीर्ष नेतृत्व से मांग की है कि इस कष्ट की घड़ी में नितिन भालेराव की बेटी को आर्थिक मदद दी जाए। इस मामले में सीआरपीएफ वाइव्ज वेल्फेयर एसोसिएशन को भी आगे आना चाहिए।
बेटी को सीआरपीएफ से मिले फैमिली पेंशन
सीआरपीएफ में भालेराव के साथियों का कहना है कि अब परिवार में उनकी बेटी वेदांगी बची है। भालेराव के पिता का 1994 में निधन हो गया था। उनके बड़े भाई अमोल और छोटे भाई सुयोग, दोनों टीचर हैं। नितिन की शहादत के बाद उनका परिवार बड़ी मुश्किल से सामान्य अवस्था में आया था। अब 11 फरवरी को नितिन भालेराव की पत्नी रश्मि का भी निधन हो गया है। वेदांगी, नासिक के ही एक स्कूल में तीसरी कक्षा की छात्रा है। नितिन, सीआरपीएफ का जांबाज ग्राउंड कमांडर था। अखिल भारतीय पुलिस कमांडो मुकाबले में उसने सीआरपीएफ दल का नेतृत्व किया था। इंटरनल सिक्योरिटी अकादमी में उसे ‘बेस्ट ट्रेनी इन आउटडोर सब्जेक्ट’, का सम्मान मिला था। नितिन के सहयोगी रहे अधिकारियों का कहना है कि संकट की इस घड़ी में सीआरपीएफ द्वारा उनकी बेटी को फैमिली पेंशन दी जानी चाहिए।