

मधुकर राव (फाइल फोटो)
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सलवा जुडूम के नेता मधुकर राव को उनके गांव कुटरू में परिजनों व अन्य लोगों ने उन्हें नम आंखों से अंतिम विदाई दी। उनकी अंतिम यात्रा में विधायक विक्रम मंडावी, भाजपा नेता व पूर्व मंत्री महेश गागड़ा, सहित जिले के आला अफसर शामिल हुए।
बुधवार को उनके गृह ग्राम कुटरू में उनके बड़े भाई के. यादवराव ने उन्हें मुखग्नि दी। बता दें की मधुकर राव पूर्व में शिक्षक रहे। 2005 में नक्सलियों के खिलाफ अम्बेली से शुरू हुए सलवा जुडूम अभियान में वे शामिल हो गए। इसके बाद उन्होंने शिक्षक की नौकरी छोड़ दी। सलवा जुडूम अभियान के कमजोर पड़ने के बाद उन्होंने कुटरू में ही पंचशील आश्रम का संचालन शुरू किया। इसमें वे आदिवासी बच्चों को आवासीय शिक्षा देते थे।
उनके निधन से उनके समर्थकों व परिजनों को गहरा दुख पहुंचा है। बता दें कि मधुकर राव अविवाहित थे। उन्होंने लोगों की सेवा के लिए शादी तक नहीं की। मंगलवार को सीने में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें कुटरू से जिला अस्पताल बीजापुर लाया गया था। यहां तबियत में सुधार नहीं होने पर उन्हें वारंगल ले जाया गया। वहां एक निजी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली।






