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india energy week 2023: ग्रीन एनर्जी के लिए सरकार और निजी क्षेत्र को मिलकर काम करना होगा- तांती

भारत में इंडिया एनर्जी वीक (भारत ऊर्जा सप्ताह) मनाया जा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी भारत में हरित ऊर्जा स्त्रोतों को बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं। आइए जानते हैं क्या कहते हैं विशेषज्ञ…

भारत में ऊर्जा की जरूरतें तेजी से बढ़ रही हैं और जनसंख्या वृद्धि और मांग को देखते हुए सरकार और निजी क्षेत्र को मिलकर तेजी से काम करना होगा। यह बात अमर उजाला से बातचीत में एशिया की चौथी सबसे बड़ी विंड टरबाइन कंपनी सुजलॉन एनर्जी लिमिटेड के वाइस चेयरमैन गिरीश आर तांती ने कही। उन्होंने कहा कि सरकार और निजी क्षेत्र को हरित ऊर्जा के लिए संयुक्त रूप से काम करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि राज्यों और केंद्र के बीच समन्वय के साथ काम करने से प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के उस लक्ष्य को तेजी से हासिल किया जा सकेगा, जिसमें 2030 तक अक्षय ऊर्जा स्रोतों से कुल बिजली उत्पादन क्षमता का 50 प्रतिशत हासिल करने की बात कही गई है। 

 

रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद बदल गए हालात

तांती ने कहा, रूस-यूक्रेन संघर्ष और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से उत्पन्न वैश्विक ऊर्जा संकट को ध्यान में रखते हुए, यह अनिवार्य है कि भारत जल्द से जल्द हरित और टिकाऊ ऊर्जा की ओर अपने कदम बढ़ाए। उन्होंने कहा कि बिजली केंद्र और राज्यों की समवर्ती सूची में है और समन्वय की कमी होने पर निर्णय लेने और कार्यान्वयन में देरी होती है। हालांकि, कुछ राज्यों में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र के लिए प्रगतिशील नीतियां हैं और वे केंद्र के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। 

इंदौर में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट एक बेहतर प्लेटफॉर्म

तांती ने ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के माध्यम से इंदौर में उद्योगपतियों को मंच प्रदान करने के मप्र सरकार के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने कहा, देश में मांग और संसाधनों की कोई कमी नहीं है, अगर हम एक साथ काम करते हैं, तो कार्य पूरा करने की चुनौतियों को पार किया जा सकता है, और हम विकास से संबंधित लक्ष्यों को गारंटी से हासिल कर सकते हैं। नवीकरणीय ऊर्जा से जुड़ी लागत संबंधी चिंताओं की चर्चा करते हुए तांती ने कहा, नवीकरणीय ऊर्जा की लागत समय के साथ काफी कम हो गई है, और यह अब ऊर्जा का सबसे सस्ता स्रोत है। यह बिना किसी प्रोत्साहन के संभव हुआ है।

केंद्र के फैसलों से हो रहा फायदा

तांती ने उद्योगों को हरित ऊर्जा खरीदने या नवीनीकरण के माध्यम से उत्पन्न अपनी कैप्टिव बिजली का उपयोग करने की अनुमति देने के फैसले के लिए केंद्र की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इस फैसले से हरित ऊर्जा में परिवर्तन की प्रक्रिया बहुत तेज हो गई है क्योंकि अब तक केवल सरकार ही नवीकरणीय ऊर्जा खरीद रही थी।

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