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पत्नी के शक पर पति की पिटाई: समाज की बैठक में उठाकर ले आए, जूतों की माला पहनाई, फिर कहा- आरोप बेबुनियाद

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छत्तीसगढ़ के कांकेर में पत्नी के शक ने उसके पति और परिचित को शर्मसार कर दिया। पत्नी ने पति पर गंभीर आरोप लगाते हुए समाज प्रमुखों से शिकायत कर दी। समाज ने इसकी कोई जांच नहीं की और बैठक बुलाकर आरोपी की तरह पति व उसके परिचित को बैठक में उठा लाए। इसके बाद पति को जमकर पीटा। वहीं परिचित के गले में जूतों की माला पहनाकर माफी मंगवाई। जांच के दौरान शिकायत गलत निकली, तो समाज प्रमुखों ने आरोप बेबुनियाद बताते हुए उन्हें घर जाने को कह दिया। फिलहाल वीडियो वायरल होने के बाद मामला पुलिस के पास पहुंच गया है।

मानसिक दिव्यांग बेटी से अवैध संबंध को लेकर की शिकायत

दरअसल, पूरा मामला पंखाजूर थाना क्षेत्र के कमलपुर गांव का है। यहां रहने वाले केनाराम मंडल की पत्नी की मौत हो चुकी है। इसके बाद उसने करीब आठ महीने पहले प्रतिमा मंडल से दूसरी शादी कर ली। पहली पत्नी से केनाराम की 19 साल की एक बेटी है, जो मानसिक दिव्यांग है। इसके चलते प्रतिमा को पति के साथ रहना रास नहीं आ रहा था और वह रिश्ता तोड़कर वापस जाना चाह रही थी। पति ने पुलिस को बताया कि प्रतिमा ने झूठे आरोप लगाते हुए उसकी ही दिव्यांग बेटी से अवैध संबंध होने की शिकायत समाज से कर दी। 

केनाराम ने जांच की मांग की, पर भीड़ ने नहीं सुना

इस पर केनाराम ने समाज से इसकी जांच की मांग की। उसका कहना था कि बेटी पहले ही मानसिक दिव्यांग है। ऐसा करने से सार्वजनिक बैठक में उसकी और बेटी की बदनामी होगी। इस बीच प्रतिमा के आवेदन पर समाज ने 22 जनवरी को बैठक बुला ली। बेटी की बदनामी के चलते केनाराम इसमें आना नहीं चाहता था। वह बैठक में नहीं पहुंचा तो समाज प्रमुखों ने उसकी तलाश शुरू करवाई। इस दौरान केनाराम गांव से करीब चार किमी दूर खेत में बनी झोपड़ी में अपने एक परिचित निर्मल सूत्रधार के पास पहुंचा था। निर्मल को इसकी जानकारी भी नहीं थी कि गांव में कोई बैठक है।

मदद मांगी तो पुलिस बोली, पहले वीडियो भेजो

तभी गांव के करीब दो दर्जन लड़के पहुंच गए और बैठक में चलने को लेकर हंगामा कर दिया। इसके कुछ देर बाद महिलाओं की भी भीड़ वहां पहुंच गई। भीड़ ने उन्हें घेर लिया। यह देखकर निर्मल ने पुलिस को कॉल किया, पर लगा नहीं। फिर एक एएसआई को कॉल मिलाया तो उसने कहा कि पहले भीड़ का वीडियो बनाकर भेजो। केनाराम ने उसे बताया भी कि वह बाहर निकलेगा तो उसे मार देंगे। फिर भी एएसआई उसे विडियो या फोटो भेजने के लिए कहता रहा। इसी दौरान कुछ युवक घर में घुसे और दोनों को पकड़ गांव में होने वाली बैठक में ले आए। यहां समाज के प्रमुख भी मौजूद थे। 

पुलिस पहुंची तो समाज का मामला बता लौट गई

भीड़ दोनों को उठाकर ले गई तो परिजन थाने पहुंचे और इसकी जानकारी दी। तब तक गांव में समाज की बैठक शुरू हो चुकी थी। पुलिस पहुंची, लेकिन सुरक्षा देने की जगह सामाजिक मामला होने की बात कहकर चली गई। इसके बाद बैठक में एक युवक ने निर्मल पर केनाराम को बचाने का आरोप लगा उसे जूतों की माला पहना दी। समाज ने उसे भी हाथ जोड़ और पैर पकड़ माफी मांगने कहा। इस पर निर्मल ने वही किया। फिर उसे जाने को कहा गया। निर्मल के जाने के बाद केनाराम की पिटाई की गई। हालांकि जांच में आरोप निराधार मिला, तो पत्नी ने समाज से माफी मांग ली। 

खुदकुशी की तैयारी में था निर्मल

बैठक में जूतों का हार पहनाकर उसका विडियो वायरल किए जाने से निर्मल काफी परेशान था। बदनामी के चलते वह रस्सी लेकर फांसी लगाने घर से निकल गया था। जब इसकी जानकरी परिजनों को हुई तो वे उसे समझाकर घर लाए। इसके बाद तीन फरवरी को उसने मामले की शिकायत थाने में की। उसने कहा कि समाज के दबाव के कारण खामोश था, लेकिन बेबुनियाद आरोप के बाद जो हुआ उसका कुछ लोगों ने विडियो बना वायरल कर दिया। जिससे उसके मान सम्मान को ठेस पहुंची तो वह इंसाफ मांगने पहुंचा है। 

समाज प्रमुख बोले- नहीं पहचानता 

समाज प्रमुख समीर हालदार ने कहा कि दोनों को घर से लाने, बैठक में मारपीट करने और जूते की माला पहनाने वालों को वह नहीं जानता। पत्नी के आरोप की जांच की गई जो निराधार पाया गया। इसे लेकर पत्नी ने बैठक में माफी मांगी है। दोनों को साथ में रहने वापस घर भेज दिया गया। वहीं सरपंच जगदेर उसेंडी ने कहा गांव में जो बैठक हुई वह समाजिक थी। उसमें हुई मारपीट और अन्य घटना की उसे कोई जानकारी नहीं है। ग्राम पंचायत ने यह बैठक नहीं बुलाई थी। 

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