Nauradehi Wildlife Sanctuary: नौरादेही में बाघों का बढ़ता कुनबा, गांव के विस्थापन की प्रकिया में जुटे अधिकारी
राधा ने 2021 में चार शावकों को दिया था जन्म
– फोटो : अमर उजाला
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मध्यप्रदेश के सबसे बड़े और दमोह, सागर व नरसिंहपुर जिले में फैले नौरादेही अभयारण्य में 12 बाघों की दहाड़ सुनाई दे रही है। इनमें से जो छह शावक हैं, वह भी वयस्क हो रहे हैं और 14 माह की उम्र पार कर चुके हैं। शावर अपनी मां के साथ शिकार की बारीकियां सीख रहे हैं। इस अभयारण्य में शाकाहारी और मांसाहारी जानवरों की संख्या लगातार बढ़ रही है, इसलिए अभयारण के अंतर्गत आने वाले गांव के विस्थापन की प्रकिया में अधिकारी तेजी से लगे हैं। वर्तमान में दमोह जिले के तीन गांवों के विस्थापन की प्रक्रिया पर कार्य चल रहा है।
नन्हे शावक हुए वयस्क
नौरादेही अभयारण्य में बाघिन राधा और बाघ किशन का पूरा परिवार घूम रहा है, जिनकी संख्या 11 है और एक बाघ नौरादेही को उपहार में मिल गया जो पन्ना टाईगर रिजर्व से दो साल पहले चलकर यहां आ आया था। ये बाघ राधा-किशन के परिवार में ही रहने लगा और इस नए मेहमान को भी अपना लिया गया। जिससे वर्तमान में यहां 12 बाघ मौजूद हैं। वहीं इनमें से छह शावक हैं जो अब तेरह से चौदह महीने की उम्र के हो चुके हैं और वयस्क हो गए हैं, लेकिन अभी भी अपनी मां के साथ शिकार की ट्रेनिंग ले रहे हैं। अभयारण्य के अधिकारियों के मुताबिक बाघ बीस से तीस माह के बीच वयस्क कहलाने लगते हैं। वर्तमान में नौरादेही अभयारण्य में जो छह शावक हैं वह तेरह से चौदह माह के हो चुके हैं और अब ये वयस्क की तरह दिखने लगे हैं। केवल इनका शरीर दुबला है। आकार और ऊंचाई के अनुसार यदि देखा जाये तो यह पूर्ण रूप से वयस्क दिखाई देने लगे हैं।
राधा ने दूसरी बार 6 नवंबर 2021 को चार शावकों को जन्म दिया था जबकि राधा की बेटी ने 12 दिसंबर 2021 में दो शावकों को जन्म दिया था। राधा का एक शावक जो अपनी मां के साथ घूमता दिखाई देता है वह शरीर से काफी तंदरूस्त है। अधिकारियों की मानें तो सभी शावक स्वस्थ हैं और अलग-अलग जंगलों में अपना डेरा डाले हुए हैं।
दूसरी मादा पर बना सस्पेंश
राधा ने 2019 में पहली बार में तीन शावकों को जन्म दिया था इनमें एक नर और दो मादा थीं। एक मादा ने दिसंबर महीने में शावकों को जन्म दे दिया, जबकि दूसरी मादा पर सस्पेंश है। जबकि इन दोनों का जन्म एक ही दिन हुआ था। राधा की दूसरी बेटी के संबंध में कोई स्पष्ट रूप से जानकारी नहीं मिल पा रही। वहीं कुछ अधिकारी यह भी कह रहे हैं कि हो सकता है 15 दिन या एक महीने के अंदर कोई खुशखबरी मिल जाए, लेकिन वर्तमान में इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती। नौरादेही में टीम लगातार सर्च कर रही है और पगमार्क से सभी बाघों की निगरानी कर रही है। क्योंकि केवल बाघिन राधा की कॉलर आईडी चालू है बाघ की कॉलर आईडी पहले ही खराब हो गई है। इसके अलावा अन्य बाघों को अभी तक कॉलर आईडी नहीं पहनाई गई। इसलिए सभी की लोकेशन केवल पगमार्क से ही ली जाती है।
इन गांवों को किया जाएगा विस्थापित
नौरादेही अभयारण में बाघ और अन्य जानवरों की संख्या बढ़ रही है इसलिये जो गांव अभयारण्य में बसे हैं, उनके विस्थापन की प्रकिया तेजी से शुरू होने लगी है। इस प्रकिया में अब दमोह जिले के तीन गांवों के विस्थापन की प्रकिया चल रही है। जिनमें सर्रा रेंज के दो ग्राम रमपुरा और उनारीखेड़ा हैं जबकि झापन रेंज का एक ग्राम डवा है, जिसके विस्थापन के लिये तैयारी चल रही है। नौरदेही के एसडीओ सेवाराम मालिक ने बताया कि अभयारण्य में जानवरों की संख्या बढ़ रही है। सभी छह शावक 25 से 30 माह में पूर्ण वयस्क हो जाएंगे। दूसरी मादा गर्भवती हैं या नहीं कुछ नहीं कहा जा सकता। वर्तमान में दमोह जिले के तीन गांव के विस्थापन की प्रकिया चल रही है। कोशिश रहेगी कि ये तीनों गांव बारिश के पूर्व विस्थापित हो जाएं।