स्लाइडर

कारों की बिक्री कम करवाकर और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बेहतर बनाकर ही सुधरेगा इंदौर का ट्रैफिक

विस्तार

इंदौर शहर में ट्रैफिक लगातार बिगड़ रहा है और उसके लिए मेट्रो योजना लाई जा रही है। दावा किया जा रहा है कि इससे ट्रैफिक सुधर जाएगा और नागरिकों की परेशानियां कम होने लगेंगी। अगर ऐसा ही होता तो क्या दिल्ली और अन्य शहरों का ट्रैफिक नहीं सुधर जाता जहां पर पहले से मेट्रो है? यह सवाल बेंगलुरु के पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन विशेषज्ञ आशीष वर्मा ने इंदौर के नागरिकों और जिम्मेदारों से पूछा। वे यहां पर ट्रैफिक से जुड़े सवालों के जवाब देने के लिए एक कार्यक्रम में आमंत्रित थे। पहला सवाल नागरिकों से खुद पूछने के बाद उन्होंने नागरिकों के मन में चल रहे ट्रैफिक से जुड़े सभी सवालों के जवाब दिए। 

सेवा सुरभि,  संस्था जन आक्रोश और इंदौर प्रेस क्लब द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में शहर की ट्रैफिक व्यवस्था पर चर्चा आयोजित की गई। इसमें बड़ी संख्या में प्रबुद्धजन शामिल हुए। आशीष ने इंदौर ट्रैफिक व्यवस्था पर कहा कि किसी भी शहर में जब तक कारों की संख्या कम नहीं होगी और पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम बेहतर नहीं होगा तब तक वहां पर सुधार नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि कई शहरों ने ट्रैफिक बढऩे पर सडक़ें बनवाई, फ्लायओवर बनवाए और शहर का खूब विस्तार किया लेकिन इसके बावजूद वहां पर आज भी जाम लगता है। इसके बाद उन्होंने कई विकल्प बताए जो ट्रैफिक को सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं। 

इन तरीकों से सुधरेगा शहर का ट्रैफिक

1. इस तरह की पॉलिसी लाना चाहिए जिससे कारों की खरीद कम हो। चीन में लॉटरी से कार खुलती है, सिंगापुर में कार के दाम से ज्यादा उस पर टैक्स देना पड़ता है, जापान में कार पार्किंग की जगह नहीं हो तो कार नहीं खरीद सकते। इस तरह के नियम कारों की खरीदी में कमी लाएंगे। 

2. साइकिल चलाने को प्रोत्साहन देना होगा। उनके लिए अलग से सडक़ें, सुविधाएं देना होगी। 

3. पब्लिक ट्रांसपोर्ट ऐसा हो कि नागरिकों को घर से मेट्रो तक जाने में कोई तकलीफ न आए। तभी वह मेट्रो तक जाना पसंद करेंगे। 

4. कुछ क्षेत्रों में वाहनों की एंट्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाना होगा। 

Source link

Show More
Back to top button