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खबर पढ़कर रह जाएंगे हैरान! 22 साल बाद हाई कोर्ट में हुई केस की पहली सुनवाई, जानिए क्यों हुई इतनी देरी

हाइलाइट्स

पोस्‍ट ऑफिस में हेराफेरी का मामले की छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में पहली सुनवाई.
मध्य प्रदेश से ट्रांसफर केस की 22 साल बाद छत्तीसगढ़ HC में पहली सुनवाई.
पोस्ट ऑफिस खाते से रकम गायब होने के मामले में छत्तीसगढ़ में हुई सुनवाई.

बिलासपुर. मध्य प्रदेश के जबलपुर हाईकोर्ट से केस ट्रांसफर होने के 22 साल बाद छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में मंगलवार को पहली सुनवाई हुई. इस सुनवाई में मुख्य अभियुक्त को प्रस्तुत होने कहा गया था और वह पहली बार छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में प्रस्तुत हुआ. यह मामला अविभाजित मध्यप्रदेश के दौरान 1993 में अंबिकापुर पोस्ट ऑफिस में एजेंट और पोस्ट ऑफिस के कर्मचारियों द्वारा खाता में हेराफेरी कर पैसा निकालने का है.

बता दें कि मामले में सीबीआई इंक्वायरी हुई थी, और सीबीआई कोर्ट द्वारा चार्ज लगाकर 1999 में सभी 6 दोषियों को दोषी मानते हुए 2 साल की सजा और 4 हजार रुपए जुर्माना लगाया था. दरअसल, ये केस अविभाजित मध्यप्रदेश में अंबिकापुर के पोस्ट ऑफिस के खाता से रुपए आहरण का है. पोस्ट ऑफिस के एजेंट और पोस्ट ऑफिस के अधिकारियों के द्वारा खाताधारक के खाता से 55 हजार रुपए का आहरण करने के मामले में मंगलवार को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. 22 सालों में पहली बार सुनवाई में मुख्य अभियुक्त रमेश पंजवानी कोर्ट के समक्ष पेश हुए. मामले की सुनवाई जस्टिस एन के व्यास की कोर्ट में हुई. मामले की अगली सुनवाई 9 फरवरी को होगी.

यह है पूरा मामला
1993 में अंबिकापुर पोस्ट ऑफिस में एजेंट के माध्यम से पैसा जमा कराने वाले खाताधारक श्री सिन्हा के खाता से 55 हजार रुपए की हेराफेरी की गई थी. मामले का खुलासा होने के बाद खाताधारक द्वारा पोस्ट ऑफिस ने इसकी शिकायत की गई थी. शिकायत के बाद डिपार्टमेंटल इंक्वायरी में सभी बरी हो गए थे, तब मामला सीबीआई तक पहुंच गया. सीबीआई मामले को जांच कर रही थी और जांच में रमेश पंजवानी समेत छह लोगों पर आरोप तय कर सीबीआई कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की.

यह मामला 1993 का है और तब से इसकी जांच और कोर्ट में प्रकरण चलता रहा. 1999 में सीबीआई कोर्ट ने मुख्य अभियुक्त रमेश पंजवानी समेत छह लोगों को दोषी मानते हुए 2 साल की सजा और 4 हजार रुपए अर्थदंड लगाया था, तब मुख्य अभियुक्त रमेश पंजवानी समेत छह लोगों ने जबलपुर हाईकोर्ट में क्रिमिनल अपील की थी. साल 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य अलग होने के बाद केस डायरी मध्यप्रदेश हाईकोर्ट से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ट्रांसफर कर दी गई. मामले में 22 साल बाद पहली बार सुनवाई हुई है. सुनवाई के बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई 9 फरवरी तय की है.

डिपार्टमेंटल इन्क्वायरी में थे निर्दोष, सस्पेंशन के दौराम मिली अग्रिम जमानत
मामले में मिली जानकारी के अनुसार, खाताधारक के खाता से पैसे निकलने के मामले में शिकायत के बाद डिपार्टमेंटल इंक्वायरी की गई थी, और इस मामले में सभी 6 दोषियों को क्लीन चिट दे दी गई थी. मामला सीबीआई तक पहुंचने के बाद सभी 6 दोषियों को सस्पेंड कर दिया गया था. सीबीआई कोर्ट के सजा सुनाने के बाद सभी दोषियों ने अग्रिम जमानत ले ली थी. मामले से जुड़े 3 लोगो की मौत भी हो चुकी है.

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