भाटापारा के कांग्रेस नेताओं से चर्चा करते पर्यवेक्षक
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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छत्तीसगढ़ के बलौजाबाजार-भाटापारा जिले के भाटापारा नगर पालिका में कांग्रेस के तीन अज्ञात पार्षदों को भाजपा को मत देने के बाद भी छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकी है। मामले में भाजपा ने अविस्वास प्रस्ताव लगाया था। 19 मतों के बाद भी अविस्वास प्रस्ताव पारि नहीं हो सका। भाटापारा नगर पालिका क्षेत्र में 31 वॉर्ड हैं, जहा सन 2019- 20 में कांग्रेस ने 13 वॉडों में जीत हासिल की थी। भाजपा 14 वॉर्डों में जीत हासिल की थी । तीन निर्दलीय पार्षद कांग्रेस में शामिल हुए को कांग्रेस ने 16 पार्षदों के साथ नगर पालिका में कांग्रेस अध्यक्ष सुनीता गुप्ता को बहुमत के साथ अध्यक्ष बनाया था।
अज्ञात पांच पार्षदों ने भाजपा को मत डाला
वर्तमान 2022 में भाजपा के पार्षदो की ओर से अविस्वास प्रस्ताव लाया गया और 28 दिसम्बर को अविस्वास पारित करने के लिए मतदान प्रक्रिया की गई, जिसमें नियमानुसार अविस्वास प्रस्ताव को बचाने के सम्पूर्ण मत का एक तिहाई मत अध्यक्ष को अपने पक्ष में रखना अनिवार्य होता है, जिसमें 31 मतों में से 12 मत अध्यक्ष सुनीता गुप्ता बचाने में सफल रही। सन 2019-20 में भाजपा के पास केवल 14 पार्षद थे। अविस्वास प्रस्ताव में भाजपा के पक्ष में 19 पार्षदों ने मत डाला। अतः इस तरह कांग्रेस के अज्ञात पांच पार्षदों ने भाजपा को मत डाला। इस संबंध में कांग्रेस जिला अध्यक्ष हितेन्द्र ठाकुर से पूछा गया कि कांग्रेस की सत्ता होते हुए भी भाजपा ने कांग्रेस के नाक के नीचे से कांग्रेस के पार्षदों को अपने पक्ष मे लेकर चले गए। इस पर हितेद्र ठाकुर ने गोल-मोल जवाब देते हुए जांच की बात कही।
जांच के बाद कार्रवाई की बात
नगर पालिका में अध्यक्ष के खिलाफ अविस्वास प्रस्ताव लगने के बाद कांग्रेस ने दो पर्यवेक्षक नियुक्त किए थे। इसमें रायपुर के पूर्व मेयर प्रमोद दुबे और पंकज शर्मा जिला सहकारी बैक अध्यक्ष रायपुर शामिल थे। पर्यवेक्षक भी अपने पांच अज्ञात कांग्रेसी पार्षदो को भाजपा में जाने से नहीं रोक पाए। पर्यवेक्षक भी चांज के बाद कार्रवाई की बात कह रहे हैं पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
छत्तीसगढ़ के बलौजाबाजार-भाटापारा जिले के भाटापारा नगर पालिका में कांग्रेस के तीन अज्ञात पार्षदों को भाजपा को मत देने के बाद भी छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकी है। मामले में भाजपा ने अविस्वास प्रस्ताव लगाया था।