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Jabalpur: EOW ने तैयार किया आठ हजार पन्नों को चालान, पूर्व बिशप पीसी सिंह के खिलाफ कल कोर्ट में पेश करेंगे

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जबलपुर की शैक्षणिक संस्थाओं की राशि के दुरुपयोग तथा मिशन की सम्पत्ति में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में जेल में निरुद्ध पूर्व बिशप पीसी सिंह के खिलाफ ईओडब्ल्यू सोमवार पांच दिसंबर को चालान पेश करेगी। ईओडब्ल्यू ने पूर्व बिशप व उनके सहयोगी के खिलाफ आठ हजार पन्नों का चालान तैयार किया है।

गौरतलब है कि ईओडब्ल्यू की टीम ने 8 सितंबर को तत्कालीन बिशप पीसी सिंह के नेपियर टाउन स्थित कार्यालय तथा घर में दबिश दी थी। दबिश के दौरान 80 लाख का सोना, 1 करोड़ 65 लाख रुपये नगद, 48 बैंक खाते, 18352 यूएस डॉलर, 118 पांउड, 9 लग्जरी गाड़ियां, 17 संपत्तियों के दस्तावेज मिले थे। दबिश के दौरान पीसी सिंह देश के बाहर था। ईओडब्ल्यू ने उसे नागपुर एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था। जांच में पता चला कि उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर बैंक में साढे़ 6 करोड़ रुपये जमा थे। इसके अलावा पीसी सिंह ने मिशन कंपाउंड स्थित बेशकीमती जमीन खुद के नाम आधे दामों में खरीदी थी। बिशप रहते हुए पीसी सिंह  जमीन का विक्रेता खुद बना और क्रेता भी स्वयं बना था। 

ये भी पता चला कि पीसी सिंह के खिलाफ देशभर के अलग-अलग राज्यों में 60 मामले दर्ज हैं। इसके अलावा उसने फर्जी तरीके से संस्था का रजिस्ट्रेशन करवाकर मिशनरी स्कूलों पर कब्जा कर लिया था। मिशनरी स्कूल की जमीन अपने ट्रस्ट के नाम पर दर्ज करवा ली थी। ईओडब्ल्यू ने प्रकरण में पीसी सिंह की पत्नि नीरू सिंह, खास राजदार सुरेश जैकब, बेटा पीयूष को भी आरोपी बनाया है। इसके अलावा मिशन व शैक्षणिक संस्था से जुडे अन्य सदस्य भी ईओडब्ल्यू के रडार में हैं।

ईओडब्ल्यू के उप पुलिस अधीक्षक स्वर्ण सिंह धामी ने बताया कि कोर्ट में 5 दिसंबर को चालान पेश किया जाएगा। चालान आठ हजार से अधिक पन्नों का है। पूर्व बिशप के ट्रस्ट से उनकी बेटी प्रियंका के खाते में राशि भेजी गई है। पूछताछ के लिए उनकी बेटी को नोटिस जारी किए जा रहे हैं। प्रियंका ने हैदराबाद में रहकर एमबीबीएस का कोर्स किया था। एमबीबीएस कोर्स में लगभग पांच करोड़ रुपये व्यय हुए हैं।
 

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जबलपुर की शैक्षणिक संस्थाओं की राशि के दुरुपयोग तथा मिशन की सम्पत्ति में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में जेल में निरुद्ध पूर्व बिशप पीसी सिंह के खिलाफ ईओडब्ल्यू सोमवार पांच दिसंबर को चालान पेश करेगी। ईओडब्ल्यू ने पूर्व बिशप व उनके सहयोगी के खिलाफ आठ हजार पन्नों का चालान तैयार किया है।

गौरतलब है कि ईओडब्ल्यू की टीम ने 8 सितंबर को तत्कालीन बिशप पीसी सिंह के नेपियर टाउन स्थित कार्यालय तथा घर में दबिश दी थी। दबिश के दौरान 80 लाख का सोना, 1 करोड़ 65 लाख रुपये नगद, 48 बैंक खाते, 18352 यूएस डॉलर, 118 पांउड, 9 लग्जरी गाड़ियां, 17 संपत्तियों के दस्तावेज मिले थे। दबिश के दौरान पीसी सिंह देश के बाहर था। ईओडब्ल्यू ने उसे नागपुर एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था। जांच में पता चला कि उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर बैंक में साढे़ 6 करोड़ रुपये जमा थे। इसके अलावा पीसी सिंह ने मिशन कंपाउंड स्थित बेशकीमती जमीन खुद के नाम आधे दामों में खरीदी थी। बिशप रहते हुए पीसी सिंह  जमीन का विक्रेता खुद बना और क्रेता भी स्वयं बना था। 

ये भी पता चला कि पीसी सिंह के खिलाफ देशभर के अलग-अलग राज्यों में 60 मामले दर्ज हैं। इसके अलावा उसने फर्जी तरीके से संस्था का रजिस्ट्रेशन करवाकर मिशनरी स्कूलों पर कब्जा कर लिया था। मिशनरी स्कूल की जमीन अपने ट्रस्ट के नाम पर दर्ज करवा ली थी। ईओडब्ल्यू ने प्रकरण में पीसी सिंह की पत्नि नीरू सिंह, खास राजदार सुरेश जैकब, बेटा पीयूष को भी आरोपी बनाया है। इसके अलावा मिशन व शैक्षणिक संस्था से जुडे अन्य सदस्य भी ईओडब्ल्यू के रडार में हैं।

ईओडब्ल्यू के उप पुलिस अधीक्षक स्वर्ण सिंह धामी ने बताया कि कोर्ट में 5 दिसंबर को चालान पेश किया जाएगा। चालान आठ हजार से अधिक पन्नों का है। पूर्व बिशप के ट्रस्ट से उनकी बेटी प्रियंका के खाते में राशि भेजी गई है। पूछताछ के लिए उनकी बेटी को नोटिस जारी किए जा रहे हैं। प्रियंका ने हैदराबाद में रहकर एमबीबीएस का कोर्स किया था। एमबीबीएस कोर्स में लगभग पांच करोड़ रुपये व्यय हुए हैं।

 

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