लोगों के दिमाग में चिप लगाने की तैयारी कर रहे Elon Musk, 6 महीने में शुरू होगा ट्रायल, जानें पूरा मामला

आसान भाषा में समझें, तो न्यूरालिंक एक ऐसी डिवाइस डिवेलप कर रही है, जो आपके कंप्यूटर, मोबाइल फोन या अन्य डिवाइस को सीधे मस्तिष्क की गतिविधि से कंट्रोल कर सकेगी। यानी आप सोचकर अपना स्मार्टफोन चला सकेंगे। इस डिवाइस का सबसे ज्यादा फायदा दिव्यांग लोगों और पैरालाइसिस की चपेट में आए लोगों को होगा।
We are now confident that the Neuralink device is ready for humans, so timing is a function of working through the FDA approval process
— Elon Musk (@elonmusk) December 1, 2022
उदहारण के लिए , पैरालाइसिस व्यक्ति सिर्फ सोचकर ही अपना स्मार्टफोन ऑपरेट कर सकेगा। सिक्के के आकार की इस डिवाइस को लिंक नाम दिया गया है। कंपनी ने पिछले साल एक वीडियो में बताया था कि कैसे एक बंदर अपने दिमाग का इस्तेमाल कर गेम खेलता हुआ दिखा। उस बंदर के दिमाग में यही चिप डाली गई थी।
मस्क की न्यूरोलिंक का कहना है कि उसका मकसद न्यूरोलॉजिकल विकारों से पीड़ित लोगों के लिए जीवन को आसान बनाना है, हालांकि इसमें कितनी सफलता मिलेगी, इसका अनुमान अभी नहीं लगाया जा सकता। इससे पहले फरवरी में न्यूरालिंक ने खुलासा किया था कि प्रयोग के दौरान कई बंदरों की मौत भी हो गई थी। कंपनी पर पशु-क्रूरता के आरोप लगे थे। हालांकि मस्क ने आरोपों को खारिज कर दिया।
न्यूरालिंक के प्रोजेक्ट पर पूरी दुनिया की निगाहें हैं। ट्रायल के दौरान किसी को जान गंवानी पड़ी, तो मस्क और उनकी कंपनी को बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। न्यूरालिंक ने सुअर पर भी इस चिप को इम्प्लांट किया है। एलन मस्क चाहते थे कि साल 2020 तक उन्हें इंसानों पर ट्रायल करने के लिए जरूरी मंजूरी मिल जाए, हालांकि यह प्रोजेक्ट 2 साल की देरी से चल रहा है।