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अनोखी भक्ति: शिक्षिका ने मंदिर में दान दी करोड़ों की संपत्ति, मकान,बैंक बैलेंस समेत सब कुछ किया भगवान के नाम

शिक्षिका ने मंदिर में दान की करोड़ों की संपत्ति

शिक्षिका ने मंदिर में दान की करोड़ों की संपत्ति
– फोटो : अमर उजाला

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दुनिया में ऐसे बहुत कम लोग होते हैं जो अपनी मेहनत की कमाई को दान में दे देते हैं। मध्यप्रदेश में एक महिला शिक्षिका ने अपनी मेहनत की पाई-पाई को भगवान के नाम कर दिया है। श्योपुर जिले के विजयपुर निवासी शिवकुमारी जादौन बचपन से ही ईश्वर के प्रति अगाध श्रद्धा है। अपने स्कूल के समय को छोड़कर वह हर वक्त भगवान की भक्ति में लीन रहती हैं। उनकी ईश्वर से आस्था का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनके घर में हर तरफ भगवान की तस्वीरें लगी हैं। 

शिक्षिका शिवकुमारी जादौन का कहना है कि मेरे दो बेटे है। मैंने उनको उनका हिस्सा दे दिया। अब मेरे हिस्से में आने वाली प्रॉपर्टी, मकान, बैंक बैलेंस सहित जो भी चल-अचल संपत्ति थी, उसे मैंने छिमछिमा हनुमान मंदिर ट्रस्ट के नाम कर दिया है। महिला ने अपने अंतिम संस्कार के लिए होने वाली क्रिया मंदिर ट्रस्ट और पंचों के द्वारा करने की इच्छा व्यक्त की है। एसडीएम नीरज शर्मा का कहना है कि महिला शिक्षका शिवकुमारी जादौन जो खितरपाल में शिक्षिका है। उन्होंने अपनी पूरी चल अचल संपत्ति की वसीयत मंदिर के नाम से की है।

 

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दुनिया में ऐसे बहुत कम लोग होते हैं जो अपनी मेहनत की कमाई को दान में दे देते हैं। मध्यप्रदेश में एक महिला शिक्षिका ने अपनी मेहनत की पाई-पाई को भगवान के नाम कर दिया है। श्योपुर जिले के विजयपुर निवासी शिवकुमारी जादौन बचपन से ही ईश्वर के प्रति अगाध श्रद्धा है। अपने स्कूल के समय को छोड़कर वह हर वक्त भगवान की भक्ति में लीन रहती हैं। उनकी ईश्वर से आस्था का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनके घर में हर तरफ भगवान की तस्वीरें लगी हैं। 

शिक्षिका शिवकुमारी जादौन का कहना है कि मेरे दो बेटे है। मैंने उनको उनका हिस्सा दे दिया। अब मेरे हिस्से में आने वाली प्रॉपर्टी, मकान, बैंक बैलेंस सहित जो भी चल-अचल संपत्ति थी, उसे मैंने छिमछिमा हनुमान मंदिर ट्रस्ट के नाम कर दिया है। महिला ने अपने अंतिम संस्कार के लिए होने वाली क्रिया मंदिर ट्रस्ट और पंचों के द्वारा करने की इच्छा व्यक्त की है। एसडीएम नीरज शर्मा का कहना है कि महिला शिक्षका शिवकुमारी जादौन जो खितरपाल में शिक्षिका है। उन्होंने अपनी पूरी चल अचल संपत्ति की वसीयत मंदिर के नाम से की है।

 

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