Jabalpur: जानवरों के खाने योग्य चावल बांटा गया था, दो जिला प्रबंधक, चार गुणवत्ता निरीक्षकों की सेवा समाप्त


चावल की गुणवत्ता बहुते खराब पाई गई थी।
– फोटो : सोशल मीडिया
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बालाघाट एवं मंडला सहित प्रदेश के अन्य जिलों में गत दो साल पहले समर्थन मूल्य पर खरीदी गई धान से कस्टम मिलिंग से चावल बनाकर नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों तथा राइस मिलर्स ने करोड़ों रुपयों का पशु आहार एवं मुर्गी दाने के समतुल्य अमानक स्तर का चावल प्रदाय कर दिया गया था। जांच के बाद 19 व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई थी। नागरिक आपूर्ति निगम ने पांच के बाद दो जिला प्रबंधक तथा चार गुणवत्ता निरीक्षकों को सेवा से पृथक कर दिया है।
बता दें कि मामले की उच्च स्तरीय जांच केंद्रीय शासन के खाद्य आपूर्ति विभाग के उपायुक्त विश्वजीत हलधर द्वारा की गई थी। प्रदाय किए गए चावल के नमूने का परीक्षण किए जाने पर चावल मानव उपभोग के लिए अनुपयोगी पाया गया था। प्रदेश सरकार द्वारा जांच की जिम्मेदारी ईओडब्ल्यू को सौंपी गई थी। ईओडब्ल्यू ने जांच के बाद 19 अधिकारी-कर्मचारी तथा राइस मिलर्स के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर प्रकरण को विवेचना में लिया था।
शासन द्वारा पूरे प्रदेश में गोदामों की जांच कराई गई थी, जिसमें भारी मात्रा में अमानक स्तर का चावल पाए गए थे। प्रकरण में दोषी पाए गए अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय आदेश जारी किए गए थे। जांच में लगभग 16 करोड़ रुपये की आर्थिक अनियमितता पाई गई है। नागरिक आपूर्ति निगम भोपाल के प्रबंधक संचालक तरुण पिथोडे की जांच में दोषी पाए गए। आरके सोनी प्रभारी जिला प्रबंधक बालाघाट, मनोज श्रीवास्तव प्रभारी प्रबंधक मंडला तथा गुणवत्ता मिश्रा मंडला एवं राकेश सेन, नागेश उपाध्याय एवं मुकेश कनेरिया की सेवा समाप्ति के आदेश जारी किए हैं।