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जहां कभी छात्र थे डॉ. नागेंद्र कुमार सिंह, अब वही विद्यापीठ में बने एसोसिएट प्रोफेसर, बधाईयों का लगा तांता, इधर IGNTU के छात्रों में मायूसी…

अनूपपुर। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय में पत्रकारिता एवं जन संचार विभाग को ख्याति दिलाने वाले डॉक्टर नागेंद्र कुमार सिंह अब अपनी नई पारी की शुरूआत वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ से करेंगे. उनकी नियुक्ति महामना मदन मोहन मालवीय हिंदी पत्रकारिता संस्थान में बतौर एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर हुई है.

कौन हैं प्रोफेसर नागेंद्र कुमार सिंह ?
माता चंदकान्ता सिंह और पिता स्व. तेज बहादुर सिंह के सुपुत्र डॉ. नागेंद्र कुमार सिंह का जन्म 12 जुलाई, 1976 को मिर्जापुर, उत्तर प्रदेश में हुआ था. उन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी से स्नातक और महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी से एमजेएमसी और पत्रकारिता संस्थान के पूर्व निर्देशक प्रोफेसर ओमप्रकार सिंह के निर्देशन में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की.

विद्यापीठ देंगे सेवाएं
अब जिस विद्यापीठ से उन्होंने पढ़ाई की, उसी विद्यापीठ में बतौर एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में सेवा देंगे. कार्य अनुभव के रूप में डॉक्टर नागेंद्र सिंह ने कई पत्रिकाओं और शोध पत्रकाओं में संपादकीय मंडल में संपादक के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं.

डॉ. नागेंद्र की उपलब्धियां…
IGNTU अमरकंटक में रहते हुए डॉ. नागेंद्र कुमार सिंह ने 50 शोध पत्र, 15 बुक चैप्टर, 12 किताबें और 15 लेक अब तक प्रकाशित हो चुके हैं. डॉ. नागेंद्र कुमार सिंह ने IGNTU अमरकंटक में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग को जमीन से आसमान तक पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाई है. आज उनके पढ़ाए हुए छात्र देशभर के न्यूज चैनल्स, अखबार और वेबसाइट में सेवाएं दे रहे हैं.

एक छात्र ने बताया कि वो जब भी पढ़ाते थे, सामाजिक मूल्यों को जोड़कर समझाते थे, जिससे छात्रों को समझने में कभी परेशानी नहीं होती थी. इसके आलावा वो हरदम छात्रों की मदद के लिए भी तैयार रहते थे. छात्र उन्हें ‘गुरूदेव’ कहते थे. वे छात्रों की हक के लिए IGNTU के पूरे सिस्टम से लड़ जाते थे.

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