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Chhattisgarh: आयोडीन की कमी से होने वाले रोगों के बारे में बताएगी सरकार; 21 से 27 अक्तूबर तक जागरूकता अभियान

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छत्तीसगढ़ में लोगों को आयोडीन की कमी से होने वाले रोगों के संबंध में सरकार विशेष जागरूकता अभियान चलाने जा रही है। इसे लेकर 21 से 27 अक्तूबर तक वैश्विक आयोडीन अल्पता विकार नियंत्रण दिवस मनाया जाएगा। इस दौरान सभी स्वास्थ्य केंद्रों में विशेष अभियान चलेगा। इस दौरान आयोडीन की कमी से होने वाली बीमारियों और उससे बचाव के संबंध में जानकारी दी जाएगी। 

आयोडीन की कमी का सबसे ज्यादा असर गर्भवती महिलाओं और शिशुओं में होता है। इसे देखते हुए आयोडीनयुक्त नमक की उपयोगिता और सभी आयु वर्ग में आयोडीन के महत्व के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। जिला मुख्यालय सहित सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में लोगों को आयोडीनयुक्त नमक के प्रयोग के लिए प्रेरित किया जाएगा। अफसरों का कहना है कि आयोडीन अल्पता विकार और आयोडीनयुक्त नमक व खाद्य पदार्थों के सेवन के प्रति जागरूकता बेहद जरूरी है। 

आयोडीन की कमी से इस तरह की समस्याएं

  • गर्भवती महिलाओं में गर्भपात का खतरा
  • नवजात शिशु का वजन कम होना
  • शिशु का मृत पैदा होना या जन्म के बाद मृत्यु होने का खतरा
  • बौद्धिक और शारीरिक विकास संबंधी समस्याएं 
  • शरीर का कम विकसित होना 
  • सुनने और बोलने की समस्या
  • समझ में कमी 

स्वास्थ्य विभाग के आयोडीन अल्पता विकार नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. कमलेश जैन ने बताया कि आयोडीन अल्पता विकार एवं आयोडीनयुक्त नमक के सेवन के संबंध में जन-जागरूकता लाने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। शरीर में आयोडीन की कमी से होने वाले रोगों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए प्रतिवर्ष 21 अक्तूबर को वैश्विक आयोडीन अल्पता विकार निवारण दिवस मनाया जाता है। 

विस्तार

छत्तीसगढ़ में लोगों को आयोडीन की कमी से होने वाले रोगों के संबंध में सरकार विशेष जागरूकता अभियान चलाने जा रही है। इसे लेकर 21 से 27 अक्तूबर तक वैश्विक आयोडीन अल्पता विकार नियंत्रण दिवस मनाया जाएगा। इस दौरान सभी स्वास्थ्य केंद्रों में विशेष अभियान चलेगा। इस दौरान आयोडीन की कमी से होने वाली बीमारियों और उससे बचाव के संबंध में जानकारी दी जाएगी। 

आयोडीन की कमी का सबसे ज्यादा असर गर्भवती महिलाओं और शिशुओं में होता है। इसे देखते हुए आयोडीनयुक्त नमक की उपयोगिता और सभी आयु वर्ग में आयोडीन के महत्व के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। जिला मुख्यालय सहित सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में लोगों को आयोडीनयुक्त नमक के प्रयोग के लिए प्रेरित किया जाएगा। अफसरों का कहना है कि आयोडीन अल्पता विकार और आयोडीनयुक्त नमक व खाद्य पदार्थों के सेवन के प्रति जागरूकता बेहद जरूरी है। 

आयोडीन की कमी से इस तरह की समस्याएं

  • गर्भवती महिलाओं में गर्भपात का खतरा
  • नवजात शिशु का वजन कम होना
  • शिशु का मृत पैदा होना या जन्म के बाद मृत्यु होने का खतरा
  • बौद्धिक और शारीरिक विकास संबंधी समस्याएं 
  • शरीर का कम विकसित होना 
  • सुनने और बोलने की समस्या
  • समझ में कमी 

स्वास्थ्य विभाग के आयोडीन अल्पता विकार नियंत्रण कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. कमलेश जैन ने बताया कि आयोडीन अल्पता विकार एवं आयोडीनयुक्त नमक के सेवन के संबंध में जन-जागरूकता लाने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं। शरीर में आयोडीन की कमी से होने वाले रोगों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए प्रतिवर्ष 21 अक्तूबर को वैश्विक आयोडीन अल्पता विकार निवारण दिवस मनाया जाता है। 

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