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Chhattisgarh: SECL केंद्रीय अस्पताल में निर्माणाधीन दीवार गिरने से मजदूर की मौत; बिना टेंडर कराया जा रहा था काम

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छत्तीसगढ़ के कोरबा स्थित SECL केंद्रीय अस्पताल में निर्माणाधीन दीवार गिरने से एक मजदूर की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि हादसे के बाद मजदूर दीवार के नीचे दब कर घायल हो गया, लेकिन उसे उपचार तक नहीं दिया गया। किसी तरह साथी मजदूर उसे ऑटो से जिला अस्पताल लेकर पहुंचे जहां बुधवार देर शाम उसने दम तोड़ दिया। आरोप है कि बिना टेंडर के ही यह निर्माण कार्य कराया जा रहा था। मामला बाकी मोगरा थाना क्षेत्र का है। पुलिस ने मार्ग दर्ज कर जांच की बात कही है। 

विभागीय अस्पताल ने नहीं किया भर्ती
जानकारी के मुताबिक, कटाइनार निवासी खंभन दास दिवाकर और मनहरण दास SECL अस्पताल की मरम्मत कर रहे थे। इसी दौरान दीवार का एक हिस्सा गिर गया। उसकी चपेट में आने से खंभन दास दिवाकर गंभीर रूप से घायल हो गया। आरोप है कि SECL अस्पताल में हुए हादसे के बावजूद उसे उपचार नहीं मिला। उसे विभागीय अस्पताल ले गए, लेकिन खंभन दास को भर्ती नहीं किया गया। इसके बाद उसे जिला अस्पताल लेकर गए। जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। 

अस्पताल प्रबंधन का सहायता नहीं करने का आरोप
साथी मजदूर मनहरण दास ने बताया कि अस्पताल के पीछे एक जर्जर भवन है। उसकी ही मरम्मत का काम चल रहा था। तभी दीवार का एक हिस्सा गिर गया। अगर समय रहते उसका उपचार विभागीय अस्पताल में होता तो जान बच सकती थी। हादसे के बाद अस्पताल प्रबंधन की ओर से कोई सहायता नहीं दी गई और ना ही काम कराने वाले कर्मचारी ने रुचि दिखाई। खंभन दास के बेटे राजेश ने बताया कि उसे फोन पर हादसे की जानकारी मिली थी। इससे ज्यादा नहीं पता। 

कर्मचारी ने ही काम पर रखा था मजदूरों को
बताया जा रहा है कि अस्पताल के ही एक कर्मचारी ने दोनों मजदूरों को 400 रुपए प्रतिदिन की मजदूरी पर रखा था। यह काम बिल सेक्शन से संबंधित कर्मचारी ही गोपनीय तरीके से करा रहा था। इसकी जानकारी अधिकारियों को भी नहीं थी। SECL हॉस्पिटल के क्लर्क दीपक जोशी ने बताया कि घटना की जानकारी उसे पता नहीं है। बाद में पता चला की मलबे में दबने से मजदूर की मौत हुई है। मजदूर पहले भी घर का काम कर चुका था, इसलिए बुलाया गया, लेकिन कब काम करने आए इसकी जानकारी नहीं है।
 

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छत्तीसगढ़ के कोरबा स्थित SECL केंद्रीय अस्पताल में निर्माणाधीन दीवार गिरने से एक मजदूर की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि हादसे के बाद मजदूर दीवार के नीचे दब कर घायल हो गया, लेकिन उसे उपचार तक नहीं दिया गया। किसी तरह साथी मजदूर उसे ऑटो से जिला अस्पताल लेकर पहुंचे जहां बुधवार देर शाम उसने दम तोड़ दिया। आरोप है कि बिना टेंडर के ही यह निर्माण कार्य कराया जा रहा था। मामला बाकी मोगरा थाना क्षेत्र का है। पुलिस ने मार्ग दर्ज कर जांच की बात कही है। 

विभागीय अस्पताल ने नहीं किया भर्ती

जानकारी के मुताबिक, कटाइनार निवासी खंभन दास दिवाकर और मनहरण दास SECL अस्पताल की मरम्मत कर रहे थे। इसी दौरान दीवार का एक हिस्सा गिर गया। उसकी चपेट में आने से खंभन दास दिवाकर गंभीर रूप से घायल हो गया। आरोप है कि SECL अस्पताल में हुए हादसे के बावजूद उसे उपचार नहीं मिला। उसे विभागीय अस्पताल ले गए, लेकिन खंभन दास को भर्ती नहीं किया गया। इसके बाद उसे जिला अस्पताल लेकर गए। जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। 

अस्पताल प्रबंधन का सहायता नहीं करने का आरोप

साथी मजदूर मनहरण दास ने बताया कि अस्पताल के पीछे एक जर्जर भवन है। उसकी ही मरम्मत का काम चल रहा था। तभी दीवार का एक हिस्सा गिर गया। अगर समय रहते उसका उपचार विभागीय अस्पताल में होता तो जान बच सकती थी। हादसे के बाद अस्पताल प्रबंधन की ओर से कोई सहायता नहीं दी गई और ना ही काम कराने वाले कर्मचारी ने रुचि दिखाई। खंभन दास के बेटे राजेश ने बताया कि उसे फोन पर हादसे की जानकारी मिली थी। इससे ज्यादा नहीं पता। 

कर्मचारी ने ही काम पर रखा था मजदूरों को

बताया जा रहा है कि अस्पताल के ही एक कर्मचारी ने दोनों मजदूरों को 400 रुपए प्रतिदिन की मजदूरी पर रखा था। यह काम बिल सेक्शन से संबंधित कर्मचारी ही गोपनीय तरीके से करा रहा था। इसकी जानकारी अधिकारियों को भी नहीं थी। SECL हॉस्पिटल के क्लर्क दीपक जोशी ने बताया कि घटना की जानकारी उसे पता नहीं है। बाद में पता चला की मलबे में दबने से मजदूर की मौत हुई है। मजदूर पहले भी घर का काम कर चुका था, इसलिए बुलाया गया, लेकिन कब काम करने आए इसकी जानकारी नहीं है।

 

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