
Publish Date: | Thu, 13 Oct 2022 11:52 AM (IST)
कोरबा। जिले के चिर्रा और सेंद्री पाली गोठानों में दो माह के भीतर 2,874 लीटर गोमूत्र की खरीदी हो चुकी हैं। एक ओर किसान चार रूपये लीटर दर से बिक्री कर कमाई कर रहे हैं वहीं गोठान की महिला समूह इससे ब्रह्मास्त्र और जीवामृत जैसे फसल रक्षक उत्पाद तैयार कर लाभांवित हो रहीं है। दोनो ही गोठान की महिलाओं ने अभी गोमूत्र से बनी 63 हजार रूपये की उत्पाद बिक्री कर 11 हजार 496 रूपये की कमाई की है।
राष्ट्रीय आजीविका मिशन बिहान अंतर्गत स्व- सहायता समूह की महिलाएं गोमूत्र से जैविक कीट नियंत्रक ब्रह्मास्त्र और वृद्धिवर्धक जीवामृत बना रहीं हैं। महिलाओं द्वारा जैविक कीटनाशक गोमूत्र, नीम के पत्ते, पपीता, करंज, बिही के पत्तों से तैयार किया जा रहा है। वहीं वृद्धिवर्धक जीवामृत गोमूत्र, गुड़ गोबर, बेसन से बनाया जा रहा है। समूह की महिलाओं ने दो हजार 400 लीटर गोमूत्र से एक हजार 431 लीटर ब्रह्मास्त्र और जीवामृत तैयार किया है, जिसमें से एक हजार 195 लीटर कीट नियंत्रक एवं 200 लीटर वृद्धिवर्धक बनाया है।
महिलाओ द्वारा गौ मूत्र से तैयार ब्रह्मास्त्र को 50 रुपये प्रति लीटर तथा जीवामृत को 40 रुपये प्रति लीटर की दर से बेचा जा रहा है। चिर्रा गौठान की चंद्रमुखी स्व सहायता समूह की अध्यक्ष ललिता राठिया का कहना है कि छत्तीसगढ सरकार की गोमूत्र विक्रय योजना हम ग्रामीणों को लाभ देने वाली योजना है। इस योजना से ग्रामीण गोमूत्र बेचकर पैसे कमा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण महिलायें जैविक कीटनाशक और वृद्धिवर्धक बना कर, इसे बेचकर आर्थिक लाभ ले रहीं हैं। ललिता ने बताया कि महत्वपूर्ण योजना से महिलाएं आत्मनिर्भर बन रहीं हैं।
Posted By: Yogeshwar Sharma