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Damoh: दशहरे पर पुलिस विभाग ने किया शस्त्र पूजन, हर्ष फायरिंग कर एसपी ने निभाई परंपरा

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देशभर में दशहरे के मौके पर रावण के दहन के साथ ही शस्त्र पूजन की भी परंपरा है। इस मौके पर पुलिस विभाग भी अपने शस्त्रों का पूजन करता है। दशहरा पर्व के मौके पर बुधवार को दमोह एसपी डीआर तेनीवार ने गोली चलाकर शस्त्र पूजन की परंपरा निभाई। उनके साथ पुलिस के सभी वरिष्ठ अधिकारियों ने भी गोलियां चलाई।
 
दरअसल दशहरा पर्व के मौके पर पुलिस विभाग के रक्षित केंद्र में शस्त्र पूजन का आयोजन किया गया, जिसमें एसपी सहित सभी वरिष्ठ अधिकारी पहुंचे। विधि विधान से पूजन के बाद सभी पुलिस अधिकारियों ने हर्ष फायर किया। सबसे पहले एसपी डीआर तेनीवार ने 315 बोर की राइफल से हर्ष फायर कर पूजन का शुभारंभ किया। इसके बाद एडिशनल एसपी शिव कुमार सिंह, आरआई संजय सूर्यवंशी, सीएसपी अभिषेक तिवारी के अलावा कई एसडीओपी ने हर्ष फायर किया।

एसपी तेनीवार ने बताया कि परंपरा अनुसार दशहरा पर्व के दिन शस्त्र पूजन किया जाता है और इसके बाद हर्ष फायर होता है। इसी परंपरा का निर्वहन करते हुए उन्होंने भी रक्षित केंद्र में शस्त्र पूजन किया और उसके बाद हर्ष फायर किया है। एसपी ने बताया कि यह प्राचीन परंपरा है, जो चली आ रही है और हम सभी इसे मानते हैं।

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देशभर में दशहरे के मौके पर रावण के दहन के साथ ही शस्त्र पूजन की भी परंपरा है। इस मौके पर पुलिस विभाग भी अपने शस्त्रों का पूजन करता है। दशहरा पर्व के मौके पर बुधवार को दमोह एसपी डीआर तेनीवार ने गोली चलाकर शस्त्र पूजन की परंपरा निभाई। उनके साथ पुलिस के सभी वरिष्ठ अधिकारियों ने भी गोलियां चलाई।

 

दरअसल दशहरा पर्व के मौके पर पुलिस विभाग के रक्षित केंद्र में शस्त्र पूजन का आयोजन किया गया, जिसमें एसपी सहित सभी वरिष्ठ अधिकारी पहुंचे। विधि विधान से पूजन के बाद सभी पुलिस अधिकारियों ने हर्ष फायर किया। सबसे पहले एसपी डीआर तेनीवार ने 315 बोर की राइफल से हर्ष फायर कर पूजन का शुभारंभ किया। इसके बाद एडिशनल एसपी शिव कुमार सिंह, आरआई संजय सूर्यवंशी, सीएसपी अभिषेक तिवारी के अलावा कई एसडीओपी ने हर्ष फायर किया।

एसपी तेनीवार ने बताया कि परंपरा अनुसार दशहरा पर्व के दिन शस्त्र पूजन किया जाता है और इसके बाद हर्ष फायर होता है। इसी परंपरा का निर्वहन करते हुए उन्होंने भी रक्षित केंद्र में शस्त्र पूजन किया और उसके बाद हर्ष फायर किया है। एसपी ने बताया कि यह प्राचीन परंपरा है, जो चली आ रही है और हम सभी इसे मानते हैं।

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