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Gandhi Jayanti: MP के इस स्कूल में बापू के प्रिय भजन से होती है कक्षा की शुरुआत, गांधी टोपी लगाकर पढ़ते हैं छात्र

नरसिंहपुर। देशभर में आज (2 अक्टूबर) को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती मनाई जा रही है। बापू सत्य, अहिंसा और सादगी की मिसाल थे। उनके आदर्शों का लोग आज भी पालन करते हैं। महात्मा गांधी ने हर वर्ग को देश सेवा, सत्य, अहिंसा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया है और आज भी हजारों लोग उनके विचारों से प्रेरित होते हैं। मध्यप्रदेश में एक ऐसा स्कूल हैं, जहां हर दिन छात्रों के दिन की शुरुआत बापू के प्रिय भजन ‘रघुपति राघव राजाराम’ से होती है। प्रदेशभर के लोग इस स्कूल के बारे में जानते हैं। क्योंकि 175 साल से भी ज्यादा पुराने इस स्कूल की पहचान है गांधी टोपी, जिसे लगाकर बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं।

गांधी टोपी वाला स्कूल

गांधी टोपी वाला यह स्कूल मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले से आठ किमी दूर सिंहपुर गांव में हैं। गांधी टोपी इस शासकीय माध्यमिक बालक शाला की ड्रेस का अभिन्न हिस्सा है। स्कूल की ड्रेस सफेद शर्ट, नीला पेंट और गांधी टोपी है। कक्षा पहली से आठवीं तक पढ़ने वाला हर छात्र यहां बिना गांधी टोपी के शिक्षा ग्रहण नहीं करता। जब तक छात्र स्कूल में रहते हैं उनके सिर से टोपी नहीं हटती। बच्चों के स्कूल के दिन की शुरुआत बापू के प्रिय भजन ‘रघुपति राघव राजाराम’ से होती है। स्कूल में वर्षों पुराने चरखे भी मौजूद है, हालांकि अब उनसे सूत काटने का काम नहीं किया जाता।गांव में आये थे बापू

स्कूल की एक दीवार में इस बात का जिक्र मिलता है कि गांधी जी ने असहयोग आंदोलन के दौरान इस गांव के दौरे पर आये थे, तब से गांव के लोगों ने टोपी पहनना शुरू किया। स्कूल में भी टोपी पहनने की परंपरा तब से ही चली आ रही है। स्कूल की दीवार पर 3 अक्टूबर, 1945 को महात्मा गांधी के स्कूल पहुंचने का जिक्र किया गया है, साथ ही लिखा है ‘सत्य और अहिंसा के संपूर्ण पालन की भरसक कोशिश करूंगा, बापू का आशीर्वाद.’

करीब 175 साल पुराना है स्कूल

रिकॉर्ड के अनुसार, स्कूल का संचालन 1844 में शुरू हुआ था। लगभग 175 साल से भी ज्यादा पुराने इस स्कूल के बच्चो के लिए गांधी टोपी पहनना गर्व की बात है। विद्यालय के चार शिक्षकों नरेंद्र शर्मा, महेश शर्मा, शेख नियाज और देव लाल बुनकर को राष्ट्रपति पुरस्कार मिल चुका है।

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