
जांच के लिए गठित की गई थी टीम
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि चिल्फी क्षेत्र छत्तीसगढ़-मध्य प्रदेश की सीमा पर है और नक्सल प्रभावित है। इसे ध्यान में रखते हुए इस मामले की जांच के लिए एक टीम का गठन किया गया। साथ ही चौबे की सूचना देने वाले को नगद इनाम देने घोषणा की गई। सिंह ने बताया कि इस दौरान मामले के आरोपियों में से एक, बोक्करखार गांव के सरपंच अमित यादव ने भी चौबे की सूचना देने पर नगद इनाम की घोषणा की। इससे पुलिस को यादव पर शक हुआ।
उन्होंने बताया कि बाद में मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर पुलिस ने कुंडापानी गांव के पास जंगल से जला हुआ मानव कंकाल बरामद किया। कंकाल का परीक्षण कराने के बाद जानकारी मिली कि वह एक व्यस्क पुरूष का है। सिंह ने बताया कि इसके बाद पुलिस ने सरपंच अमित यादव और उसके तीन साथियों सरपंच के भाई सुखसागर, नंदलाल मेरावी और जगदीश ध्रुव से पूछताछ की। शुरुआत में उन्होंने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन बाद में उन्होंने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। चारों आरोपियों को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया।
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विवाद के बाद डंडे से किया था हमला
सिंह ने बताया कि आरोपी सरपंच ने स्वीकार किया कि चौबे 12 नवंबर की रात तक उसके साथ थे। इस दौरान दोनों के बीच विवाद हुआ और यादव ने चौबे के सिर पर डंडे से वार किया। इससे चौबे की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि हत्या के बाद चारों आरोपी शव को जंगल ले गए और उसे जला दिया। उन्होंने चौबे की मोटरसाइकिल को भी नष्ट कर दिया और उसे जंगल में गाड़ दिया। चौबे का मोबाइल फोन आरोपियों ने अपने पास रख लिया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपियों ने इलाके में अलग-अलग जगहों से चौबे के फोन से कॉल कर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की थी। उन्होंने बताया कि पुलिस मामले में आगे जांच कर रही है।